खटीमा: नंधौर वन्यजीव अभयारण्य 2012 में स्थापित किया गया था. यह हल्द्वानी वन प्रभाग में गौला और शारदा नदी के बीच लगभग 269.96 किमी वर्ग में फैला हुआ है. नंधौर वन्यजीव अभयारण्य नेपाल के ब्रह्मदेव और शुक्लाफाटा वन्यजीव अभ्यारणों और रामनगर के पश्चिमी जंगल और भारत मे तराई केंद्रीय वन प्रभाग के बीच की कड़ी है. हाल ही में एनटीसीए ने नंधौर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी को राज्य में तीसरा टाइगर रिजर्व बनाने की सिफारिश की है. यहां पर 32 टाइगर निवास करते हैं. पर्यटकों के लिए हर साल 15 नवंबर को नंधौर वन्यजीव अभयारण्य खोल दिया जाता है.
नंधौर वन्यजीव अभयारण्य टनकपुर के ककराली गेट से शुरू होता है वहीं इसका दूसरा द्वार चोरगलिया के नंधौर पर है. उत्तराखंड वन विभाग द्वारा इसे जिम कॉर्बेट पार्क की तर्ज पर विकसित किया जा रहा है. नंधौर वन डिवीजन के एसडीओ रामराज मौर्य का कहना है कि नंधौर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी प्राकृतिक रूप से समृद्ध स्थान है. यहां पर 100 से अधिक प्रजातियों के पेड़ व 30 से अधिक झाड़ियों की प्रजातियों के साथ ही लगभग 35 प्रजातियों की घास पाई जाती है. यहां पक्षियों की 100 से अधिक, सर्पों की 15 और मछलियों की 20 से अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं. साथ ही यहां हाथी, बाघ, भालू, तेंदुए के साथ ही अन्य वन्य जीव पाए जाते हैं. वर्तमान में करीब 100 पर्यटक रोजाना यहां जंगल सफारी के लिए आते हैं.
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वहीं सैलानियों का कहना है कि वन विभाग जिम कॉर्बेट की तर्ज पर सुविधाएं देता है तो यहां पर भी भारी संख्या में पर्यटक आएंगे. नंधौर वन्य जीव अभ्यारण में गाइड का काम कर रहे सौरभ कलखुड़िया का कहना है कि यहां कई प्रकार की वनस्पतियों के साथ ही जंगली जानवरों का सैलानी नजदीकी से दीदार करते हैं. पर्यटन और जंगल सफारी का भी जमकर लुत्फ उठाते हैं उन्होंने कहा कि आने वाले समय में यहां सैलानियों की संख्या काफी बढ़ सकती है.