गदरपुर: उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारियों ने चरमराई हुई स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने के लिए गदरपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक दिवसीय सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गयी है. मरीज को न तो बेहतर स्वास्थ सुविधा मिल रहा है, न ही स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सकों के रिक्त पदों पर नियुक्तियां हो पाई है. जिससे प्रदेश की जनता इलाज के अभाव में जान गंवाने को मजबूर है.
राज्य निर्माण आंदोलनकारी मोहन पाठक ने कहा कि पूरे प्रदेश में मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल रही है. प्रदेश सरकार को हल्द्वानी में स्थित सुशीला तिवारी अस्पताल को एम्स की तर्ज पर विकसित करना चाहिए ताकि, समूचे पहाड़ और मैदानी क्षेत्र की जनता को हल्द्वानी में अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सके.
उन्होंने कहा कि वर्तमान में सुशीला तिवारी अस्पताल की दशा बद से बदतर हो चुकी है, लेकिन सरकार की तरफ से अस्पताल पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अगर स्वास्थ्य व्यवस्था ठीक नहीं हुई तो प्रदेश की जनता सरकार को सबक सिखाकर रहेगी.
ये भी पढ़ें: दीवार गिरने से हुई मौत के मामले में ASP से मिले परिजन, अनहोनी की जताई आशंका
वहीं, आंदोलनकारी मोहम्मद आलम ने मांग करते हुए कहा कि हल्द्वानी स्थित सुशीला तिवारी को दिल्ली व ऋषिकेश एम्स अस्पताल की तरह विकसित किया जाए. इससे कुमाऊं मंडल के लोग अपना इलाज आसानी से करा पाएंगे. उन्होंने कहा कि गदरपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक भी डॉक्टर नहीं है है. ऐसे में क्षेत्र को लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल पा रही है.