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पन्तनगर विवि में हड़ताल के चलते छात्रों का भविष्य अधर में, शिक्षकों का कार्य बहिष्कार का ऐलान

अपनी मांगों को पूरी न होंने पर पन्तनगर कृषि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर कार्य बहिष्कार पर चले गए हैं, वहीं छात्रों के सेमेस्टर एग्जाम को भी ज्यादा समय नहीं बचा है, ऐसे में इसका खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ सकता है.

विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों ने किया कार्य बहिष्कार.
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Published : Sep 2, 2019, 4:24 PM IST

रुद्रपुर: सरकार और शिक्षकों के अड़ियल रवैए का खामियाजा पन्तनगर कृषि विश्वविद्यालय के छात्रों-छात्राओं को भुगतना पड़ सकता है. दरअसल विश्वविद्यालय के सभी प्रोफेसर अपनी मांगे पूरी न होने पर कार्य बहिष्कार पर चले गए हैं. अगर यही हालात रहे तो यूजीसी के मानकों के अनुरूप 100 दिन की क्लासेज नहीं पूरी हो पाएंगी जिसका खामियाजा छात्र-छात्राओं को भुगतना पड़ सकता है.

विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों ने किया कार्य बहिष्कार.

बता दें कि पन्तनगर विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने अपनी मांगे पूरी न होने पर कार्य बहिष्कार करना शुरू कर दिया है. इस दौरान विश्वविधालय सभी प्रोफेसरों ने कुलपति दफ्तर के बाहर धरना प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी प्रोफेसरों ने उत्तराखंड सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों के साथ भेदभाव कर रही है. प्रदेश के अन्य विश्वविधालयों में 7वां वेतनमान लागू कर दिया गया, लेकिन पन्तनगर विश्वविद्यालय में अभी तक ये लागू नही किया गया है. साथ ही ये भी आरोप लगाया है कि लगभग 300 कर्मचारियो को राज्य सरकार अपना कर्मचारी मानने को तैयार नहीं है.

वहीं विश्वविद्यालय के कुलसचिव ने बताया कि कुलपति द्वारा लगातार सरकार से बात चीत की जा रही है. विश्वविद्यालय में एडमिशन का कार्य शुरू हो गया है. उन्होंने कहा कि किसी भी तरह समस्या का हल निकाला जाएगा. बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा.

रुद्रपुर: सरकार और शिक्षकों के अड़ियल रवैए का खामियाजा पन्तनगर कृषि विश्वविद्यालय के छात्रों-छात्राओं को भुगतना पड़ सकता है. दरअसल विश्वविद्यालय के सभी प्रोफेसर अपनी मांगे पूरी न होने पर कार्य बहिष्कार पर चले गए हैं. अगर यही हालात रहे तो यूजीसी के मानकों के अनुरूप 100 दिन की क्लासेज नहीं पूरी हो पाएंगी जिसका खामियाजा छात्र-छात्राओं को भुगतना पड़ सकता है.

विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों ने किया कार्य बहिष्कार.

बता दें कि पन्तनगर विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने अपनी मांगे पूरी न होने पर कार्य बहिष्कार करना शुरू कर दिया है. इस दौरान विश्वविधालय सभी प्रोफेसरों ने कुलपति दफ्तर के बाहर धरना प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी प्रोफेसरों ने उत्तराखंड सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों के साथ भेदभाव कर रही है. प्रदेश के अन्य विश्वविधालयों में 7वां वेतनमान लागू कर दिया गया, लेकिन पन्तनगर विश्वविद्यालय में अभी तक ये लागू नही किया गया है. साथ ही ये भी आरोप लगाया है कि लगभग 300 कर्मचारियो को राज्य सरकार अपना कर्मचारी मानने को तैयार नहीं है.

वहीं विश्वविद्यालय के कुलसचिव ने बताया कि कुलपति द्वारा लगातार सरकार से बात चीत की जा रही है. विश्वविद्यालय में एडमिशन का कार्य शुरू हो गया है. उन्होंने कहा कि किसी भी तरह समस्या का हल निकाला जाएगा. बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा.

Intro:summry - अपनी मांगों को पूरा करने के लिए देश की सबसे पुरानी यूनिवर्सिटी पन्तनगर कृषि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर आज से कार्य बहिष्कार में चले गए हैं। जिसकारण अब छात्र ओर छात्राओं का भविष्य भी दांव में लग चूका है।

एंकर - सरकार और शिक्षकों के अड़ियल रवैए के चलते पन्तनगर कृषि विश्यविद्यालय के छात्र ओर छात्राओं का सेमेस्टर शून्य हो सकता है। दरशल विश्व विद्यालय के सभी प्रोफेसर अपनी मांगे पूरी ना होने के चलते आज से कार्यबहिष्कार में चले गए है। ऐसा ही चलता रहा तो यूजीसी के मानकों के अनुरूप सौ दिन की क्लासेज पूरी नही हो पाएगी। जिसका खामियाजा विश्व विद्यालय में पढ़ रहे छात्र ओर छात्राओं को भुगतना पड़ सकता है।


Body:वीओ - पन्तनगर विश्व विद्यालय के शिक्षकों द्वारा मांग ना पुरी होने के चलते आज से पूर्ण रूप से कार्यबहिष्कार शुरू कर दिया है। आज विश्व विद्यालय के सभी प्रोफेसरों द्वारा कार्य बहिष्कार करते हुए कुलपति दफ्तर परिषर के बाहर प्रदर्शन किया। इस दौरान सेकड़ो प्रोफेसर मौजूद रहे। दरशल उत्तराखंड सरकार के तुगलगी फरमान का विरोध विश्विद्यालय के प्रोफेसर जुलाई माह से कर रहे है। विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों का कहना है कि उत्तराखंड सरकार विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों के साथ भेद भाव कर रही है। एक ओर अन्य जगह 7 वॉ वेतन मान लागू कर दिया गया वही दूसरी ओर पन्तनगर विश्व विद्यालय के प्रोफेसरों पर अभी तक यह लागू नही किया गया है। इसके साथ ही सरकार का तुगलगी फरमान जो लोग केवीके ओर शोध के प्रोजेक्ट में काम कर रहे लगभग तीन सौ कर्मचारियो को राज्य सरकार अपना कर्मचारी मानने को तैयार नही है। ऐसे में शोध कार्यो में लगे वैज्ञानिक और कर्मचारियो को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इन्ही मांगो को लेकर वह जुलाई से प्रदर्शन कर रहे है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो यूजीसी के मानक के अनुरूप विश्व विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र ओर छात्राओं को 100 दिनो का सेशन भी प्रभावित होगा और उनका यह सेमेस्टर आग बढ़ सकता है। इसकी पूर्ण रूप से जिमेदारी सरकार की होगी। उन्होंने कहा कि कई बार की वार्ता के बाद भी अब तक कोई हल नहीं निकाला गया लिहाजा वह आज से पूर्ण रूप से कार्य बहिष्कार में है।

बाइट - डॉ रोहितास, अध्यक्ष पूसा

वही विश्वविद्यालय के कुलसचिव ने बताया कि कुलपति द्वारा लगातार सरकार से बात चीत की जा रही है। आज से विश्वविद्यालय में एडमिशन का कार्य शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह समस्या का हल निकाला जाएगा। बच्चो के भविष्य के साथ खिलवाड़ नही होने दिया जाएगा।

बाइट - एपी शर्मा, रजिस्ट्रार पन्तनगर विश्व विद्यालय।



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