रुद्रपुर: आप यदि घर में प्लास्टिक की वस्तुओं में गंगा जल रखते हैं तो सावधान हो जाइये. पंतनगर विश्वविद्यालय के केमिस्ट्री विभाग के प्रोफेसर एमजीएच जैदी ने दावा किया है कि, जिस प्लास्टिक के बर्तन में गंगाजल को भरा जाता है वे शुद्ध नहीं होता है. उन्होंने बताया कि, जिस प्लास्टिक का इस्तेमाल गंगा जल रखने के लिए किया जाता है, वे सेकेंडरी प्लास्टिक होता है. कुछ समय बाद वो प्लास्टिक अपने पदार्थ छोड़ने लगती है, जिससे वो गंगाजल में घुल जाती है. जिसके कारण प्लास्टिक की बोतल में भरा गया गंगा जल शुद्ध नहीं रह जाता है.
बता दें कि हिन्दू धर्म मे गंगा जल को पवित्र माना गया है. इसके अलावा प्लास्टिक के बर्तन में रखे गए गंगा जल की पवित्रता खत्म हो जाती है. ये दावा पन्तनगर विश्व विद्यालय के कैमेस्ट्री विभाग के प्रोफेसर का है. प्रोफेसर एमजीएच जैदी पिछले 30 सालों से प्लास्टिक पर शोध कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि प्लास्टिक के बर्तनों में रखा गंगा जल रखा जाता है जो कि निर्धारित समय के बाद उस गंगा जल की पवित्रता खत्म हो जाती है.
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प्रोफेसर एमजीएच जैदी का कहना है कि, जिस प्लास्टिक की बोतल में लोग गंगा जल लाते हैं, वो प्लास्टिक सेकेंड्री होती है, जिसे कचरे के ढेर से उठाने के बाद रिसाइकिल कर यूज किया जाता है. उन्होंने लोगों से अपील की है कि प्लास्टिक की बोतलों में भरे गंगा जल का इस्तेमाल न करें.