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प्रशासन की टीम ने बाढ़ चौकियों का निरीक्षण, निपटने के लिए किया इंतजाम - upcoming monsoon session

आगामी मानसून सत्र को देखते हुए जिलाधिकारी नीरज खैरवाल के निर्देश पर संयुक्त मजिस्ट्रेट और सीओ ने प्रशासनिक टीम के साथ संयुक्त रूप से काशीपुर की बाढ़ चौकियों का निरीक्षण किया.

बाढ़ चौकियों का निरीक्षण करते एसडीएम,हिमांशु खुराना.
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Published : May 31, 2019, 3:14 PM IST

उधमसिंह नगर: आगामी मानसून सत्र को देखते हुए प्रदेश सरकार ने बाढ़ की आपात स्थिति से निपटने के लिए कमर कस ली है. इसी क्रम में जिलाधिकारी नीरज खैरवाल के निर्देश पर संयुक्त मजिस्ट्रेट और सीओ ने प्रशासनिक टीम ने काशीपुर की बाढ़ चौकियों का निरीक्षण किया.

जानकारी देते एसडीएम हिमांशु खुराना.

आपको बता दें कि काशीपुर में हर साल बरसात के महीने ढेला नदी, अर्जुन नाला ऊफान पर बहती है. जिसके चलते काशीपुर के ढेला नदी के किनारे पर बसे बैलजुड़ी, बेतवाला, इस्लामनगर, बसई ग्राम और अर्जुन नाले और कोसी नदी के किनारे स्थित अजीतपुर, दभौरा मुस्तकम, हिम्मतपुर, हेमपुर स्माइल, कुंडेश्वरी और जुड़का गांवों में बाढ़ की स्थिति बनी रहती है. जिससे यहां ग्रामीणों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है.

जिसके चलते जिलाधिकारी नीरज खैरवाल के निर्देश पर एसडीएम हिमांशु खुराना और सीओ मनोज ठाकुर ने राजश्व टीम के साथ ढेला नदी, अर्जुन नाला क्षेत्र और इनसे संबंधित बाढ़ चौकियों का निरीक्षण किया. साथ ही बाढ़ चौकियों की स्थिति का जायजा लिया. इस दौरान एसडीएम हिमांशु खुराना ने बताया कि काशीपुर क्षेत्र में सात बाढ़ चौकियां हैं. जिसमें चार बाढ़ चौकियां ढेला नदी क्षेत्र, दो चौकियां अर्जुन नाले क्षेत्र और एक कोसी नदी क्षेत्र में बनाई गई है. उन्होंने बताया कि सभी चौकियों में बाढ़ से निपटने के लिए पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं.

उधमसिंह नगर: आगामी मानसून सत्र को देखते हुए प्रदेश सरकार ने बाढ़ की आपात स्थिति से निपटने के लिए कमर कस ली है. इसी क्रम में जिलाधिकारी नीरज खैरवाल के निर्देश पर संयुक्त मजिस्ट्रेट और सीओ ने प्रशासनिक टीम ने काशीपुर की बाढ़ चौकियों का निरीक्षण किया.

जानकारी देते एसडीएम हिमांशु खुराना.

आपको बता दें कि काशीपुर में हर साल बरसात के महीने ढेला नदी, अर्जुन नाला ऊफान पर बहती है. जिसके चलते काशीपुर के ढेला नदी के किनारे पर बसे बैलजुड़ी, बेतवाला, इस्लामनगर, बसई ग्राम और अर्जुन नाले और कोसी नदी के किनारे स्थित अजीतपुर, दभौरा मुस्तकम, हिम्मतपुर, हेमपुर स्माइल, कुंडेश्वरी और जुड़का गांवों में बाढ़ की स्थिति बनी रहती है. जिससे यहां ग्रामीणों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है.

जिसके चलते जिलाधिकारी नीरज खैरवाल के निर्देश पर एसडीएम हिमांशु खुराना और सीओ मनोज ठाकुर ने राजश्व टीम के साथ ढेला नदी, अर्जुन नाला क्षेत्र और इनसे संबंधित बाढ़ चौकियों का निरीक्षण किया. साथ ही बाढ़ चौकियों की स्थिति का जायजा लिया. इस दौरान एसडीएम हिमांशु खुराना ने बताया कि काशीपुर क्षेत्र में सात बाढ़ चौकियां हैं. जिसमें चार बाढ़ चौकियां ढेला नदी क्षेत्र, दो चौकियां अर्जुन नाले क्षेत्र और एक कोसी नदी क्षेत्र में बनाई गई है. उन्होंने बताया कि सभी चौकियों में बाढ़ से निपटने के लिए पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं.

Intro:प्रदेश में आने वाले मानसून सत्र को देखते हुए जहां प्रदेश के शासन स्तर पर प्रदेश की सरकारी मशीनरी ने कमर कस ली है तो वहीं प्रत्येक जिले में जिलाधिकारी के द्वारा मानसून सत्र को देखते हुए पूरी तरह से कमर कस दी है जिसके तहत ऊधम सिंह नगर ज़िले के जिलाधिकारी के निर्देश पर काशीपुर तथा आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ की आपात स्थिति से निपटने के मद्देनजर काशीपुर के संयुक्त मजिस्ट्रेट हिमांशु खुराना सीओ मनोज ठाकुर ने संयुक्त रूप से प्रशासनिक टीम के साथ बाढ़ चौकियों का निरीक्षण किया। 




Body:वीओ- इस दौरान एसडीएम हिमांशु खुराना और सीओ ने राजश्व टीम के साथ ढेला नदी, अर्जुन नाला आदि से संबंधित क्षेत्रों और उससे संबंधित बाढ़ चौकियों का निरीक्षण कर बाढ़ चौकियों की स्थिति जानी जिससे आने वाले मानसून सीजन में बाढ़ की आपात स्थिति से निपटा जा सके। इस दौरान एसडीएम हिमांशु खुराना ने बताया कि काशीपुर क्षेत्र में सात बाढ चौकिया हैं जिसमें चार बाढ़ चौकिया ढेला नदी क्षेत्र, दो अर्जुन नाले तथा एक कोसी नदी क्षेत्र में बनाई गई है और सभी में बाढ़ से निपटने के लिए पर्याप्त इंतजाम हैं। 
वीओ- आपको बताते चलें कि काशीपुर में प्रत्येक वर्ष ढेला नदी अर्जुन नाला तथा काशीपुर से सटे सीमावर्ती क्षेत्र के अनेक गांवों में कोसी नदी बरसात के सीजन में अपना रौद्र रूप दिखाते हैं जिसके चलते काशीपुर के ढेला नदी के किनारे पर बसने वाले ग्राम बैलजुड़ी, बेतवाला, इस्लामनगर, बसई, अर्जुन नाले और कोसी नदी के किनारे स्थित अजीतपुर, दभौरा मुस्तकम, ग्राम हिम्मतपुर, हेमपुर स्माइल, कुंडेश्वरी, जुड़का आदि अनेक गांव में रहने वाले ग्रामीणों का आम जनजीवन ना केवल अस्तव्यस्त होता है बल्कि इन क्षेत्रों मैं रहने वाले किसानों की कई एकड़ जमीन पर हो रही खेती भी बरसात की भेंट चढ जाती है। सिंचाई विभाग के द्वारा हर बार बाढ़ से निबटने के इंतजामों की बात की जाती है लेकिन बरसात आने पर विभाग के कलाई सार्वजनिक रूप से खुल जाती है।
बाइट- हिमांशु खुराना, एसडीएम




Conclusion:हर बार की तरह इस बार भी स्थानीय प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने भले ही बरसात के सीजन आने से पहले बाढ़ चौकियों का निरीक्षण कर लिया हो अब देखना यह होगा कि बरसात के सत्र से पूर्व किए गए प्रशासनिक अधिकारियों के निरीक्षण के बाद बरसात के समय समय इन बाढ़ चौकियों पर तैनात कर्मचारी कितना दुरस्त कार्य कर पाते हैं।
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