सितारगंज: चार दिन पहले सितारगंज की संपूर्णानंद खुली जेल में हुई कैदी की मौत की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है. कैदी की मौत कोई हादसा नहीं था, बल्कि उसकी हत्या की गई थी. मृतक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी शरीर पर चोट के निशाना मिले थे. उसी के आधार पर पुलिस ने मामले की जांच शुरू की थी.
जानकारी के मुताबिक, पिथौरागढ़ निवासी जीवन सिंह (45) पिछले करीब दस सालों से संपूर्णानंद जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था, लेकिन चार दिन पहले उसकी मौत हो गई. पुलिस ने मौत के कारणों का पता लगाने के लिए जीवन का पोस्टमार्टम कराया तो पता चला कि उसके सिर पर चार जगह चोट के निशान थे. जिनके आधार पुलिस ने अपनी जांच को आगे बढ़ाया.
पढ़ें- सितारगंज जेल में संदिग्ध परिस्थितियों में कैदी की मौत
जांच के दौरान पुलिस के सामने आया कि आजीवन सजा काट रहे कैदी जीतू (55) ने ही जीवन की हत्या की है. पुलिस के मुताबिक, सरियानुमा हथियार से जीतू ने जीवन की हत्या की थी, जिसे पुलिस ने बरामद कर लिया है. पुलिस ने आरोपी जीतू को न्यायालय में पेश कर रिमांड मांगी है.
बता दें कि चार दिन पहले जीवन की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. जीवन संपूर्णानंद जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था. वह रोज की तरह घटना वाले दिन भी शाम को खुली जेल में बनी झोपड़ी में चला गया था. रात करीब नौ बजे मेटराकेश कुमार ने जेलर को कैदी के घायल अवस्था में पड़े होने की सूचना दी. इस पर जेलर जयंत पांगती ने जेल की एंबुलेंस से कैदी को नगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा, जहां डॉक्टर अभिलाषा पांडेय ने उसे मृत घोषित कर दिया.
चौंकाने वाला है हत्या का कारण
पुलिस के मुताबिक, मृतक जीवन और आरोपी जीतू दोनों कुत्ते पाला करते थे, जिनको लेकर दोनो में अकसर विवाद भी होता रहता था. इस बीच जीवन ने जीतू के तीन कुत्ते के बच्चे मार डाले जिससे आक्रोशित होकर जीतू ने जीवन के सिर पर सरिया से हमला कर दिया था. जैसे ही जेल प्रशासन को कैदी के घायल होने की सूचना मिली तो वह उसे अस्पताल ले गए जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था.