काशीपुर: बाजपुर थाना क्षेत्र में बीती 10 मई को बैंक मैनेजर पर हुई फायरिंग मामले में पुलिस ने एक महिला समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपी कोई ओर नहीं, बल्कि जिस किराए की बिल्डिंग में बैंक चल रहा था, उसकी मकान मालकिन ही निकली. मैनेजर ने मकान मालकिन को बैंक का किराया नहीं दिया था, इसीलिए मकान मालिक ने ही बैंक मैनेजर पर जानलेवा हमला करवाया था. आरोपियों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया.
पुलिस ने बताया कि 10 मई शाम को बाजपुर कोतवाली क्षेत्र दि नैनीताल बैंक लिमिडेट शाखा बरहैनी के मैनेजर पर अज्ञात बदमाशों ने फायर झोंक दिया था. बैंक मैनेजर की तहरीर पर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू की. जांच के दौरान पुलिस को आरोपियों के खिलाफ कई अहम सुराग मिले, जिसके आधार पर पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया.
उधमसिंह नगर एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि पुलिस टीम ने जांच के दौरान करीब 130 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली. मुखबिर की सूचना पर टीम ने फायरिंग करने वाले आरोपी चरणजीत उर्फ दीपू निवासी पहाड़पुर बरहैनी और उसके साथी रिकू उर्फ गुरपाल को यादव होटल के पीछे बाजपुर को गिरफ्तार किया गया है. जबकि घटना की मास्टरमाइंड नीलम आनंद निवासी बरहैनी बाजपुर उधमसिंह नगर को आज सुबह घर से गिरफ्तार किया गया.
पढ़ें- 12 साल की मासूम की करवा दी दो-दो शादियां, जब गर्भवती हुई तो खुला राज, एक गिरफ्तार
बैंक मैनेजर को करना था रास्ते से साफ: आरोपी दीपू ने पुलिस को बताया कि नीलम के पति लाजकुमार के मकान में किराए पर दि नैनीताल बैंक लिमिटेड चल रहा है. साल 2020 में लाजकुमार का निधन हो गया था. तब से लेकर नीलम को बैंक का किराया नहीं मिल पा रहा था. लगातार बैंक के नोटिस देने के बाद भी उक्त मकान को नीलम अपने घरेलू विवाद के चक्कर में नाम नहीं करा पा रही थी.
कई बार उसने पूर्व की भांति उसी खाते में किराए की रकम डालने के लिए कहा गया, लेकिन बैंक मैनेजर ने इसे नियम विरुद्ध बताते हुए साफ मना कर दिया. इसके बाद उनके घर में काम करने वाले चरणजीत उर्फ दीपू ने बैंक मैनेजर पर हमला बोल कर उसे साइड करने का प्लान तैयार किया. ताकि दूसरा बैंक मैनेजर आकर उनका काम कर दे.
10 मई को दिया था वारदात को अंजाम: पुलिस ने बताया कि 10 मई को मकान मालकिन नीलम ने चरणजीत को तमंचा एवं जिंदा कारतूस देते हुए योजना को अंजाम देने की बात कही. इस दौरान चरणजीत ने अपने एक साथी रिंकू उर्फ गुरुपाल को लिया और 10 मई शाम को जैसे ही मैनेजर बैंक से निकल कर नमूना के पास पहुंचा, तभी उन्होंने उसकी कार पर फायर झोंक दी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया था. इसके बाद दोनों आरोपी घर लौट आए.
पढ़ें- हल्द्वानी: कारोबारी महिला ने पति पर लगाए गंभीर आरोप, 70 लाख रुपए के साथ संपत्ति को भी हड़पा
सीसीटीवी फुटेज से मिला सुराग: मामले का खुलासा करने के लिए एसएसपी के निर्देश पर चार टीमों का गठन किया गया. इन टीमों ने करीब 130 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली. सीसीटीवी कैमरों में बाइक सवार दो संदिग्ध दिखाई दिए, जिसके आधार पर पुलिस आरोपियों तक पहुंची. पुलिस ने बताया कि जैसे ही आरोपियों को जानकारी हुई की बैंक मैनेजर वापस लौट आया है तो वह दोनों एक बार फिर उसे धमकाने के लिए पहुंचे ही थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें पहले ही गिरफ्तार कर लिया.