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थाईलैंड के इस बारामासी आम ने सबको बनाया दीवाना, एक बार चखेंगे तो बार बार मांगेंगे

Thailand Mango in Pantnagar Farmers Fair किसान मेले में लोगों की निगाह एक आम पर टिकी रही. आम का यह पौधा दो साल में फल देने लगता है और मीठा इतना है कि लंगड़ा आम को भी मात देता है. वहीं थाईलैंड के इस आम की प्रजाति को किसान काफी पसंद कर रहे हैं.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 14, 2023, 10:50 AM IST

Updated : Oct 14, 2023, 1:13 PM IST

थाईलैंड के बारामासी आम की किसान कर रहे मांग

रुद्रपुर: फलों के राजा आम का नाम आते ही मुंह में पानी आना लाजमी है, जो अपने रसीले स्वाद के लिए जाना जाता है. लेकिन सीजनल होने के कारण लोग सीजन में ही इसके स्वाद का लुत्फ उठा सकते हैं. अब आप 12 महीने आम का लुत्फ उठा सकते हैं. पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय में चल रहे किसान मेले में लगे एक स्टाल में थाईलैंड के बारामासी आम की प्रजाति को प्रदर्शनी में रखा गया है. आम की यह प्रजाति सालभर फल देती है.

Rudrapur
थाईलैंड बारामासी आम का पौध लेते किसान

इसकी खास बात यह है कि आम के पेड़ में दो साल से ही फ्रूट आना शुरू हो जाता है. मीठे के मामले में लंगड़ा आम को भी पीछे छोड़ देता है. इतना ही नहीं पेड़ वायरस फ्री है. अब पूरे साल ताजा आम का स्वाद मिल सकता है. अखिल भारतीय किसान मेला पंतनगर में थाईलैंड की प्रजाति थाई बारामासी आम लोगों की पहली पसंद बना हुआ है. मेले में लगी पश्चिम बंगाल की एक नर्सरी में प्रदर्शनी के लिए बारामासी मीठा आम के पेड़ को रखा गया है. इसकी खास बात यह है कि आम का पौधा दो साल में ही फल देना शुरू कर देता है. पांच साल बाद आम का पौधा हर साल 50 किलो से अधिक फल देता है.

Rudrapur
थाईलैंड बारामासी आम
पढ़ें- आम के शौकीनों के लिए बुरी खबर, स्वाद के लिए चुकानी पड़ेगी भारी कीमत

इतना ही नहीं पौधे पर फल और फूल एक साथ दिखाई देते हैं. थाई बारामासी मीठे आम की प्रजाति ने मीठे के मामले में आम की प्रजाति लंगड़े को भी फेल कर रखा है. नर्सरी के मालिक अयन मंडल ने बताया कि थाईलैंड की इस प्रजाति को बांग्लादेश द्वारा डेवलप किया गया है, जिसे काटी मन के नाम से जाना जाता है. देश में नर्सरी द्वारा इसे लॉन्च किया गया है. अब तक वह गुजरात, पंजाब, महाराष्ट्र, यूपी के किसान कॉमर्शियल रूप से इसे लगा रहे हैं. पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के किसान मेले में पहली बार इसकी प्रदर्शनी लगाई गई है.

थाईलैंड के बारामासी आम की किसान कर रहे मांग

रुद्रपुर: फलों के राजा आम का नाम आते ही मुंह में पानी आना लाजमी है, जो अपने रसीले स्वाद के लिए जाना जाता है. लेकिन सीजनल होने के कारण लोग सीजन में ही इसके स्वाद का लुत्फ उठा सकते हैं. अब आप 12 महीने आम का लुत्फ उठा सकते हैं. पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय में चल रहे किसान मेले में लगे एक स्टाल में थाईलैंड के बारामासी आम की प्रजाति को प्रदर्शनी में रखा गया है. आम की यह प्रजाति सालभर फल देती है.

Rudrapur
थाईलैंड बारामासी आम का पौध लेते किसान

इसकी खास बात यह है कि आम के पेड़ में दो साल से ही फ्रूट आना शुरू हो जाता है. मीठे के मामले में लंगड़ा आम को भी पीछे छोड़ देता है. इतना ही नहीं पेड़ वायरस फ्री है. अब पूरे साल ताजा आम का स्वाद मिल सकता है. अखिल भारतीय किसान मेला पंतनगर में थाईलैंड की प्रजाति थाई बारामासी आम लोगों की पहली पसंद बना हुआ है. मेले में लगी पश्चिम बंगाल की एक नर्सरी में प्रदर्शनी के लिए बारामासी मीठा आम के पेड़ को रखा गया है. इसकी खास बात यह है कि आम का पौधा दो साल में ही फल देना शुरू कर देता है. पांच साल बाद आम का पौधा हर साल 50 किलो से अधिक फल देता है.

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थाईलैंड बारामासी आम
पढ़ें- आम के शौकीनों के लिए बुरी खबर, स्वाद के लिए चुकानी पड़ेगी भारी कीमत

इतना ही नहीं पौधे पर फल और फूल एक साथ दिखाई देते हैं. थाई बारामासी मीठे आम की प्रजाति ने मीठे के मामले में आम की प्रजाति लंगड़े को भी फेल कर रखा है. नर्सरी के मालिक अयन मंडल ने बताया कि थाईलैंड की इस प्रजाति को बांग्लादेश द्वारा डेवलप किया गया है, जिसे काटी मन के नाम से जाना जाता है. देश में नर्सरी द्वारा इसे लॉन्च किया गया है. अब तक वह गुजरात, पंजाब, महाराष्ट्र, यूपी के किसान कॉमर्शियल रूप से इसे लगा रहे हैं. पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के किसान मेले में पहली बार इसकी प्रदर्शनी लगाई गई है.

Last Updated : Oct 14, 2023, 1:13 PM IST
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