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सामाजिक-राजनीतिक दलों ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि, बोले- सपनों का उत्तराखंड अधूरा

उत्तराखंड के 22वें स्थापना दिवस के मौके पर देहरादून, खटीमा और विकासनगर में सामाजिक एवं राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान राज्य आंदोलनकारियों ने कहा कि सपनों का उत्तराखंड बनना बाकी है.

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Published : Nov 9, 2021, 4:17 PM IST

Updated : Nov 9, 2021, 10:48 PM IST

uttarakhand foundation day
शहीदों को श्रद्धांजलि

देहरादून/खटीमा/विकासनगरः उत्तराखंड अपना 22वां स्थापना दिवस (uttarakhand foundation day) मना रहा है. ऐसे पूरे प्रदेशभर में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में सामाजिक और राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों ने शहीद स्मारक पहुंचकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी. साथ ही उनके योगदान को याद किया. जिसमें राजपुर विधायक खजान दास भी शामिल रहे. उन्होंने भी राज्य स्थापना दिवस पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी और प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी.

राजपुर विधायक खजान दास ने कहा कि इन 21 सालों में कुछ अच्छे कार्य हुए तो कुछ कार्य अभी होने बाकी हैं. जिसे पूरा करने के लिए सरकार संकल्पबद्ध है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने राज्य आंदोलनकारियों की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा किया है. आंदोलनकारियों की पेंशन को 3100 रुपए से बढ़ाकर 4500 रुपए किया है. जबकि, 5 हजार रुपए की कैटेगरी में आने वाले राज्य आंदोलनकारी की पेंशन बढ़ाकर 6 हजार रुपए कर दी गई है. उन्होंने कहा कि राज्य आंदोलनकारियों की जो अन्य मांगे हैं, उस पर भी विचार किया जाएगा.

शहीदों को श्रद्धांजलि.

ये भी पढ़ेंः राज्य स्थापना दिवस पर 12 लोगों को मिले सम्मान मेडल, CM बोले- जल्द भरेंगे 24 हजार सरकारी पद

वहीं, राज्य स्थापना दिवस के मौके पर शहीद स्मारक पहुंचे उत्तरकाशी के आंदोलनकारी जगबीर रावत ने कहा कि 21 साल पहले उन्होंने छात्र रहते हुए आंदोलन किया था. उस समय उन्होंने सोचा था कि भविष्य में जो उत्तराखंड बनेगा, वो शहीदों के सपनों के अनुरूप बनेगा. लेकिन 21 साल बाद भी प्रदेश में जो बजट केंद्र से आता है, उसका 70% बजट कमीशनखोरी में चला जाता है. हालांकि, उन्होंने कहा कि प्रदेश आगे भी बढ़ रहा है.

ये भी पढ़ेंः कुंभ कोविड टेस्ट फर्जीवाड़े पर बोले मंत्री धन सिंह रावत, बख्शे नहीं जाएंगे आरोपी

उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच के प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन नेगी और जिलाध्यक्ष प्रदीप कुकरेती ने भी शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किए. उन्होंने कहा कि 21 साल के युवा उत्तराखंड के सभी शहीदों को न्याय मिलना चाहिए. इसके अलावा राज आंदोलनकारियों ने नौजवानों को रोजगार, गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने और पलायन को रोकने के लिए कुटीर उद्योग स्थापित किए जाने की भी मांग भी की.

खटीमा में शहीदों के परिजनों को किया गया सम्मानितः खटीमा में निर्माणधीन शहीद स्मारक स्थल पर राज्य आंदोलनकारियों ने राज्य निर्माण के दौरान शहादत देने वाले शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए. साथ ही शहीदों के परिजनों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया. इस दौरान शहीदों के योगदान को याद किया गया. वहीं, एसडीएम निर्मला बिष्ट ने बताया कि राज्य में सभी जगह राज्य स्थापना दिवस मनाया जा रहा है. खटीमा में भी सभी सरकारी संस्थानों में सांस्क्रतिक कार्यक्रम किए जा रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः विधानसभा चुनाव से ठीक पहले CM धामी ने खेला पेंशन कार्ड, सुनिए 96 वर्षीय आंदोलनकारी की व्यथा

विकासनगर में कांग्रेसियों ने दी श्रद्धांजलिः विकासनगर शहर कांग्रेस कमेटी ने राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर अस्पताल रोड स्थित शहीद स्मारक पर आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि दी. साथ ही 2 मिनट का मौन भी रखा. कांग्रेस के जिलाध्यक्ष संजय किशोर ने कहा कि उत्तराखंड का गठन शहादत और आंदोलन के बाद हुआ है. जिन उद्देश्यों को लेकर राज्य का गठन किया गया था, वो अभी कहीं न कहीं अधूरा है.

देहरादून/खटीमा/विकासनगरः उत्तराखंड अपना 22वां स्थापना दिवस (uttarakhand foundation day) मना रहा है. ऐसे पूरे प्रदेशभर में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में सामाजिक और राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों ने शहीद स्मारक पहुंचकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी. साथ ही उनके योगदान को याद किया. जिसमें राजपुर विधायक खजान दास भी शामिल रहे. उन्होंने भी राज्य स्थापना दिवस पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी और प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी.

राजपुर विधायक खजान दास ने कहा कि इन 21 सालों में कुछ अच्छे कार्य हुए तो कुछ कार्य अभी होने बाकी हैं. जिसे पूरा करने के लिए सरकार संकल्पबद्ध है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने राज्य आंदोलनकारियों की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा किया है. आंदोलनकारियों की पेंशन को 3100 रुपए से बढ़ाकर 4500 रुपए किया है. जबकि, 5 हजार रुपए की कैटेगरी में आने वाले राज्य आंदोलनकारी की पेंशन बढ़ाकर 6 हजार रुपए कर दी गई है. उन्होंने कहा कि राज्य आंदोलनकारियों की जो अन्य मांगे हैं, उस पर भी विचार किया जाएगा.

शहीदों को श्रद्धांजलि.

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वहीं, राज्य स्थापना दिवस के मौके पर शहीद स्मारक पहुंचे उत्तरकाशी के आंदोलनकारी जगबीर रावत ने कहा कि 21 साल पहले उन्होंने छात्र रहते हुए आंदोलन किया था. उस समय उन्होंने सोचा था कि भविष्य में जो उत्तराखंड बनेगा, वो शहीदों के सपनों के अनुरूप बनेगा. लेकिन 21 साल बाद भी प्रदेश में जो बजट केंद्र से आता है, उसका 70% बजट कमीशनखोरी में चला जाता है. हालांकि, उन्होंने कहा कि प्रदेश आगे भी बढ़ रहा है.

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उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच के प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन नेगी और जिलाध्यक्ष प्रदीप कुकरेती ने भी शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किए. उन्होंने कहा कि 21 साल के युवा उत्तराखंड के सभी शहीदों को न्याय मिलना चाहिए. इसके अलावा राज आंदोलनकारियों ने नौजवानों को रोजगार, गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने और पलायन को रोकने के लिए कुटीर उद्योग स्थापित किए जाने की भी मांग भी की.

खटीमा में शहीदों के परिजनों को किया गया सम्मानितः खटीमा में निर्माणधीन शहीद स्मारक स्थल पर राज्य आंदोलनकारियों ने राज्य निर्माण के दौरान शहादत देने वाले शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए. साथ ही शहीदों के परिजनों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया. इस दौरान शहीदों के योगदान को याद किया गया. वहीं, एसडीएम निर्मला बिष्ट ने बताया कि राज्य में सभी जगह राज्य स्थापना दिवस मनाया जा रहा है. खटीमा में भी सभी सरकारी संस्थानों में सांस्क्रतिक कार्यक्रम किए जा रहे हैं.

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विकासनगर में कांग्रेसियों ने दी श्रद्धांजलिः विकासनगर शहर कांग्रेस कमेटी ने राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर अस्पताल रोड स्थित शहीद स्मारक पर आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि दी. साथ ही 2 मिनट का मौन भी रखा. कांग्रेस के जिलाध्यक्ष संजय किशोर ने कहा कि उत्तराखंड का गठन शहादत और आंदोलन के बाद हुआ है. जिन उद्देश्यों को लेकर राज्य का गठन किया गया था, वो अभी कहीं न कहीं अधूरा है.

Last Updated : Nov 9, 2021, 10:48 PM IST
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