काशीपुरः पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी और मैदानी क्षेत्रों में कोहरे ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. अब लगातार मौसम की मार मटर की फसल पर पड़ रही है. ओले गिरने से फसल खराब होने से रसोई से अब मटर गायब होती दिखाई दे रही है. बात अगर बदलते मौसम की जाए तो इस बार मौसम किसानों के लिए मुसीबत खड़ी कर रहा है.
उत्तराखंड के मैदानी क्षेत्रों में हुई बेमौसमी बारिश ने मटर की खेती को नष्ट कर दी. मौसम के कहर से पहले तो प्याज की फसल नष्ट हो गई थी जिस कारण प्याज के दाम आसमान छूने लगे थे, लेकिन दूसरी ओर बेमौसम हुई बारिश और ओले गिरने से मटर की खेती करने वाले किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है.
बारिश और ओलों से खेतों में पानी आ जाने के कारण मटर की फसल गलने लगी हैं. ऐसे में बची फसल को बचाने के लिए किसान अपने खेतों में ज्यादा मजदूर लगवाकर मटर की छंटाई करवा रहे हैं.
वहीं किसानों का कहना है कि इस बार बेमौसम बरसात से मटर की फसल बड़ी मात्रा में खराब हो गई और जिसकी वजह से लागत भी नहीं निकल पा रही है. वहीं मौसम के कहर से किसानों के साथ-साथ खेतों में काम कर रहे मजदूरों का भी बुरा हाल है. उनका कहना है कि बारिश से मटर की फसल बर्बाद और ज्यादा मात्रा में गल चुकी है.
मजदूरों का कहना कि फसल खराब होने से कुछ ही दिन में पूरा काम हो जाएगा यदि फसल अच्छी रहती तो ज्यादा दिनों तक खेतों में काम चलता, जिसकी वजह से उनके सामने रोटी रोजी का संकट गहरा गया है.
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