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बेमौसम बारिश से मटर की फसल हुई चौपट, किसानों ने की मुआवजे की मांग

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Published : Jan 20, 2020, 2:48 PM IST

गदरपुर क्षेत्र में बेमौसम बारिश किसानों पर कहर बनकर टूटी है. इस बारिश से मटर की फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है.

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मटर की फसल बर्बाद.

गदरपुरः इस बार हुई बरसात से मटर की फसल पूरी तरह से चौपट हो गई है. बेमौसम बारिश से किसानों को लागत निकालना भी मुश्किल हो रहा है, तो वहीं मजदूरों को काम न मिलने से परेशानी बढ़ गई है. किसान फसल नुकसान भरपाई के लिए सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं.

बता दें कि बेमौसम बरसात और ओलों से गदरपुर क्षेत्र में खेत में पानी भर जाने के कारण मटर की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है, जिससे किसान परेशान हैं. तो वहीं दिहाड़ी मजदूरी करने वाले मजदूरों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है क्योंकि खेत में इस बार मटर कम है, इसलिए एक दिन में ही मटर तोड़कर उठाना हो जाता है.

मटर की फसल बर्बाद.

यह भी पढ़ेंः रोडवेज बसों में तकनीकी खामियों पर यशपाल आर्य सख्त, भेजी जाएंगी वापस

इस मामले में उधम सिंह नगर जिला पंचायत के उपाध्यक्ष त्रिनाथ विश्वास ने कहा कि बरसात से फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है. इस संबंध में जिलाधिकारी को अवगत कराया जाएगा. किसानों से सहकारी समिति से जो बीमा के नाम पर पैसा लिया जाता है उन किसानों को मुआवजा दिया जाए. साथ ही दोबारा धान लगाने की मांग की जाएगी.

गदरपुरः इस बार हुई बरसात से मटर की फसल पूरी तरह से चौपट हो गई है. बेमौसम बारिश से किसानों को लागत निकालना भी मुश्किल हो रहा है, तो वहीं मजदूरों को काम न मिलने से परेशानी बढ़ गई है. किसान फसल नुकसान भरपाई के लिए सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं.

बता दें कि बेमौसम बरसात और ओलों से गदरपुर क्षेत्र में खेत में पानी भर जाने के कारण मटर की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है, जिससे किसान परेशान हैं. तो वहीं दिहाड़ी मजदूरी करने वाले मजदूरों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है क्योंकि खेत में इस बार मटर कम है, इसलिए एक दिन में ही मटर तोड़कर उठाना हो जाता है.

मटर की फसल बर्बाद.

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इस मामले में उधम सिंह नगर जिला पंचायत के उपाध्यक्ष त्रिनाथ विश्वास ने कहा कि बरसात से फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है. इस संबंध में जिलाधिकारी को अवगत कराया जाएगा. किसानों से सहकारी समिति से जो बीमा के नाम पर पैसा लिया जाता है उन किसानों को मुआवजा दिया जाए. साथ ही दोबारा धान लगाने की मांग की जाएगी.

Intro:Summry - इस बार का मौसम गदरपुर के किसानों के लिए कहर बनकर बरसा है
एंकर - इस बार हुई बरसात से मटर का फसल पूरी तरह से चौपट हो गए हैं किसानों को फसल लगाने का लागत निकालना मुश्किल हो गया है तो वही मजदूरी करने वाले लोगों को उनका मजदूरी निकालना भी मुश्किल हो गया है तो वही किसान बरसात से फसल के नुकसान के भरपाई करने के लिए सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैंBody:इस बार वे मौसम हुई बरसात से किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं अब किसानों की लगातार मौसम की मार मटर की फसल पर पड़ रही है लोगों के रसोई से अब मटर गायब होती दिखाई दे रही है अगर बात बदलते मौसम की की जाए तो इस बार मौसम किसानों के लिए कहर बनकर आया है हमारी खास खबर को देखने से पहले मटर का सेवन करने से होने वाले फायदे के बारे में सुनिए जो इस बार आप तक मटर नही पहुंचेंगी ऐंटी-ऑक्सिडेंट और ऐंटी-इन्फ्लेमेट्री गुणों से भरपूर होती है। इसमें शरीर के लिए आवश्यक लगभग सभी पोषक तत्व भी पाए जाते हैं। इसके अलावा यह विटमिन सी, विटमिन ई, ओमेगा 3, फैट और जिंक के गुणों से भी भरपूर है। यह फाइबर, फ्लेवेनॉएड्स, स्टार्च और प्रोटीन से भी युक्त है। ऐसे में मटर खाने से शरीर की पोषण संबंधी लगभग सारी आवश्यकताएं पूरी हो जाती हैं

वीओ - आपको बताते चले कि बेमौसम हुई बरसात और ओलों से गदरपुर क्षेत्र के अधिकांश मटर के फसल में पानी भर जाने के कारण मटर का फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गया है जिससे किसान परेशान हैं और किसानों को इस बार मटर की फसल से उसकी लागत का पैसा भी निकलना मुश्किल हो गया है जिसके चलते किसानों के चेहरे पर मायूसी छाई हुई है और किसान सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे तो वही दहेड़ी मजदूरी करने वाले मजदूरों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है क्योंकि खेत में इस बार मटर कब है इसलिए एक दिन में ही मटर तोड़कर उठाना हो जाता है और पहले हम एक दिन में चार पाँच बोरी भर लेते थे अब घर के बच्चों को लेकर आने के बाबजूद भी एक बोरी नही निकलता इस कारण मजदूरों का दहेड़ी भी नही निकल पा रही है
इस महंगाई और बेरोजगारी में लोगों का जीना ऐसे ही दुश्वार हो रहा है इसलिए सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए तो वही फसल बीमा के नाम पर जो प्रीमियर वसूली जाती है उसका मुआवजा तक किसानों को नहीं मिल पाता है यह भी बहुत दुर्भाग्य की बात है

वीओ - इस दौरान मजदूरों ने कहा कि बरसात होने के कारण मटर का फसल पूरी तरह से खराब हो गया है और थोड़ा बहुत जो भी मटर बचा हुआ है उसमें दाना ही नहीं है और खेत मे कीचड़ बहुत है फिर भी हम लोग मजदूरी के लिए जाते है लेकिन हमारी दहेड़ी नही बन पा रही है पहले हम एक दिन में चार या 5 बोरी मटर तोड़कर भर लेते थे लेकिन अब घर से बच्चों को भी लेकर आते है लेकिन एक बोरी मटर भरना मुश्किल हो जाता है जिससे हमारी मजदूरी भी नहीं बन पा रही है हम जाए तो जाए कहां सरकार इस और कोई ध्यान ही नही देता
तो वहीं किसान ने कहा कि इस साल की बरसात से मटर का फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गया हमने अपने खेत में लाई और मटर लगाया था जो बिल्कुल खत्म हो गया है खेत में इतना पानी भर गया है कि लेवल लेकर नहीं जा सकता और मटर का बीज का पैसा भी निकलना मुश्किल हो गया है और सरकार मुआवजा देने की बात तो करता है लेकिन आज तक किसानों को मुआवजा मिला ही नहीं सिर्फ मुआवजा देने के नाम पर खानापूर्ति करते हैं लेकिन इस बार हम सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं

इस दौरान उधम सिंह नगर जिला पंचायत के उपाध्यक्ष त्रिनाथ विश्वास ने कहा कि बरसात से फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है मैं इस संबंध में जिलाधिकारी को एग्जिबिशन देने जा रहा हूं इन किसानों को सहकारी समिति से जो बीमा के नाम पर पैसा लिया जाता है उन किसानों को मुआवजा दिया जाए और आगे किसानों के पास सिर्फ एक ही विकल्प बचा है ध्यान लगाना और मैं सरकार से आग्रह करूंगा कि एक सर्वे कर के क्षेत्र में धान लगाने की अनुमति दी जाएConclusion:वाइट - मजबूर
वाइट - मजदूर
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वाइट - त्रिनाथ विश्वास जिला पंचायत उपाध्यक्ष
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