ETV Bharat / state

काशीपुरः इंसानों की लड़ाई में 'टाइगर' को कोतवाली में काटनी पड़ी रात, मिला मालिकाना हक - Dog ownership matter

काशीपुर में टाइगर नाम के कुत्ते पर मालिकाना हक को लेकर दो पक्षों में चल रही लड़ाई का आज अंत हो गया. डॉ. अनुराग टाइगर को निर्मल वर्मा को देने के लिए राजी हो गए. जिसके बाद टाइगर निर्मल वर्मा को सौंप दिया गया. इस झगड़े में टाइगर को 24 घंटे कोतवाली में गुजराना पड़ा था.

kashipur
कुत्ते पर मालिकाना हक
author img

By

Published : Jan 19, 2020, 5:07 PM IST

Updated : Jan 20, 2020, 12:02 AM IST

काशीपुर: टाइगर नाम के कुत्ते पर अपने मालिकाना हक को लेकर दो पक्षों में हुई लड़ाई का अंत अब हो गया है. डॉ. अनुराग ने टाइगर को निर्मल वर्मा को देने की बात मान ली. वहीं टाइगर की घर वापसी से निर्मल वर्मा के घर में खुशी का माहौल है.

कुत्ते पर अपने अपने मालिकाना हक के लिए ज़द्दोजहद के बीच डॉ. अनुराग ने निर्मल वर्मा को टाइगर देने के लिए सहमति जताई. जिसके बाद टाइगर को आखिरकार निर्मल वर्मा को दे दिया गया. डॉ. अनुराग ने सोशल मीडिया पर हुई फजीहत से आहत होकर यह फैसला लिया है. टाइगर की घर वापसी के बाद निर्मल वर्मा परिवार के सभी सदस्यों में खुशी का माहौल है.

कुत्ते पर मालिकाना हक.

निर्मल वर्मा के मुताबिक 26 दिसंबर 2019 की रात में किसी कुत्ते का पीछा करते हुए टाइगर कहीं गुम हो गया था. जिसके बाद परिवार के लोग परेशान थे. टाइगर के मिलने की सूचना फेसबुक के माध्यम से मिली तो परिवार में खुशी का माहौल छा गया, लेकिन अगले ही दिन काशीपुर निवासी डॉ. अनुराग चौहान ने भी कुत्ते पर अपना हक जताया. जिसके बाद मामला कोतवाली जा पहुंचा.

ये भी पढ़े: कृषि मंत्री सुबोध उनियाल बोले- IIP के अनुसंधान का लोगों को मिलेगा लाभ

कोतवाली में दोनों ही पक्ष कुत्ते के साथ पहुंच गए. एसएसपी एस. के. कापड़ी ने मामले के समाधान के लिए कटोराताल चौकी इंचार्ज के पास भेजा. जिसके बाद दोनों पक्षों की मौजूदगी में यह तय किया गया कि कुत्ते को दोनों ही पक्षों के घरों के बीच स्थान पर छोड़ा जाएगा और कुत्ता जिस पक्ष की तरफ जाएगा. उसी का मालिकाना हक़ माना जायेगा.

दोनों पक्षों की सहमति के बाद कुत्ते को कोतवाली में ही रात बिताने के लिए रोक दिया गया. जिसकी सोशल मीडिया पर भारी फजीहत हुई. डॉ. अनुराग चौहान ने निर्मल शर्मा को कुत्ता देने पर अपनी सहमति जतायी. जिसके बाद पुलिस ने भी राहत की सांस ली.

काशीपुर: टाइगर नाम के कुत्ते पर अपने मालिकाना हक को लेकर दो पक्षों में हुई लड़ाई का अंत अब हो गया है. डॉ. अनुराग ने टाइगर को निर्मल वर्मा को देने की बात मान ली. वहीं टाइगर की घर वापसी से निर्मल वर्मा के घर में खुशी का माहौल है.

कुत्ते पर अपने अपने मालिकाना हक के लिए ज़द्दोजहद के बीच डॉ. अनुराग ने निर्मल वर्मा को टाइगर देने के लिए सहमति जताई. जिसके बाद टाइगर को आखिरकार निर्मल वर्मा को दे दिया गया. डॉ. अनुराग ने सोशल मीडिया पर हुई फजीहत से आहत होकर यह फैसला लिया है. टाइगर की घर वापसी के बाद निर्मल वर्मा परिवार के सभी सदस्यों में खुशी का माहौल है.

कुत्ते पर मालिकाना हक.

निर्मल वर्मा के मुताबिक 26 दिसंबर 2019 की रात में किसी कुत्ते का पीछा करते हुए टाइगर कहीं गुम हो गया था. जिसके बाद परिवार के लोग परेशान थे. टाइगर के मिलने की सूचना फेसबुक के माध्यम से मिली तो परिवार में खुशी का माहौल छा गया, लेकिन अगले ही दिन काशीपुर निवासी डॉ. अनुराग चौहान ने भी कुत्ते पर अपना हक जताया. जिसके बाद मामला कोतवाली जा पहुंचा.

ये भी पढ़े: कृषि मंत्री सुबोध उनियाल बोले- IIP के अनुसंधान का लोगों को मिलेगा लाभ

कोतवाली में दोनों ही पक्ष कुत्ते के साथ पहुंच गए. एसएसपी एस. के. कापड़ी ने मामले के समाधान के लिए कटोराताल चौकी इंचार्ज के पास भेजा. जिसके बाद दोनों पक्षों की मौजूदगी में यह तय किया गया कि कुत्ते को दोनों ही पक्षों के घरों के बीच स्थान पर छोड़ा जाएगा और कुत्ता जिस पक्ष की तरफ जाएगा. उसी का मालिकाना हक़ माना जायेगा.

दोनों पक्षों की सहमति के बाद कुत्ते को कोतवाली में ही रात बिताने के लिए रोक दिया गया. जिसकी सोशल मीडिया पर भारी फजीहत हुई. डॉ. अनुराग चौहान ने निर्मल शर्मा को कुत्ता देने पर अपनी सहमति जतायी. जिसके बाद पुलिस ने भी राहत की सांस ली.

Intro:


Summary- काशीपुर में कुत्ते पर अपने अपने मालिकाना हक के लिए ज़द्दोजहद के बीच कुत्ते को दूसरे पक्ष के द्वारा प्रथम पक्ष को देने के लिए अपनी सहमति जताने के बाद आखिरकार कुत्ता प्रथम पक्ष निर्मल वर्मा और उनके पुत्र विमल वर्मा को दे दिया गया। द्वितीय पक्ष डॉ. अनुराग को कुत्ते की सोशल मीडिया से लेकर मीडिया जगत में हुई फजीहत से आहत होकर आखिरकार उन्होंने उसकी और फजीहत नही कराने के चलते यह फैसला लिया है। टाइगर की घर वापसी के बाद विमल वर्मा और निर्मल वर्मा परिवार के सभी सदस्य में खुशी का माहौल है।

एंकर- काशीपुर में कुत्ते पर अपने अपने मालिकाना हक के लिए ज़द्दोजहद के बीच कुत्ते को दूसरे पक्ष के द्वारा प्रथम पक्ष को देने के लिए अपनी सहमति जताने के बाद आखिरकार कुत्ता प्रथम पक्ष निर्मल वर्मा और उनके पुत्र विमल वर्मा को दे दिया गया। द्वितीय पक्ष डॉ. अनुराग को कुत्ते की सोशल मीडिया से लेकर मीडिया जगत में हुई फजीहत से आहत होकर आखिरकार उन्होंने उसकी और फजीहत नही कराने के चलते यह फैसला लिया है। टाइगर की घर वापसी के बाद विमल वर्मा और निर्मल वर्मा परिवार के सभी सदस्य में खुशी का माहौल है।

Body:वीओ- टाइगर के मालिक विमल वर्मा के मुताबिक 26 दिसंबर 2019 को रात्रि में किसी कुत्ते का पीछा करते हुए टाइगर कहीं गुम हो गया था, जिसके बाद परिवार में हताशा और निराशा का माहौल पैदा हो गया था। टाइगर के मिलने की सूचना फेसबुक के माध्यम से मिली तो परिवार में खुशी का माहौल छा गया लेकिन अगले ही दिन वर्मा परिवार में पुनः तनाव उस वक़्त उत्पन्न हो गया जब काशीपुर का आवास विकास निवासी डॉ अनुराग चौहान के द्वारा भी कुत्ते पर अपना हक जताने के बाद मामला कोतवाली जा पहुंचा। कोतवाली में दोनों ही पक्ष कुत्ते के साथ पहुंच गए करीब दो घंटे की मेहनत के बाद जब वरिष्ठ उप निरीक्षक द्वितीय एस के कापड़ी मामले का समाधान नहीं निकाल पाए तो मामला कटोराताल चौकी इंचार्ज के पास पहुंच गया। जिसके बाद दोनों पक्षों की मौजूदगी में यह तय किया गया कि आज दिन में कुत्ते को दोनों ही पक्षों के घरो के मध्य स्थान पर छोड़ा जाएगा कुत्ता जिस पक्ष की तरफ जाएगा उसी का मालिकाना हक़ माना जायेगा। इस बात पर दोनों पक्षों की सहमति के बाद कुत्ते को कोतवाली में ही रात बिताने के लिए रोक दिया गया। जिसके बाद 24 घंटे से अधिक बेजुबान को पुलिस में बिताने से क्षुब्ध और मीडिया जगत और सोशल मीडिया में हुई फजीहत के बाद द्वितीय पक्ष डॉ. अनुराग चौहान ने प्रथम पक्ष को देने पर अपनी सहमति जतायी जिसके बाद पुलिया ने भी राहत की सांस ली।

वीओ- आपको बताते चलें कि काशीपुर के मोहल्ला शिव नगर के रहने वाले निर्मल सिंह वर्मा का पालतू लेब्राडोर नस्ल का कुत्ता टाइगर बीते माह की 26 तारीख यानी कि 26 दिसंबर को अचानक लापता हो गया। परिजनों द्वारा इसे ढूंढ़ने का प्रयास किया गया परन्तु नहीं मिल पाया जिसके बाद निर्मल सिंह ने कटोराताल चौकी में उसके खो जाने की तहरीर दी। अभी कुत्ते को खोये हुए कुछ दिन ही हुए थे कि 12 जनवरी को काशीपुर के पंत पार्क के निकट के रहने वाले अमित ने अपने फेसबुक पर एक कुत्ते की फोटो शेयर करते हुए बताया कि उसको यह कुत्ता रेलवे क्रॉसिंग के पास मिला है जिस किसी का हो सम्पर्क करे। उसी दिन अमित द्वारा शेयर की गई फोटो को निर्मल सिंह के पुत्र आनंद वर्मा ने देखा तो उसकी ख़ुशी का ठिकाना न रहा क्योकि वो तस्वीर उनके टाइगर की थी। वह तुरंत ही अपने भाई को साथ लेकर अमित की दूकान पर जा पहुंचे और उसकी पुरानी एक फोटो पहचान के रूप में दिखा कर उसे अपने घर ले गए। इस बीच एक नया मोड़ तब आया जब काशीपुर के ही आवास विकास के शुभ विहार के रहने वाले डॉ अनुराग चौहान भी अमित के पास पहुँच गए और बताया कि जिस कुत्ते की फोटो आपने शेयर की है वह उनके पालतू कुत्ते ब्रूनी की है। जो आज सुबह ही घर से कही गायब हो गया है। इस दौरान डॉ अनुराग ने अमित को ब्रूनी की पुरानी फोटो भी दिखाई। फोटो देखने के बाद अमित का माथा ठनक गया क्योकि अनुराग द्वारा दिखाई गई यह फोटो भी हूबहू उस कुत्ते जैसी थी। अमित ने डॉ अनुराग को बताया कि वह कुत्ता तो आनंद वर्मा के पास है। यह सुनकर डॉ अनुराग शिवनगर स्थित निर्मल सिंह के घर पहुंच गए और उनका कुत्ता वापिस करने की मांग करने लगे। दोनों ही पक्षों द्वारा अपना अपना मालिकाना हक जताने से विवाद पैदा हो गया जिसके बाद पहले मामला अपर पुलिस अधीक्षक राजेश भट्ट के संज्ञान में आने के बाद कोतवाली जा पहुंचा। कोतवाली में दोनों ही पक्ष कुत्ते के साथ पहुंच गए करीब दो घंटे की मेहनत के बाद जब वरिष्ठ उप निरीक्षक द्वितीय एस के कापड़ी मामले का समाधान नहीं निकाल पाए तो मामला कटोराताल चौकी इंचार्ज के पास पहुंच गया। जिसके बाद दोनों पक्षों की मौजूदगी में यह तय किया गया कि आज दिन में कुत्ते को दोनों ही पक्षों के घरो के मध्य स्थान पर छोड़ा जाएगा कुत्ता जिस पक्ष की तरफ जाएगा उसी का मालिकाना हक़ माना जायेगा। इस बात पर दोनों पक्षों की सहमति के बाद कुत्ते को कोतवाली में ही रात बिताने के लिए रोक दिया गया। जिसके बाद 24 घंटे से अधिक बेजुबान को पुलिस में बिताने से क्षुब्ध और मीडिया जगत और सोशल मीडिया में हुई फजीहत के बाद द्वितीय पक्ष डॉ. अनुराग चौहान ने प्रथम पक्ष को देने पर अपनी सहमति जतायी जिसके बाद पुलिया ने भी राहत की सांस ली।

बाइट- विमल वर्मा, प्रथम पक्षConclusion:
Last Updated : Jan 20, 2020, 12:02 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.