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एग्रो कंपनी UPL और पंतनगर कृषि विवि के बीच MoU साइन, किसानों-छात्रों को मिलेगा लाभ

विश्व की टॉप फाइव एग्रो कंपनी में से एक यूपीएल और कृषि विश्वविद्यालय पंतनगर के बीच कई बिंदुओं पर करार हुआ है. इसके तहत बायो कंट्रोल को लेकर वैज्ञानिकों के शोधों को किसानों तक पहुंचाना, अनुसंधान अनुबंध, छात्रों को फेलोशिप सहित कई बिंदुओं पर करार हुआ है.

Agro Company UPL and Pantnagar Agricultural University MoU
UPL और पंतनगर कृषि विश्विद्यालय के बीच MoU
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Published : Jun 7, 2022, 3:09 PM IST

रुद्रपुर: कृषि विश्वविद्यालय पंतनगर और एग्रो कंपनी यूपीएल के बीच एमओयू साइन हुआ है. जिसमें किसानों को बेहतर टेक्नोलॉजी मुहैया करना, गरीब छात्र और छात्राओं को शोध कार्यों में आगे बढ़ाना भी शामिल है. इसके अलावा प्रतिभाशाली छात्रों को यूपीएल द्वारा छात्रवृत्ति और फेलोशिप दी जाएगी.

पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय और विश्व की टॉप फाइव एग्रो कंपनी में से एक यूपीएल कंपनी के बीच एमओयू साइन हुआ है. इस दौरान बायो कंट्रोल को लेकर वैज्ञानिकों के शोधों को किसानों तक पहुंचना, अनुसंधान अनुबंध, छात्रों को फेलोशिप, कृषि में ड्रोन का अनुप्रयोग और आईसीटी आधारित प्रायोजित अनुसंधान शामिल है. इसके अलावा कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मशीन लर्निंग का उपयोग, जैविक और पोषक तत्व प्रबंधन अनुसंधान, रसायनों के सुरक्षित उपयोग के लिए छात्रों और किसानों को प्रशिक्षण आदि बिंदुओं को रखा गया है.

ये भी पढ़ें: स्वयं कोर्सेज शिक्षण में श्रीनगर गढ़वाल विवि टॉप 50 में हुआ शामिल

शोध निदेशक डॉ. अजीत नैन ने कहा कि आज देश की दो संस्थाओं के बीच एमओयू साइन हुआ है. दोनों ही संस्थान एक ही काम करते हुए आए हैं, लेकिन अब दोनों संस्थान मिलकर किसानों को एग्रीकल्चर की बेस्ट टेक्नोलॉजी रियायत मूल्य में उपलब्ध करा सकेंगे. इसके अलावा प्रतिभाशाली छात्रों को यूपीएल द्वारा छात्रवृत्ति और फेलोशिप दी जाएगी.

रुद्रपुर: कृषि विश्वविद्यालय पंतनगर और एग्रो कंपनी यूपीएल के बीच एमओयू साइन हुआ है. जिसमें किसानों को बेहतर टेक्नोलॉजी मुहैया करना, गरीब छात्र और छात्राओं को शोध कार्यों में आगे बढ़ाना भी शामिल है. इसके अलावा प्रतिभाशाली छात्रों को यूपीएल द्वारा छात्रवृत्ति और फेलोशिप दी जाएगी.

पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय और विश्व की टॉप फाइव एग्रो कंपनी में से एक यूपीएल कंपनी के बीच एमओयू साइन हुआ है. इस दौरान बायो कंट्रोल को लेकर वैज्ञानिकों के शोधों को किसानों तक पहुंचना, अनुसंधान अनुबंध, छात्रों को फेलोशिप, कृषि में ड्रोन का अनुप्रयोग और आईसीटी आधारित प्रायोजित अनुसंधान शामिल है. इसके अलावा कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मशीन लर्निंग का उपयोग, जैविक और पोषक तत्व प्रबंधन अनुसंधान, रसायनों के सुरक्षित उपयोग के लिए छात्रों और किसानों को प्रशिक्षण आदि बिंदुओं को रखा गया है.

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शोध निदेशक डॉ. अजीत नैन ने कहा कि आज देश की दो संस्थाओं के बीच एमओयू साइन हुआ है. दोनों ही संस्थान एक ही काम करते हुए आए हैं, लेकिन अब दोनों संस्थान मिलकर किसानों को एग्रीकल्चर की बेस्ट टेक्नोलॉजी रियायत मूल्य में उपलब्ध करा सकेंगे. इसके अलावा प्रतिभाशाली छात्रों को यूपीएल द्वारा छात्रवृत्ति और फेलोशिप दी जाएगी.

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