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हर्बल उत्पादों से किसानों की बढ़ेगी आय, कृषि विवि और शून्य इंडिया के बीच MoU

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Published : Sep 21, 2021, 2:53 PM IST

किसानों की आय को बढ़ाने और उन्हें पारंपरिक खेती के साथ ही औषधीय पौधों की खेती के लिए जागरूक करने के लिए कृषि विश्वविद्यालय और स्टार्टअप शून्य इंडिया के बीच करार हुआ है.

हर्बल उत्पादों से किसानों की बढ़ेगी आय
हर्बल उत्पादों से किसानों की बढ़ेगी आय.

रुद्रपुर: जीबी पंत कृषि विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में स्टार्टअप शून्य इंडिया के औषधीय एवं हर्बल उत्पादों जैसे काली हल्दी, अंबा हल्दी, पहाड़ी हल्दी, लाते (पेय पदार्थ) और कई प्रकार के हर्बल इन्फ्यूज़न (हर्बल टी), इम्यूनिटी बूस्टर आदि में तकनीकी प्रयोग एवं व्यावसायिक उत्पादन कर उत्तराखंड के किसानों की जीवनशैली समृद्ध बनाई जाएगी. इसके लिए पंतनगर विवि एवं शून्य इंडिया के बीच सोमवार को एक करार हुआ है. विवि के कुलपति डॉ. तेज प्रताप की मौजूदगी में शून्य इंडिया के सीईओ सागर नाथ एवं विवि के खाद्य विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. एसके शर्मा ने इस एमओयू पर हस्ताक्षर किए.

शून्य इंडिया एवं पंतनगर विवि मिलकर उत्तराखंड के किसानों को औषधीय एवं हर्बल पौधों से बनने वाले उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों की जानकारी देंगे. इससे उत्तराखंड के किसानों विशेष रूप से औषधीय एवं सगंध पौध उत्पादकों को अच्छा बाजार और इन पौधों पर आधारित उद्योगों व किसानों को बढ़ावा मिल सकेगा. इसके लिए दोनों के बीच एमओयू भी साइन हुआ है.

पढ़ें: कभी ऑस्ट्रेलिया में हुए गिरफ्तार तो कभी लगा चोरी का आरोप, आनंद गिरि की पूरी कहानी

कुलपति तेज प्रताप सिंह ने कहा कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में न्यू एज फॉर्मर (नए जमाने के किसान) कृषि क्षेत्र में क्रांति ला सकते हैं. शून्य इंडिया के सीईओ सागर नाथ ने कहा कि उत्तराखंड के किसानों की जीवनशैली में सुधार करने के लिए शोध कर अधिक लाभ वाली फसलों लेमनग्रास और अन्य सुगंधित औषधीय पौधों को विकसित किया गया. औषधीय एवं हर्बल पौधों के विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में पंतनगर विवि के औषधीय विज्ञान केंद्र से उच्च गुणवत्ता वाले पौधे लेकर स्थानीय किसानों को प्रयोग के लिए दिए गए.

इसका सार्थक परिणाम निकला और उत्तराखंड के किसान पारंपरिक फसलों को छोड़कर सुगंधित और औषधीय फसलों की खेती को तैयार हो गए हैं. निदेशक शोध डॉ. एएस नैन ने कहा शून्य इंडिया व पंतनगर विवि के बीच करार उत्तराखंड के किसानों की जीवन शैली को परिवर्तित करने में सहायक होगा.

रुद्रपुर: जीबी पंत कृषि विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में स्टार्टअप शून्य इंडिया के औषधीय एवं हर्बल उत्पादों जैसे काली हल्दी, अंबा हल्दी, पहाड़ी हल्दी, लाते (पेय पदार्थ) और कई प्रकार के हर्बल इन्फ्यूज़न (हर्बल टी), इम्यूनिटी बूस्टर आदि में तकनीकी प्रयोग एवं व्यावसायिक उत्पादन कर उत्तराखंड के किसानों की जीवनशैली समृद्ध बनाई जाएगी. इसके लिए पंतनगर विवि एवं शून्य इंडिया के बीच सोमवार को एक करार हुआ है. विवि के कुलपति डॉ. तेज प्रताप की मौजूदगी में शून्य इंडिया के सीईओ सागर नाथ एवं विवि के खाद्य विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. एसके शर्मा ने इस एमओयू पर हस्ताक्षर किए.

शून्य इंडिया एवं पंतनगर विवि मिलकर उत्तराखंड के किसानों को औषधीय एवं हर्बल पौधों से बनने वाले उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों की जानकारी देंगे. इससे उत्तराखंड के किसानों विशेष रूप से औषधीय एवं सगंध पौध उत्पादकों को अच्छा बाजार और इन पौधों पर आधारित उद्योगों व किसानों को बढ़ावा मिल सकेगा. इसके लिए दोनों के बीच एमओयू भी साइन हुआ है.

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कुलपति तेज प्रताप सिंह ने कहा कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में न्यू एज फॉर्मर (नए जमाने के किसान) कृषि क्षेत्र में क्रांति ला सकते हैं. शून्य इंडिया के सीईओ सागर नाथ ने कहा कि उत्तराखंड के किसानों की जीवनशैली में सुधार करने के लिए शोध कर अधिक लाभ वाली फसलों लेमनग्रास और अन्य सुगंधित औषधीय पौधों को विकसित किया गया. औषधीय एवं हर्बल पौधों के विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में पंतनगर विवि के औषधीय विज्ञान केंद्र से उच्च गुणवत्ता वाले पौधे लेकर स्थानीय किसानों को प्रयोग के लिए दिए गए.

इसका सार्थक परिणाम निकला और उत्तराखंड के किसान पारंपरिक फसलों को छोड़कर सुगंधित और औषधीय फसलों की खेती को तैयार हो गए हैं. निदेशक शोध डॉ. एएस नैन ने कहा शून्य इंडिया व पंतनगर विवि के बीच करार उत्तराखंड के किसानों की जीवन शैली को परिवर्तित करने में सहायक होगा.

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