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लॉ कॉलेज में मूट कोर्ट प्रतियोगिता का आयोजन, प्रीति कश्यप बनीं जज - Moot court competition organized at SC Gudiya Law College

एससी गुड़िया लॉ कॉलेज काशीपुर में मूट कोर्ट प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. मूट कोर्ट प्रतियोगिता में कुटुंब न्यायालय के माध्यम से अनेक मामलों का निस्तारण किया गया. मूट कोर्ट की न्यायाधीश प्रीति कश्यप रही.

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Published : Mar 21, 2021, 8:09 AM IST

काशीपुर: सत्येंद्र चंद्र गुड़िया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड लॉ कॉलेज में मूट कोर्ट प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. मूट कोर्ट प्रतियोगिता में कुटुंब न्यायालय के माध्यम से अनेक मामलों का निस्तारण किया गया. मूट कोर्ट की न्यायाधीश प्रीति कश्यप रही. कार्यक्रम के दौरान मूट कोर्ट प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वाले प्रतिभागियों को सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार भी दिया गया.

मूट कोर्ट की न्यायाधीश प्रीति कश्यप ने एक तलाक संबंधी मामले पर अपने निर्णय में कहा कि जहां पर पति या उसके संबंधियों द्वारा पत्नी के साथ शारीरिक या मानसिक क्रूरता की जाती है, वहां पत्नी न्यायालय के माध्यम से पति से तलाक की मांग कर सकती है. पत्नी तलाक की डिक्री के पश्चात भी भरण पोषण प्राप्त करने की अधिकारिणी होगी. जब तक कि वह पुनर्विवाह नहीं कर लेती है. लॉ कॉलेज के प्रवक्ता सुधीर दुबे ने कहा कि मूट कोर्ट के माध्यम से विद्यार्थियों को न्यायिक प्रक्रिया को समझने में आसानी होती है. वे भविष्य में कुशल न्यायाधीश एवं अधिवक्ता बनते हैं.

पढ़ें: बागेश्वरः खड़िया खदान में गिरने से मजदूर की मौत

संस्थान की चेयरमैन श्रीमती विमला गुड़िया ने अपने संदेश में कहा कि काशीपुर और आसपास का कोई भी व्यक्ति एस सी गुड़िया लॉ कॉलेज में जाकर निशुल्क विधिक सहायता प्राप्त कर सकता है. जिसके लिए कॉलेज परिसर में लीगल एंड क्लीनिक की स्थापना की गई है. मूट कोर्ट के आयोजन के दौरान सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले देवेंद्र सिंह, इरम खान, मौसमी, प्रतीक्षा, रमन, गौरव शर्मा व प्रेम प्रकाश सिंह को सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार प्रदान किया गया.

काशीपुर: सत्येंद्र चंद्र गुड़िया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड लॉ कॉलेज में मूट कोर्ट प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. मूट कोर्ट प्रतियोगिता में कुटुंब न्यायालय के माध्यम से अनेक मामलों का निस्तारण किया गया. मूट कोर्ट की न्यायाधीश प्रीति कश्यप रही. कार्यक्रम के दौरान मूट कोर्ट प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वाले प्रतिभागियों को सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार भी दिया गया.

मूट कोर्ट की न्यायाधीश प्रीति कश्यप ने एक तलाक संबंधी मामले पर अपने निर्णय में कहा कि जहां पर पति या उसके संबंधियों द्वारा पत्नी के साथ शारीरिक या मानसिक क्रूरता की जाती है, वहां पत्नी न्यायालय के माध्यम से पति से तलाक की मांग कर सकती है. पत्नी तलाक की डिक्री के पश्चात भी भरण पोषण प्राप्त करने की अधिकारिणी होगी. जब तक कि वह पुनर्विवाह नहीं कर लेती है. लॉ कॉलेज के प्रवक्ता सुधीर दुबे ने कहा कि मूट कोर्ट के माध्यम से विद्यार्थियों को न्यायिक प्रक्रिया को समझने में आसानी होती है. वे भविष्य में कुशल न्यायाधीश एवं अधिवक्ता बनते हैं.

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संस्थान की चेयरमैन श्रीमती विमला गुड़िया ने अपने संदेश में कहा कि काशीपुर और आसपास का कोई भी व्यक्ति एस सी गुड़िया लॉ कॉलेज में जाकर निशुल्क विधिक सहायता प्राप्त कर सकता है. जिसके लिए कॉलेज परिसर में लीगल एंड क्लीनिक की स्थापना की गई है. मूट कोर्ट के आयोजन के दौरान सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले देवेंद्र सिंह, इरम खान, मौसमी, प्रतीक्षा, रमन, गौरव शर्मा व प्रेम प्रकाश सिंह को सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार प्रदान किया गया.

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