काशीपुर/जसपुर : प्रदेश में विधानसभा चुनाव भले ही साल 2022 में होने वाले हैं, लेकिन सत्ता पर काबिज भाजपा ने इसकी शुरुआत साल 2020 में ही कर दी है. भाजपा आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर काफी गंभीर दिख रही है. ऐसे में भाजपा एक बार फिर उत्तराखंड की सत्ता पर सत्तारूढ़ होकर प्रदेश के उस मिथक को तोड़ने का काम करेगी, जो मिथक प्रदेश में कांग्रेस और भाजपा का देवभूमि की सत्ता पर बारी-बारी से काबिज होने का बन गया है.
उन्होंने कहा कि प्रदेश में संगठन के विस्तार से टीम भावना के रूप में कार्य होगा. इससे प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों में एक बार फिर सरकार बनायी जा सके. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार के द्वारा आम जनता के लिए चलाई गई योजनाओं और नीतियों को आमजन तक पहुंचाया जाए और योजनाओं को भी लाभार्थियों तक पहुंचाया जाए.
उन्होंने कहा कि हमें गर्व है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूप में दुनिया का शक्तिशाली और लोकप्रिय नेतृत्व हमारे पास है. उन्होंने कहा हमारे सामने चुनौतियां कुछ नहीं हैं, केवल अवसर ही अवसर हैं. पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने विधानसभा चुनाव के बाद सीएम पद के दावेदार के रूप में होने को सिरे से नकार दिया.
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उन्होंने कहा कि मैं कभी हरियाणा और उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पद के दावेदार के रूप में नहीं रहा. प्रदेश में इस बार आम आदमी पार्टी की दस्तक के बाद किस पार्टी से चुनौती के सवाल पर पूछने पर उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक देश होने के चलते यहां सभी को दांव आजमाने का हक है. लेकिन भारतीय जनता पार्टी के समक्ष न तो कांग्रेस की तरफ से कोई चुनौती है और न ही आम आदमी पार्टी की तरफ से कोई चुनौती है.
वहीं, दूसरी तरफ जसपुर के पूर्णानंद तिवारी इंटर कालेज परिसर में आयोजित कार्यक्रम में सुरेश भट्ट ने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे टीम भावना से काम कर सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को आम आदमी तक पहुंचाएं.