काशीपुरः अरूणाचल प्रदेश में शहीद हुए काशीपुर के जवान को आज सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई. शहीद को मुखाग्नि उनके पुत्र ने दी. इस मौके पर मौजूद शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय और परिवहन मंत्री यशपाल आर्य ने परिवार को सांत्वना दी और कहा कि प्रदेश उनका बलिदान कभी भुला नहीं सकता.
कुमाऊं रेजीमेंट के हवलदार मुकेश कुमार पिछले तीन सालों से अरूणाचल प्रदेश में सेवाएं दे रहे थे. तीन दिन पहले उनकी यूनिट से मुकेश के परिवार वालों को उनके शहीद होने की सूचना मिली थी. आज तड़के एंबुलेंस के जरिए उनका पार्थिव शरीर काशीपुर पहुंचा. इस मौके पर इलाके के सभी लोगों की आंखे नम थी. शहीद की अंतिम यात्रा में विशाल जुलूस निकाला गया. सैन्य वाहन के साथ उनका पार्थिव शरीर उनके गांव नंदरामपुर स्थित घर लाया गया.
शहीद की अंतिम यात्रा में प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडेय और पूर्व सांसद बलराज पासी ने कंधा दिया. इस दौरान परिवहन मंत्री यशपाल आर्य भी मौजूद रहे. मुकेश अपने पीछे पत्नी नीलम और दो बेटे विशाल और ऋषभ को अकेला छोड़ गए हैं. मुकेश के भाई मुनेश कुमार रानीखेत में निजी व्यवसाय चलाते हैं. मुकेश के परिजनों का कहना था कि मुकेश चार अप्रैल 2021 को सेवानिवृत्त होने जा रहे थे. मुकेश की इच्छा थी कि उनके दोनों बेटे बेहतर शिक्षा ग्रहण कर प्रशासनिक सेवा में जाकर देश सेवा करें.
पढ़ेंः विजय दिवसः सीएम ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि, रुद्रप्रयाग में शहीद की पत्नी सम्मानित
शहीद मुकेश के पिता ओमप्रकाश भी रानीखेत कैंट छावनी से सेवानिवृत्त हुए थे और तीन साल पूर्व ही मुकेश के पिता का निधन हुआ था. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के प्रतिनिधि के तौर पर श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचे कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडेय ने शहीद के परिवार को विश्वास दिलाते हुए कहा कि सरकार हर कदम पर शहीद के परिवार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है.
इस मौके पर कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य ने कहा कि शहीदों की शहादत का कोई मोल नहीं है. लेकिन सरकार का लक्ष्य है कि शहीदों के परिवार को आर्थिक रूप से मदद प्रदान की जाए. इसलिए सरकार शहीद मुकेश के परिवार की हर संभव मदद करेगी। उन्होंने कहा कि शहीद मुकेश कुमार के परिवार की देखभाल करना सरकार का दायित्व है. वहीं, शहीद के साले रोहित कुमार ने बताया कि मुकेश आगामी जनवरी माह में छुट्टी पर आने वाले थे लेकिन इससे पहले ही उन्होंने अपनी शहादत दे दी तथा देश के लिए कुर्बान हो गए.