कोटद्वारः उत्तराखंड में तेजी से गायों में लंपी वायरल फैल रहा है. कोटद्वार की बात करें तो अभी तक 40 मवेशी लंपी बीमारी की चपेट में आ चुके हैं. जिनका कोटद्वार पशु चिकित्सालय में पशु चिकित्सक इलाज कर रहे हैं. वहीं, लंपी वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए कोटद्वार पशुपालन विभाग ने पशुपालकों को विशेष एडवाइजरी जारी कर दी है. साथ ही मवेशियों के खरीद-फरोख्त पर रोक लगा दी है.
बता दें कि कोटद्वार की सीमा उत्तर प्रदेश की बिजनौर जिला से लगा हुआ है. कोटद्वार के पशुपालक बिजनौर जिले से चारे की व्यवस्था करते हैं. ऐसे में कोटद्वार पशुपालन विभाग (Kotdwar Animal Husbandry Department) ने पशुपालकों से चेतावनी जारी करते हुए कहा कि अन्य राज्यों से चारा और मवेशी न खरीदें.
कोटद्वार के पदमपुर निवासी पशुपालक मनोज नेगी ने बताया कि लंपी वायरस (Lumpy Skin Disease Virus) से उनकी एक गाय पीड़ित हैं. जो अभी तक 20 लीटर दूध दे रही थी, लेकिन लंपी रोग के बाद गाय ने दूध देना बंद कर दिया है. लंपी वायरस के चलते पशुपालकों का भारी नुकसान हो रहा है. उनका कहना है कि सरकार ने अभी तक वैक्सीन उपलब्ध नहीं कराई है. न ही चारे की व्यवस्था की जा रही है.
क्या बोले पशुपालन विभाग के अधिकारी? कोटद्वार पशुपालन विभाग के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी बीएम गुप्ता ने बताया कि मवेशियों में इस तरह का यह पहला वायरस है. लंपी वायरस का अभी तक कोई टीका भी नहीं तैयार हुआ है. पशुपालकों को अपने पशुओं पर एतिहातन के तौर पर गोट पॉक्स वैक्सीन (Goat Pox Vaccine) लगाने की परामर्श दिया जा रहा है.
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उत्तराखंड पशुपालन विभाग से गोट पॉक्स वैक्सीन की मांग की गई है. जल्द ही कोटद्वार क्षेत्र के सभी पशु चिकित्सालयों में वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी. पशु चिकित्साधिकारी ने बताया कि पशुपालक गोट में सफाई की उचित व्यवस्था रखें. पशुओं की इम्युनिटी बढ़ाने के लिए उचित पौष्टिक चारा खिलाएं. साथ ही गौशाला में मच्छर और मक्खी न पनपने दें.
वहीं, लंपी वायरस (Lumpy Disease on Cow) के तेजी से फैलने सूचना के बाद उत्तराखंड गौ रक्षा समिति (Uttarakhand Gau Raksha Samiti) के अध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल ने उत्तराखंड सरकार के पशुपालन निदेशक को पत्र लिखकर इस बीमारी की रोकथाम के लिए उचित कदम उठाने को कहा है. जिससे लोगों की गायों को बचाया जा सके.