खटीमा: पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार बारिश हो रही है, जिसका असर उधम सिंह नगर में दिखाई देने लगा है. लगातार बारिश होने के कारण सितारगंज में कैलाश नदी ने विकराल रूप धारण कर लिया है. नदी के किनारे की कृषि भूमि का भू-कटाव होना शुरू हो गया है, जिसके कारण ग्रामीण खासे परेशान है. ग्रामीणों की माने तो अगर जल्द ही नदी का रुख नहीं मोड़ा गया तो आबादी वाले क्षेत्र भी खतरे की जद में आ जाएंगे.
सितारगंज क्षेत्र में बहने वाली कैलाश नदी का जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर चला गया है. ऐसे में कृषि योग्य भूमि का कटाव हो रहा है. वहीं, कैलाश नदी के ओवरफ्लो होकर बहने से रसोईयापुर और चिकाघाट गांव खतरे की जद में आ गए हैं. साथ ही आसपास के अन्य गांवों पर भी खतरा मंडराने लगा है.
नदी का जल स्तर बढ़ने से कई किसानों के खेत पानी में समा चुके हैं और किसान इसे लेकर खासे परेशान हैं. किसानों ने बताया कि सिंचाई विभाग द्वारा नदी की सिल्ट हटाकर नदी का रूख बदलने का प्रयास तो किया गया है. लेकिन नदी का रुख नहीं बदला. अब नदी का पानी खेतों और मकानों की ओर बढ़ने लगा है. वहीं, लोगों ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है.
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वहीं, पिछले कई दिनों से हो रही लगातार भारी बारिश की वजह से पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन होने और पहाड़ दरकने की घटनाएं सामने आ रही है. इसी कड़ी में टनकपुर-चंपावत के बीच चल्थी के पास पहाड़ी का मलबा आने से हाईवे पूरी तरह से बाधित हो गया. हालांकि प्रशासन की ओर से लगाई गई जेसीबी मशीनें लगातार मलबा हटाने का काम कर रही हैं.
CO अविनाश वर्मा ने बताया कि लगातार हो रही भारी बारिश की वजह से चंपावत और टनकपुर के बीच हाईवे का रास्ता संवेदनशील बना हुआ है. कुछ जगहों पर मलबा आने से मार्ग में अवरोध पैदा हो गया है. उन्होंने बताया कि मीडिया सेल द्वारा भी अपील की गई है कि आवश्यक कार्य के लिए इन रास्तों का प्रयोग करें. वर्तमान में इन रास्तों पर चलना खतरे से खाली नहीं है. जैसे ही रास्ता ठीक हो जाएगा. उनके द्वारा सूचित कर दिया जाएगा.