काशीपुर: निजी अस्पतालों के डॉक्टरों द्वारा समय-समय पर मरीजों से मनमानी कर पैसे वसूलने के मामले सामने आते रहते हैं. धरती के 'भगवान' का मरीजों के साथ कैसा व्यवहार है, ये भी समय-समय पर जगजाहिर होता रहता है. इस फेहरिस्त में अब केवीआर अस्पताल का नाम भी जुड़ गया है. यहां भी इलाज के नाम पर मनमर्जी की फीस वसूली जा रही है. जिसके कारण मरीज के साथ ही तीमारदार परेशान हो रहे हैं.
डॉक्टरों को भगवान का दर्जा दिया जाता रहा है, क्योंकि वह मरीज को बचाने के लिए अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर उसे दूसरा जीवन देते हैं. मगर डॉक्टर अपने मरीज के साथ किस तरह का व्यवहार करते हैं, यह भी समय-समय पर सामने आता रहा है. भगवान रूपी डॉक्टर 'लक्ष्मी' के लिए मरीज के साथ ऐसा व्यवहार करते हैं उसे देखकर लगता है कि मानवता अब समाज से खत्म होती जा रही है.
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ताजा मामला मुरादाबाद रोड स्थित केवीआर अस्पताल का है. जहां भर्ती मरीज के पिता ने पुलिस क्षेत्राधिकारी को फोन कर अस्पताल द्वारा मनमाना शुल्क वसूलने तथा मरीज के उपचार में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है. सूचना पर पुलिस क्षेत्राधिकारी अक्षय प्रह्लाद कोंडे ने तत्काल कुंडा थाने को मामले का संज्ञान लेने के निर्देश दिये.
मौके पर पहुंचे मंडी चौकी प्रभारी अशोक फर्त्याल ने मरीज के परिजनों से मुलाकात की. उत्तर प्रदेश के जिला मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा निवासी मरीज के परिजन अजय वर्मा ने बताया कि संजय वर्मा 14 अगस्त की रात 11 बजे ठाकुरद्वारा तिकोनिया की ओर जा रहा था. तभी उसके सामने अचानक कुत्ता आ गया. जिससे संजय वर्मा दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गया. इस दौरान संजय वर्मा के सिर में गंभीर चोट आई.
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उन्होंने बताया उनके द्वारा 14 अगस्त की रात को ही संजय को मुरादाबाद रोड स्थित केवीआर अस्पताल में भर्ती कराया गया. इस दौरान अस्पताल में मौजूद डॉक्टरों ने उनसे 1 लाख रुपए जमा करने को कहा. रात के वक्त उनके पास इतने पैसे नहीं थे. उस समय उन्होंने 20 हजार रुपए अस्पताल में जमा कर कहा कि बाकी रुपए दिन में अस्पताल में जमा कर दिए जाएंगे.
उन्होंने बताया अगले दिन 1 लाख 25 हजार रुपए उनके द्वारा केवीआर अस्पताल में जमा करा दिए गए. जिस पर दिल्ली से आए दिमाग से डॉक्टर ने उनके पुत्र का ऑपरेशन शुरू किया. ऑपरेशन के 2 दिन के संजय अच्छे से बातचीत करने लगा था. मगर तीसरे दिन के बाद ही डॉक्टरों ने दिमाग में पड़ी ट्यूब फिर से निकाल दी. जिससे संजय की हालत खराब हो गई. उन्होंने बताया इस दौरान संजय के उपचार में अब तक करीब 4 लाख रुपए खर्च हो चुके हैं, मगर अभी तक संजय की हालत में सुधार नहीं हुआ है.
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उन्होंने बताया उनके द्वारा जब डॉक्टर पंकज डावर से बातचीत की गई तो डॉक्टर ने उन्हें डांट कर कहा कि वह संजय का गला काटकर उसमें नली डालेंगे. मरीज का गला काटकर नली डालने की बात पर परिजनों में हड़कंप मच गया. उन्होंने आरोप लगाया कि अब डॉ पंकज डावर नली डालकर ऑपरेशन करने के 20 हजार रुपए मांग रहे हैं. उन्होंने कहा कि दिन निकलते ही 9 हजार रुपए की दवाई मेडिकल से आती है. दोपहर के बाद ₹13 हजार रुपए की दवाई फिर मेडिकल से मंगाई जाती है. फिर भी इसका कोई फायदा नहीं हो रहा है. उन्होंने अस्पताल के डाक्टरों पर आरोप लगाया कि डाक्टरों ने आयुष्मान कार्ड से भी संजय का उपचार नहीं किया.
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इस दौरान पुलिस और केवीआर अस्पताल के डॉक्टरों तथा मरीज के परिजनों के बीच करीब 2 घंटे चली बातचीत में कोई निर्णय नहीं निकल पाया. डॉक्टरों का कहना था कि अस्पताल में पैसे जमा करेंगे तभी उपचार किया जाएगा अन्यथा अपने मरीज को कहीं भी उपचार के लिए ले जा सकते हैं.
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उधर परिजनों का कहना है कि उनके पास उपचार के लिए रुपए नहीं हैं. अस्पताल के डॉक्टर उनके मरीज का उपचार करें. मरीज की हालत सही होगी तभी वह कहीं से भी रुपयों की व्यवस्था करके अस्पताल में जमा कराएंगे. उधर अस्पताल के डॉक्टर भी अपनी बात पर कायम हैं. उनका कहना है कि अस्पताल में उपचार कराना है तो रुपए जमा करने तो पड़ेंगे.