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शराब व्यापारियों ने नई आबकारी नीति को बताया फेल, हाईकोर्ट में दायर की याचिका

आबकारी अनुज्ञापी संघर्ष समिति ने राज्य सरकार की आबकारी नीति को फेल बताया. साथ ही आबकारी नीति का विरोध करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी है.

समिति ने हाईकोर्ट में दायर की याचिका.
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Published : Jun 21, 2019, 9:05 PM IST

Updated : Jun 21, 2019, 10:12 PM IST

खटीमा: राज्य के शराब व्यापारियों की समिति ने राज्य की आबकारी नीति पर सवाल उठाए हैं. साथ ही आबकारी नीति को पूरी तरह से फेल बताया. समिति ने आरोप लगाया कि प्रदेश की आबकारी नीति ने छोटे शराब व्यापारियों को बर्बादी की कगार पर ला दिया है. साथ ही समिति ने सरकार की आबकारी नीति के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.

समिति ने हाईकोर्ट में दायर की याचिका.

राज्य के शराब व्यवसायियों की समिति आबकारी अनुज्ञापी संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने खटीमा में राज्य सरकार की आबकारी नीति को फेल बताते हुए सिंडीकेट को लाभ पहुंचाने और स्थानीय कारोबारियों को नुकसान पहुंचाने वाला बताया.

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समिति संरक्षक सुरेंद्र नाहर ने बताया कि राज्य में बीजेपी सरकार आने के बाद सरकार ने स्थानीय युवाओं को रोजगार देने के उद्देश्य नई आबकारी नीति बनाई थी. इस नीति के तहत स्थानीय युवाओं को शराब की दुकानों के ठेके देने में प्रमुखता देने की बात कही गई थी. सरकार पर भरोसा कर स्थानीय लोगों ने बढ़-चढ़कर राज्य की आबकारी नीति के तहत शराब की दुकानों की बोली लगाकर दुकानें आवंटित करवाईं. इसके बाद शराब की दुकानों के अधिभार काफी बढ़ा देने से नये शराब अनुज्ञापियों को भारी नुकसान हुआ है. वहीं, आबकारी विभाग ने बचे हुए समय के लिए अन्य अनुज्ञापियों को 50 प्रतिशत तक अधिभार कम कर दुकानें आवंटित कर दीं और दुकान छोड़ने वाले अनुज्ञापियों की बाकी 50 प्रतिशत अधिभार की आरसी काट दी. साथ ही आंकड़ों में आबकारी विभाग को भारी मुनाफा दिखा दिया गया.

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समिति संरक्षक ने बताया कि राज्य के युवा जो भारी मुनाफे की आस मे शराब की दुकानें लिए हुए थे, वो लाखों के कर्जदार हो गए हैं. साथ ही राजस्व विभाग के कर्मचारी आबकारी विभाग की आरसी का पैसा वसूलने के लिए उनके घरों के चक्कर काट रहे हैं. इस साल अभी तक 234 शराब की दुकानें पूरे राज्य में रिक्त पड़ी हैं. वहीं, आबकारी विभाग 35 प्रतिशत अधिभार कम करके आवंटित किये जाने की तैयारी में है.

खटीमा: राज्य के शराब व्यापारियों की समिति ने राज्य की आबकारी नीति पर सवाल उठाए हैं. साथ ही आबकारी नीति को पूरी तरह से फेल बताया. समिति ने आरोप लगाया कि प्रदेश की आबकारी नीति ने छोटे शराब व्यापारियों को बर्बादी की कगार पर ला दिया है. साथ ही समिति ने सरकार की आबकारी नीति के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.

समिति ने हाईकोर्ट में दायर की याचिका.

राज्य के शराब व्यवसायियों की समिति आबकारी अनुज्ञापी संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने खटीमा में राज्य सरकार की आबकारी नीति को फेल बताते हुए सिंडीकेट को लाभ पहुंचाने और स्थानीय कारोबारियों को नुकसान पहुंचाने वाला बताया.

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समिति संरक्षक सुरेंद्र नाहर ने बताया कि राज्य में बीजेपी सरकार आने के बाद सरकार ने स्थानीय युवाओं को रोजगार देने के उद्देश्य नई आबकारी नीति बनाई थी. इस नीति के तहत स्थानीय युवाओं को शराब की दुकानों के ठेके देने में प्रमुखता देने की बात कही गई थी. सरकार पर भरोसा कर स्थानीय लोगों ने बढ़-चढ़कर राज्य की आबकारी नीति के तहत शराब की दुकानों की बोली लगाकर दुकानें आवंटित करवाईं. इसके बाद शराब की दुकानों के अधिभार काफी बढ़ा देने से नये शराब अनुज्ञापियों को भारी नुकसान हुआ है. वहीं, आबकारी विभाग ने बचे हुए समय के लिए अन्य अनुज्ञापियों को 50 प्रतिशत तक अधिभार कम कर दुकानें आवंटित कर दीं और दुकान छोड़ने वाले अनुज्ञापियों की बाकी 50 प्रतिशत अधिभार की आरसी काट दी. साथ ही आंकड़ों में आबकारी विभाग को भारी मुनाफा दिखा दिया गया.

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समिति संरक्षक ने बताया कि राज्य के युवा जो भारी मुनाफे की आस मे शराब की दुकानें लिए हुए थे, वो लाखों के कर्जदार हो गए हैं. साथ ही राजस्व विभाग के कर्मचारी आबकारी विभाग की आरसी का पैसा वसूलने के लिए उनके घरों के चक्कर काट रहे हैं. इस साल अभी तक 234 शराब की दुकानें पूरे राज्य में रिक्त पड़ी हैं. वहीं, आबकारी विभाग 35 प्रतिशत अधिभार कम करके आवंटित किये जाने की तैयारी में है.

Intro:summary- राज्य के शराब व्यवसायियों की संस्था ने राज्य की आबकारी नीति पर सवाल उठाते हुए आबकारी नीति को बताया फेल साथ ही छोटे शराब राशियों को बर्बादी की कगार पर पहुंचाने का लगाया आरोप। बर्बादी की कगार पर पहुंचे छोटे शराब व्यवसायियों की मदद के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।



एंकर-राज्य के शराब व्यवसायियों की आबकारी अनुज्ञापी संघर्ष समिति ने राज्य सरकार की आबकारी नीति को बताया फेल। राज्य की आबकारी नीति से सैकड़ो स्थानीय शराब व्यवसायी बर्बादी की कगार पर पहुंचे। आबकारी विभाग पर दर्जनों शराब व्यवसायियों की करोड़ों की आरसी काटने का लगाया आरोप। हाइकोर्ट में राज्य सरकार की आबकारी नीति के खिलाफ किया केस दायर।

नोट- खबर एफटीपी में -sarkaar ki aabkari niti par sawal - नाम के फोल्डर में है।



Body:वीओ- उत्तराखंड राज्य के शराब व्यवसायियों की बनाई गई संस्था आबकारी अनुज्ञापी संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने आज खटीमा में प्रेस कर राज सरकार की आबकारी नीति को सिंडीकेट को लाभ पहुंचाने व स्थानीय कारोबारियों को नुकसान पहुंचाने वाला बताया।
उन्होंने कहा कि राज्य मे बीजेपी सरकार आने के बाद सरकार ने स्थानीय युवाओं को रोजगार देने के उद्देश्य नई आबकारी नीति बनाई थी। जिसके तहत स्थानीय युवाओं को शराब की दुकानों के ठेके देने में प्रमुखता देने की बात कही थी। सरकार पर भरोसा कर स्थानीय लोगों ने बढ़-चढ़कर राज्य की आबकारी नीति के तहत शराब की दुकानों की बोली लगाकर दुकाने ली। क्योंकि शराब की दुकानों के अधिभार काफी बढ़ा दिए गए थे जिससे नये शराब अनुज्ञापियों को भारी नुकसान हुआ और उन्हें शराब की दुकानें एक दो महीनों छोड़ दी। जिसके बाद आबकारी विभाग ने बचे हुए समय के लिए अन्य अनुग्रपीयो को 50 प्रतिशत तक अधिभार कम कर दुकानें आवंटित कर दी। और दुकान छोड़ने वाले अनुग्रपी की बाकी 50 पर्सेंट अधिभार की आरसी काट दी। और आंकड़ों में आबकारी विभाग को भारी मुनाफा दिखा दिया। जिसके चलते राज्य के युवा जो भारी मुनाफे की आस मे शराब की दुकाने ली थी। वह लाखों के कर्जदार हो गए और राजस्व विभाग आबकारी विभाग की काटी गई आरसी का पैसा वसूलने के लिए उनके घरों के चक्कर मार रहा है। जिस कारण इस साल अभी तक 234 शराब की दुकानें पूरे राज्य में अभी तक रिक्त पड़ी है और आपकारी विभाग अब इनका 35 परसेंट अधिभार कम करके आवंटित किये जाने की तैयारी में है।
राज सरकार की इस आबकारी नीति के कारण बर्बादी की कगार पर पहुंचे छोटे शराब व्यवसायियों के लिए आबकारी अनुज्ञापी संघर्ष ने समिति राज्य सरकार की आबकारी नीति के खिलाफ हाई कोर्ट में केस दायर किया है। और हाईकोर्ट ने केस स्वीकार कर केस की सुनवाई शुरू कर दी है। हमें उम्मीद है कि हाई कोर्ट कर्ज के जाल में फंसे छोटे शराब व्यवसायियों को राहत देते हुए नई आबकारी नीति पर भी लगाम लगाएगा।

बाइट- सुरेंद्र नाहर संरक्षक आबकारी व्यापी संघर्ष समिति उत्तराखंड


Conclusion:
Last Updated : Jun 21, 2019, 10:12 PM IST
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