काशीपुर/रुड़कीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों के लंबे आंदोलन के बाद आखिरकार कृषि कानून (Farm Laws) वापस ले लिया है, लेकिन किसान अब कृषि कानून वापस करने की लिखित रूप में गारंटी की मांग पर अड़ गए हैं. साथ ही उन्होंने आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों को मुआवजा देने की मांग भी की है. उधर, कांग्रेस ने सरकार से किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum support price) पर कानून बनाने को कहा है. ताकि किसान का शोषण बंद हो सके.
दरअसल, काशीपुर में देर शाम मुरादाबाद रोड स्थित मंडी गेस्ट हाउस में किसान संगठन की ओर से एक बैठक आयोजित की गई. बैठक में सैकड़ों की संख्या में किसानों ने भाग लिया. जहां पर किसानों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कृषि कानून को वापस करने की घोषणा की है, जिसकी लिखित रूप में गारंटी चाहिए. किसानों ने कहा कि यह किसान एकता की जीत है. क्योंकि, केंद्र की बीजेपी सरकार की घमंड टूटा है.
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मृतक किसानों के परिजनों को मिले मुआवजाः किसान नेताओं ने कहा कि आगामी 26 नवंबर को किसान संगठन की बैठक होनी है. जिसमें फैसला लिया जाएगा कि आगे क्या करना है. क्याेंकि, आंदोलन के दौरान मौत के मुंह में समाए किसानों को मुआवजा नहीं मिला है. लखीमपुर खीरी में हिंसा में मारे गए किसानों के परिजनों को न्याय नहीं मिला है. इसलिए केंद्र की सरकार से मांग है कि आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों को मुआवजा दिया जाए.
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रुड़की में कांग्रेस ने पूछा 700 किसानों के मौत का जिम्मेदार कौन? रुड़की में अपने कैंप कार्यालय पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजेंद्र चौधरी ने प्रेसवार्ता कर मोदी सरकार की ओर से कृषि कानूनों को वापस लेने पर सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि सरकार से यह पूछना चाहते हैं कि अब तक इस आंदोलन में 700 किसानों की मौत हो चुकी है. आखिर उनकी मौत का जिम्मेदार कौन है?
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न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बने कानूनः उन्होंने कहा कि सरकार ने बताया था कि किसानों की आमदनी दोगुनी हो जाएगी, लेकिन किसानों पर 30 से 40 प्रतिशत का कर्ज बढ़ गया है. साथ ही कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर भी कानून बनाया जाए, ताकि किसान का शोषण बंद हो सके. वहीं, उन्होंने इस फैसले को किसानों की बड़ी जीत भी बताया है. साथ ही उन्होंने कहा कि जल्द ही 50 वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं के साथ दिल्ली हाईकमान से मिलने जा रहे हैं. जिससे आने वाले सत्र में कांग्रेस के सांसद, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाने में किसानों की मदद कर सके.