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वकील की शिकायत पर जेल से निकाल कर किशोर को भेजा बाल सुधार गृह

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Published : May 12, 2021, 3:34 PM IST

थाना कुंडा पुलिस ने अपनी गलती मानते हुए किशोर को बाल सुधार गृह में शिफ्ट कर दिया है. जांच अधिकारी एसआई सुप्रिया नेगी ने किशोर को बाल सुधार गृह भेजने की पुष्टि की है.

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सामान्य जेल से निकाल कर किशोर को भेजा बाल सुधार गृह

काशीपुर: अधिवक्ता की शिकायत पर पुलिस ने अपनी गलती सुधारते हुए सामान्य जेल भेजे गए किशोर को बाल सुधार गृह भेज दिया है. अब किशोर बाल सुधार गृह में रहेगा.

दरअसल थाना कुंडा क्षेत्र के गांव करनपुर निवासी कल्लू सिंह ने अपने अधिवक्ता संजीव कुमार आकाश के माध्यम से उच्चाधिकारियों को शिकायती पत्र भेजा था. पत्र में उन्होंने कहा था कि एक अप्रैल को उसके नाबालिग बेटे के खिलाफ पुलिस ने पाॅक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया. उसे उप कारागार हल्द्वानी भेज दिया गया. पुलिस की तरफ से घटना 23 दिसंबर 2020 की दिखाई गई. हाईस्कूल मार्कशीट के अनुसार उसके बेटे की जन्मतिथि एक अप्रैल 2004 है. इससे यह पता चलता है कि घटना के समय वह 16 साल 11 महीने 22 दिन का था.

उन्होंने कहा कि उसके बेटे ने एएन झा इंटर कॉलेज करनपुर से हाईस्कूल की परीक्षा 2019 में पास की थी. पत्र में आरोप लगाया कि उनकी तरफ से पुलिस को उसके बेटे के नाबालिग होने की सूचना दी गई थी. इसके बावजूद उसके बेटे का रिमांड किशोर न्याय बोर्ड रुद्रपुर से न लेकर पाॅक्सो कोर्ट रुद्रपुर से लिया गया. इस घटना से किशोर न्याय (बालकों की देख-रेख और संरक्षण) अधिनियम 2016 का उद्देश्य ही समाप्त होने की आशंका है.

ये भी पढ़ें : ऑक्सीमीटर की कालाबाजारी करते एक आरोपी गिरफ्तार

ये भी आरोप लगाया कि विवेचना अधिकारी ने इस मुकदमे में किशोर का उत्पीड़न कर क्रूरता दिखाई है. शिकायत के बाद पुलिस ने एक बार फिर मामले की जांच की. जांच के दौरान आरोपित किशोर पाया गया. इसके बाद उसे बाल सुधार गृह रुद्रपुर भेज दिया गया है. जांच अधिकारी कुंडा थाने की एसआई सुप्रिया नेगी ने किशोर को बाल सुधार गृह भेजने की पुष्टि की है.

काशीपुर: अधिवक्ता की शिकायत पर पुलिस ने अपनी गलती सुधारते हुए सामान्य जेल भेजे गए किशोर को बाल सुधार गृह भेज दिया है. अब किशोर बाल सुधार गृह में रहेगा.

दरअसल थाना कुंडा क्षेत्र के गांव करनपुर निवासी कल्लू सिंह ने अपने अधिवक्ता संजीव कुमार आकाश के माध्यम से उच्चाधिकारियों को शिकायती पत्र भेजा था. पत्र में उन्होंने कहा था कि एक अप्रैल को उसके नाबालिग बेटे के खिलाफ पुलिस ने पाॅक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया. उसे उप कारागार हल्द्वानी भेज दिया गया. पुलिस की तरफ से घटना 23 दिसंबर 2020 की दिखाई गई. हाईस्कूल मार्कशीट के अनुसार उसके बेटे की जन्मतिथि एक अप्रैल 2004 है. इससे यह पता चलता है कि घटना के समय वह 16 साल 11 महीने 22 दिन का था.

उन्होंने कहा कि उसके बेटे ने एएन झा इंटर कॉलेज करनपुर से हाईस्कूल की परीक्षा 2019 में पास की थी. पत्र में आरोप लगाया कि उनकी तरफ से पुलिस को उसके बेटे के नाबालिग होने की सूचना दी गई थी. इसके बावजूद उसके बेटे का रिमांड किशोर न्याय बोर्ड रुद्रपुर से न लेकर पाॅक्सो कोर्ट रुद्रपुर से लिया गया. इस घटना से किशोर न्याय (बालकों की देख-रेख और संरक्षण) अधिनियम 2016 का उद्देश्य ही समाप्त होने की आशंका है.

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ये भी आरोप लगाया कि विवेचना अधिकारी ने इस मुकदमे में किशोर का उत्पीड़न कर क्रूरता दिखाई है. शिकायत के बाद पुलिस ने एक बार फिर मामले की जांच की. जांच के दौरान आरोपित किशोर पाया गया. इसके बाद उसे बाल सुधार गृह रुद्रपुर भेज दिया गया है. जांच अधिकारी कुंडा थाने की एसआई सुप्रिया नेगी ने किशोर को बाल सुधार गृह भेजने की पुष्टि की है.

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