रुद्रपुर/गदरपुर: पत्रकार के खिलाफ झूठा मुकदमा करने का मामला तूल पकड़ने लगा है. आज जिले के तमाम पत्रकारों ने एसएसपी कैंप कार्यालय के बाहर जमकर प्रदर्शन किया. साथ ही संबंधित दोनों अधिकारियों को हटाने और मुकदमा वापस लेने की मांग की.
पंतनगर थाने में पत्रकार भरत शाह के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने और कुछ पत्रकारों के साथ एसपी सिटी और सीओ सिटी की ओर से अभद्रता करने का मामला तूल पकड़ने लगा है. जिले के तमाम पत्रकारों ने आज एसएसपी आवास के पास धरना देते हुए एसपी सिटी ममता बोहरा व सीओ अमित कुमार को तत्काल हटाने और झूठा मुकदमा वापस लेने की मांग की है. इस दौरान पत्रकारों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ जम कर नारेबाजी भी की. वहीं, पत्रकारों के आंदोलन को व्यापार मंडल व तमाम नेताओं ने भी अपना समर्थन दिया है.
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जानिए क्या था मामला
दरअसल, बीती देर रात पत्रकार भरत शाह को सूचना मिली थी कि सिडकुल चौकी क्षेत्र में एक खड़ी कार को आरएसएस के नेता ने टक्कर मार दी है और साथ ही उसके साथ जमकर मारपीट भी करने की बात कही. आरोप है कि दोनों पक्ष के लोग जैसे ही सिडकुल चौकी पहुंचे थे तो दोबारा बीजेपी नेता और आरएसएस के कार्यकर्ताओं ने पीड़ित पक्ष समेत पत्रकारों के साथ मारपीट शुरू कर दी. जिसके बाद चौकी को छावनी में तब्दील कर दिया गया.
मामला सामने आने के बाद देर रात तमाम पत्रकार भी चौकी में पहुंच गए, जिसके बाद एसपी सिटी के आदेश पर सभी पत्रकारों को चौकी से बाहर कर दिया गया, लेकिन आरोप है कि बीजेपी नेता और आरएसएस के नेताओं के इशारे पर पत्रकार भरत शाह उनके भाई और एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने का मुकदमा दर्ज कर दिया गया. जिससे गुस्साए पत्रकारों ने आज एसएसपी कैम्प कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर एसपी सिटी और सीओ सिटी को हटाने की मांग की. उन्होंने जबतक उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं की जाती है तो जिले के सभी सभी पत्रकार अर्ध नग्न हो कर प्रदर्शन करेंगे.
पत्रकारों ने काले फीता बांधकर काम करने का लिया निर्णय
बीती रात पुलिस की ओर से वरिष्ठ पत्रकार भरत शाह के साथ की गई अभद्रता से नाराज गदरपुर के सभी पत्रकारों ने कड़े शब्दों में निंदा करते हुए काला फीता हाथ में बांधकर काम करने का निर्णय लिया है. साथ ही घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया.