रुद्रपुरः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 अगस्त को टोक्यो ओलंपिक में शामिल हुए खिलाड़ियों से मुलाकात की थी. पीएम आवास पर ओलंपिक खिलाड़ियों के सम्मान में एक खास कार्यक्रम रखा गया था. इस दौरान ओलंपिक खिलाड़ियों से साथ बातचीत करते हुए उन्हें कई मंत्र दिए तो कुछ सुझाव और विचार भी मांगे.
इस दौरान पीएम मोदी ने यह भी कहा कि 'मैं आप लोगों से कुछ मांगना चाहता हूं. पीएम ने कहा कि 15 अगस्त 2023 तक आपमें से हर खिलाड़ी 75 स्कूलों में जाएं और बच्चों के साथ 1 घंटा बिताएं. कब खाना, क्या खाना, कितना खाना, पानी शुद्ध होना चाहिए, ऐसे विषयों पर जानकारी दें. इसी के मद्देनजर मंगलवार को टोक्यो ओलंपिक में देश को पुरुष हॉकी में कांस्य पदक दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले भारतीय हॉकी टीम के स्टार खिलाड़ी सिमरनजीत सिंह दिल्ली पब्लिक स्कूल पहुंचे.
इस दौरान उनका जोरदार स्वागत किया गया. सिमरनजीत सिंह ने स्कूली बच्चों के साथ अपना अनुभव भी साझा किया. सिमरनजीत सिंह ने कहा कि आज स्कूलों को भी हॉकी से जोड़ने की जरूरत है. ताकि भारतीय टीम को अच्छे खिलाड़ी मिल सकें.
टोक्यो ओलंपिक में भारत को हॉकी में कांस्य पदक दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी सिमरनजीत सिंह मंगलवार को रुद्रपुर के दिल्ली पब्लिक स्कूल पहुंचे. इस दौरान स्कूल के चेयरमैन सुरजीत सिंह ग्रोवर, सहायक निदेशक खेल सुरेश पांडे, जिला क्रीड़ा अधिकारी रसिक सिद्दीकी, कुमाऊं विश्वविद्यालय के खेल अधिकारी नागेंद्र शर्मा मौजूद रहे. कार्यक्रम के दौरान सिमरनजीत सिंह ने बच्चों को हॉकी के बारे में भी जानकारी दी.
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वहीं, मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने के बाद देश से उन्हें बहुत प्यार मिला है. 41 साल बाद जो पदक भारत को मिला है, वह देश के लोगों का विश्वास है.
उन्होंने कहा कि आज उत्तराखंड में भी उनका स्वागत हुआ है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के लोग और बच्चे भी हॉकी को पसंद करते हैं. उन्होंने सरकार से मांग की कि हॉकी में बेहतर खिलाड़ी तलाशने के लिए उन्हें हॉकी को स्कूलों से जोड़ना होगा, ताकि देश को अच्छे खिलाड़ी मिल सकें. उन्होंने युवाओं में बढ़ते नशे की प्रवृत्ति पर बोलते हुए कहा कि आज के दौर में माता-पिता को अपने बच्चों और उनके फ्रेंड सर्कल पर नजर रखनी चाहिए.
गौरतलब है कि सिमरनजीत सिंह द्वारा टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक के लिए जर्मनी के खिलाफ खेले गए मैच में पहला एवं पांचवां गोल दागा गया था. इसने भारत को कांस्य पदक दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.