रुद्रप्रयागः द्वितीय विश्व युद्ध में दुश्मनों के छक्के छुड़ाने वाले जोत सिंह नेगी का 96 वर्ष की आयु में निधन हो गया है. अलकनंदा नदी किनारे पैतृक घाट पर उनकी अंत्येष्टि में तल्लानागपुर सहित कई गांवों के लोग मौजूद थे. वे अपने पीछे भरापूरा परिवार छोड़ गए हैं. उनके निधन से क्षेत्र में शोक की लहर है. क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों, जनता एवं विभिन्न संगठनों ने उनकी मौत पर शोक जताया है.
जिले के मदोला गांव में 24 फरवरी 1924 को जन्मे जोत सिंह नेगी की बचपन से ही देश सेवा में जाने की इच्छा थी. नेगी वर्ष 1944 में भारतीय सेना की गढ़वाल राइफल्स में भर्ती हुए. इसके बाद उन्हें द्वितीय विश्व युद्ध में शामिल होने का मौका मिला और फिर 1962 के भारत-चीन युद्ध में भी उन्होंने अहम भूमिका निभाई.
वर्ष 1964 में सेना से हवलदार पद से सेवानिवृत्त होने के बाद वे गांव में होने वाले ग्रामीणों के निजी व सामूहिक कार्यों में सक्रिय रहते थे. पूर्व सेनानी नेगी पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे और अपने बड़े पुत्र विक्रम सिंह नेगी के साथ श्रीनगर में रह रहे थे.
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देर रात्रि दो बजे उन्होंने अंतिम सांस ली. पैतृक घाट पर उनकी अंत्येष्टि की गई.