नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने काशीपुर कोऑपरेटिव सोसाइटी (Kashipur Cooperative Society) में हुई भर्तियां व लाखों रुपए के घोटाला मामले में दायर याचिका पर सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद वरिष्ठ न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ को ऑपरेटिव समिति सहित अन्य पक्षकारों को नोटिस जारी करते हुए 7 दिनों के भीतर जवाब देने को कहा है. वहीं, काशीपुर के बरखेड़ा पांडे में सीलिंग भूमि अतिक्रमण (Sealing land encroachment in Barkheda Pandey) मामले पर भी सरकार को भूमि का मौका मुयाना कर उसकी रिपोर्ट 6 हफ्ते में पेश करने को कहा है.
काशीपुर कोऑपरेटिव सोसायटी मामले में मोहम्मद शर्फ़राज ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर कहा है काशीपुर किसान कोऑपरेटिव सोसाइटी में नियुक्तियों व वित्तीय लेनदेन के मामले में कई घपले सोसाइटी के वरिष्ठ सदस्यों ने किये. इस सोसाइटी में याचिकाकर्ता भी एक सदस्य है. सोसाइटी ने अपने लोगों को लाभ देने के लिए उनके वेतनमान बढ़ाने के अलावा उनके अन्य देयकों में भी अनावश्यक वृद्धि की. सोसाइटी ने सरकारी कागजों सोया को अत्यअधिक लाभ दिखाया, जबकि जमीनी स्तर पर सोसाइटी घाटे में चल रही है. जिसकी भरपाई आज सोसाइटी के सदस्यों से की जा रही है.
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वहीं, दूसरे मामले में बरखेड़ा पांडे में सीलिंग की भूमि पर अतिक्रमण करने और उसे बेच दिए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर भी हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खण्डपीठ ने सरकार को भूमि का मौका मुयाना कर उसकी रिपोर्ट 6 सप्ताह के भीतर कोर्ट में पेश करने को कहा है. कोर्ट ने विपक्षी जिलाअधिकारी उधमसिंह नगर, उपजिला अधिकारी काशीपुर, तहसीलदार काशीपुर परमहंस,लखविंदर सिंह, कश्मीरी देवी, प्रभात कुमार, राजविंदर व परमजीत कौर को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने को कहा है.