काशीपुर: नैनीताल-उधम सिंह नगर लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी हरीश रावत द्वारा आचार संहिता के उल्लंघन का मामला सामने आया. बताया जा रहा है कि हरीश रावत ने चुनाव आयोग की परमिशन के बगैर ही जनसभा का आयोजन कर डाला. वहीं, जब इस बाबत हरीश रावत से पूछा गया तो उन्होंने जवाब दिया कि चुनावी सभा की परमिशन उनके हाथ में नहीं है, छोटे-छोटे कारणों को लेकर चुनाव आयोग उनके कार्यक्रमों की परमिशन नहीं दे रहा है, जो उचित नहीं है.
दरअसल, नैनीताल उधम सिंह नगर लोकसभा संसदीय सीट के कांग्रेसी प्रत्याशी हरीश रावत का काशीपुर जसपुर में कार्यक्रम प्रस्तावित था. काशीपुर में अग्रवाल सभा में ये कार्यक्रम तय किया गया था तथा इसकी अनुमति प्रशासन से ले ली गई थी, लेकिन श्री अग्रवाल सभा भवन में अन्य कार्यक्रम होने की वजह से कांग्रेसियों ने खुद रामनगर रोड स्थित श्री रामलीला मैदान को चयनित कर चोरी छुपे कार्यक्रम का आयोजन की तैयारी कर ली. इस दौरान सूचना मिलने पर जिला निर्वाचन आयोग के द्वारा गठित उड़न दस्ता टीम और वीडियो निगरानी दल की टीम मौके पर पहुंच गई.
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वहीं, जब इस बारे में वहां पहुंचे कांग्रेसी प्रत्याशी हरीश रावत से इस बाबत जानकारी ली गई तो उन्होंने केवल इतना इतना ही कहा कि परमिशन हमारे हाथ में नहीं है यह चुनाव आयोग के हाथ में है, शासन के हाथ में है. हमारे लोगों ने परमिशन चाहिए लेकिन उन्होंने इंकार कर दिया. साथ ही उन्होंने इतना जरूर कहा कि हमें छोटे-छोटे कारणों से परमिशन से इंकार कर दिया जा रहा है, जो उचित नहीं है.
काशीपुर में स्थानीय कांग्रेसी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के बीच आपसी गुटबाजी के चलते जहां कांग्रेसी हरीश रावत के प्रचार-प्रसार को कोई खास तवज्जो नहीं दे रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ शुक्रवार शाम कांग्रेसियों के द्वारा स्थान परमिशन के मामले में ने यह साफ कर दिया है की काशीपुर में हरीश रावत को हराने के लिए विपक्षी पार्टी के पदाधिकारियों की जरूरत नहीं है. ऐसे में साफ है कि हरीश रावत को अपने विपक्षियों अपने विपक्षियों के साथ-साथ उन भीतरघातियों से भी सावधान रहने की जरूरत है. जो कभी परमिशन के नाम पर तो कभी प्रचार-प्रसार में कोई खास तवज्जो न देकर हरीश रावत को चुनाव करवाने के लिए अपनी कमर कस चुके हैं.