गदरपुर: कहते हैं नेत्रदान महादान होता है, लेकिन देश-दुनिया में लोग अभी भी नेत्रदान करने से हिचकते हैं. आज गदरपुर में 87 वर्षीय हरबंस लाल सुखिजा के निधन के बाद अनकी आंखें दान की गई. दान आंखों से दो नेत्रहीन लोगों की जिंदगी में रोशनी आ सकेगी.
आपको बता दें कि गदरपुर कांग्रेस के नगर अध्यक्ष विजय सुखिजा के पिता हरबंस लाल सुखिजा की आखिरी इच्छा थी कि मरने के बाद दोनों नेत्र दान कर दिया जाए. 87 वर्षीय हरबंस लाल सुखीजा की मृत्यु के बाद उनकी आखिरी इच्छा पूरी करते हुए उनके पुत्र विजय सुखीजा ने मुरादाबाद के सी.एल.गुप्ता आई बैंक के डॉक्टर दीपक कुमार को बुलाकर अपने पिता का आखिरी इच्छा पूरा करते हुए उनके नेत्रदान कर दिए.
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विजय सुखिजा ने कहा कि मेरे पिता ने आख़री इच्छा थी कि मृत्यु के बाद उनकी आंखें दान कर दी जाए ताकि किसी नेत्रहीन की जिंदगी रोशन हो सके. जिसके चलते मुरादाबाद के सी एल गुप्ता आई बैंक के डॉक्टर को बुलाकर नेत्र दान किया गया.
डॉ. दीपक कुमार ने कहा कि गदरपुर के हरबंस लाल सुखीजा की आखिरी इच्छा थी कि उनकी आंख दान कर दी जाए, मृत्यु के बाद हरबंस लाल सुखिजा की आंख निकाल ली गई है. 72 घंटे के भीतर जिसे आंख की जरूरत होगी उसे लगा दी जाएगी.