गदरपुर: क्षेत्र में हो रही लगातार बारिश ने मटर की फसल पहले ही बर्बाद हो चुकी है. जिससे बाद किसानों को गेहूं की फसल से उम्मीद थी. लेकिन, लगातार हो रही बारिश ने गेंहू की फसल को भी पूरी तरह बर्बाद कर दिया है. जिससे किसानों के सामने अब रोज रोजी का संकट खड़ा हो गया है. वहीं, किसान सरकार से मुआवजे के साथ कर्ज माफी की मांग कर रहे हैं. किसानों ने कहा कि अगर सरकार उनकी सहायता नहीं करेगी, तो वे आत्महत्या करने को मजबूर होंगे.
तहसीलदार भुवन चंद्र ने कहा कि हमने हर क्षेत्र के पटवारी को अपने-अपने क्षेत्र में जाकर नुकसान हुए फसलों का जायजा लेने के लिए आदेश दिया है. बर्बाद हुए फसल का मुआवजा हम सरकार से किसानों को दिलाने की कोशिश करेंगे.
गदरपुर क्षेत्र में किसानों के खेत में बरसात का पानी भर जाने के कारण मटर का फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुका है. किसानों को गेहूं की फसल से काफी उम्मीदें थी कि मटर की फसल की भरपाई थोड़ा-बहुत हो जाएगा. लेकिन, लगातार तेज बारिश से किसानों के गेहूं का फसल भी खराब हो गया है. जिसके कारण किसानों को भारी नुकसान हुआ है. वहीं किसान बर्बाद हुए फसल की भरपाई के लिए सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं.
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गदरपुर के तहसीलदार भुवन चंद्र ने कहा कि हर क्षेत्र के पटवारी को अपने-अपने क्षेत्र में जाकर नुकसान हुए फसलों का जायजा लेने के लिए आदेश कर दिया गया है. मानक के अनुसार बर्बाद हुए फसलों का मुआवजा सरकार द्वारा किसानों को दिलाने की कोशिश की जाएगी.
वहीं कांग्रेसी नेता ने कहा कि अगर किसानों को सरकार कोई सहायता नहीं देगा तो किसान आत्महत्या के लिए मजबूर हो जाएंगे. जिसके कारण कांग्रेसी और किसान पूरे प्रदेश में उग्र आंदोलन कर सरकार को सत्ता से बाहर निकालेंगे.
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इस दौरान एक किसान ने कहा कि इस बार बरसात से हमारा 60 पर्सेंट फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गया है. सरकार किसानों से प्रधानमंत्री फसल बीमा के नाम पर पैसा लेती है. सरकार को किसानों को मुआवजा देने के साथ ही कर्ज भी माफ करे. वहीं कांग्रेसी नेता नारायण हालदार ने कहा कि किसानों का मुख्य फसल मटर, राई और गेहूं है. लेकिन, बारिश और ओलावृष्टि के कारण फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुका है. उन्होंने कहा कि कोई भी अधिकारी अभी तक जांच करने के लिए नहीं आया है. उत्तराखंड सरकार सिर्फ वादों के लिए ही जानी जाती है, काम के लिए नहीं.