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गदरपुर: ओलावृष्टि और बारिश से फसल हुई बर्बाद, किसानों ने सरकार से मांगी मदद - wheat news

गदरपुर में हो रही लगातार बारिश ने मटर की फसल पहले ही बर्बाद हो चुकी है. जिससे बाद किसानों की उम्मीद गेहूं की फसल से थी. लेकिन, लगातार हो रही बारिश ने गेंहू की फसल को भी पूरी तरह बर्बाद कर दिया है. जिससे किसानों की यह उम्मीद भी खत्म होती दिख रही हैं.

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फसल हुई बर्बाद
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Published : Jan 28, 2020, 7:21 PM IST

Updated : Jan 28, 2020, 7:48 PM IST

गदरपुर: क्षेत्र में हो रही लगातार बारिश ने मटर की फसल पहले ही बर्बाद हो चुकी है. जिससे बाद किसानों को गेहूं की फसल से उम्मीद थी. लेकिन, लगातार हो रही बारिश ने गेंहू की फसल को भी पूरी तरह बर्बाद कर दिया है. जिससे किसानों के सामने अब रोज रोजी का संकट खड़ा हो गया है. वहीं, किसान सरकार से मुआवजे के साथ कर्ज माफी की मांग कर रहे हैं. किसानों ने कहा कि अगर सरकार उनकी सहायता नहीं करेगी, तो वे आत्महत्या करने को मजबूर होंगे.

फसल हुई बर्बाद

तहसीलदार भुवन चंद्र ने कहा कि हमने हर क्षेत्र के पटवारी को अपने-अपने क्षेत्र में जाकर नुकसान हुए फसलों का जायजा लेने के लिए आदेश दिया है. बर्बाद हुए फसल का मुआवजा हम सरकार से किसानों को दिलाने की कोशिश करेंगे.

गदरपुर क्षेत्र में किसानों के खेत में बरसात का पानी भर जाने के कारण मटर का फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुका है. किसानों को गेहूं की फसल से काफी उम्मीदें थी कि मटर की फसल की भरपाई थोड़ा-बहुत हो जाएगा. लेकिन, लगातार तेज बारिश से किसानों के गेहूं का फसल भी खराब हो गया है. जिसके कारण किसानों को भारी नुकसान हुआ है. वहीं किसान बर्बाद हुए फसल की भरपाई के लिए सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं.

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गदरपुर के तहसीलदार भुवन चंद्र ने कहा कि हर क्षेत्र के पटवारी को अपने-अपने क्षेत्र में जाकर नुकसान हुए फसलों का जायजा लेने के लिए आदेश कर दिया गया है. मानक के अनुसार बर्बाद हुए फसलों का मुआवजा सरकार द्वारा किसानों को दिलाने की कोशिश की जाएगी.

वहीं कांग्रेसी नेता ने कहा कि अगर किसानों को सरकार कोई सहायता नहीं देगा तो किसान आत्महत्या के लिए मजबूर हो जाएंगे. जिसके कारण कांग्रेसी और किसान पूरे प्रदेश में उग्र आंदोलन कर सरकार को सत्ता से बाहर निकालेंगे.

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इस दौरान एक किसान ने कहा कि इस बार बरसात से हमारा 60 पर्सेंट फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गया है. सरकार किसानों से प्रधानमंत्री फसल बीमा के नाम पर पैसा लेती है. सरकार को किसानों को मुआवजा देने के साथ ही कर्ज भी माफ करे. वहीं कांग्रेसी नेता नारायण हालदार ने कहा कि किसानों का मुख्य फसल मटर, राई और गेहूं है. लेकिन, बारिश और ओलावृष्टि के कारण फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुका है. उन्होंने कहा कि कोई भी अधिकारी अभी तक जांच करने के लिए नहीं आया है. उत्तराखंड सरकार सिर्फ वादों के लिए ही जानी जाती है, काम के लिए नहीं.

गदरपुर: क्षेत्र में हो रही लगातार बारिश ने मटर की फसल पहले ही बर्बाद हो चुकी है. जिससे बाद किसानों को गेहूं की फसल से उम्मीद थी. लेकिन, लगातार हो रही बारिश ने गेंहू की फसल को भी पूरी तरह बर्बाद कर दिया है. जिससे किसानों के सामने अब रोज रोजी का संकट खड़ा हो गया है. वहीं, किसान सरकार से मुआवजे के साथ कर्ज माफी की मांग कर रहे हैं. किसानों ने कहा कि अगर सरकार उनकी सहायता नहीं करेगी, तो वे आत्महत्या करने को मजबूर होंगे.

फसल हुई बर्बाद

तहसीलदार भुवन चंद्र ने कहा कि हमने हर क्षेत्र के पटवारी को अपने-अपने क्षेत्र में जाकर नुकसान हुए फसलों का जायजा लेने के लिए आदेश दिया है. बर्बाद हुए फसल का मुआवजा हम सरकार से किसानों को दिलाने की कोशिश करेंगे.

गदरपुर क्षेत्र में किसानों के खेत में बरसात का पानी भर जाने के कारण मटर का फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुका है. किसानों को गेहूं की फसल से काफी उम्मीदें थी कि मटर की फसल की भरपाई थोड़ा-बहुत हो जाएगा. लेकिन, लगातार तेज बारिश से किसानों के गेहूं का फसल भी खराब हो गया है. जिसके कारण किसानों को भारी नुकसान हुआ है. वहीं किसान बर्बाद हुए फसल की भरपाई के लिए सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं.

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गदरपुर के तहसीलदार भुवन चंद्र ने कहा कि हर क्षेत्र के पटवारी को अपने-अपने क्षेत्र में जाकर नुकसान हुए फसलों का जायजा लेने के लिए आदेश कर दिया गया है. मानक के अनुसार बर्बाद हुए फसलों का मुआवजा सरकार द्वारा किसानों को दिलाने की कोशिश की जाएगी.

वहीं कांग्रेसी नेता ने कहा कि अगर किसानों को सरकार कोई सहायता नहीं देगा तो किसान आत्महत्या के लिए मजबूर हो जाएंगे. जिसके कारण कांग्रेसी और किसान पूरे प्रदेश में उग्र आंदोलन कर सरकार को सत्ता से बाहर निकालेंगे.

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इस दौरान एक किसान ने कहा कि इस बार बरसात से हमारा 60 पर्सेंट फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गया है. सरकार किसानों से प्रधानमंत्री फसल बीमा के नाम पर पैसा लेती है. सरकार को किसानों को मुआवजा देने के साथ ही कर्ज भी माफ करे. वहीं कांग्रेसी नेता नारायण हालदार ने कहा कि किसानों का मुख्य फसल मटर, राई और गेहूं है. लेकिन, बारिश और ओलावृष्टि के कारण फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुका है. उन्होंने कहा कि कोई भी अधिकारी अभी तक जांच करने के लिए नहीं आया है. उत्तराखंड सरकार सिर्फ वादों के लिए ही जानी जाती है, काम के लिए नहीं.

Intro:रेडी टू पैकेज
Summry - लगातार बारिश से गदरपुर क्षेत्र के किसान परेशान
एंकर - गदरपुर क्षेत्र में लगातार बारिश से पहले तो मटर का फसल पूरी तरह से बर्बाद कर दिया अब गेहूं की फसल की बारी थी जिससे किसान उम्मीद कर रहे थे की गेहूं की फसल से नुकसान हुई है फसल की भरपाई करेंगे लेकिन लगातार बारिश से किसानों के वह उम्मीद भी खत्म होता दिख रहा हैंBody:इस बार लगातार बरसात से किसानों के खेत में पानी भर जाने के कारण मटर का फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गया है अब किसानों को गेहूं की फसल से काफी उम्मीद है कि गेहूं की फसल से नुकसान हुए मटर की फसल की भरपाई थोड़ा-बहुत कर पाएंगे लेकिन लगातार हो रही बारिश से किसानों का बो उम्मीद भी खत्म होता दिख रहा है इसी के चलते कल रात हुई तेज बारिश से किसानों के गेहूं का फसल भी खराब हो गया है इसलिए किसानों को इस बार भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है जिस कारण किसानों के चेहरे पर मायूसी छाई हुई है तो वही किसान बर्बादी हुए फसल की भरपाई के लिए सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं जिसके चलते गदरपुर के तहसीलदार भुवन चंद्र ने कहा कि हमने हर क्षेत्र के पटवारी को अपने-अपने क्षेत्र में जाकर नुकसान हुए फसलों का जायजा लेने के लिए आदेश कर दिया है और मानक के अनुसार बर्बाद हुए फसल का मुआवजा हम सरकार से किसानों को दिलाने की कोशिश करेंगे तो वही कांग्रेसी नेता ने कहा कि अगर किसानों को सरकार कोई सहायता नहीं देगा तो किसान आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो जाएंगे और हम कांग्रेसी और किसान पूरे प्रदेश स्तर से उग्र आंदोलन करके भाजपा सरकार को सत्ता से बाहर निकाल भेकेंगे

वीओ - आपको पता तो चले कि इस बार का मौसम किसानों के लिए कहर बनकर बरसा है लगातार तेज बारिश होने के कारण किसानों के खेतों में पानी भर जाने के कारण किसान का फसल खराब हो गया है पहले तो मटर का फसल बुरी तरह चौपट कर दिया है अब गेंहू का फसल बाकी था जिससे किसान उम्मीद कर रहे थे की इस फ़सल से नुकसान हुए फ़सल का थोड़ा बहुत भरपाई कर पाएंगे लेकिन लगातार हो रहे बारिश में गेहूं की फसल को भी खराब कर दिया है जिस कारण इस बार किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है जिससे किसान पूरी तरह से हताश है और सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे है
इस दौरान एक किसान ने कहा कि इस बार बरसात से हमारा 60 पर्सेंट फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गया है और जो भी बचा कुचा है उसमें कुछ होने वाला नहीं है सरकार किसानों से प्रधानमंत्री फसल बीमा के नाम पर पैसा लेता है सरकार को किसानों को मुआवजा देना चाहिए और इस बार मौसम की मार से किसान कर्ज में डूब गए हैं सरकार को किसानों का कर्ज भी माफ कर देना चाहिए
और कहा कि बारिश से गेहूं का फसल पीला पड़ गया सड़ गया है जिससे किसान बहुत परेशान हैं और किसान जब सोसाइटी में खाद लेने के लिए जाता है तो उस समय किसानों से बीमा कांटा जाता है लेकिन अब तक कोई मुआवजा का पैसा मिला नही है ना सरकार द्वारा कोई नुमाइंदे भेजा है सर्वे करने के लिए और जिस तरह से लगातार बरसात हो रहा है अगर ऐसा ही होता रहा तो बचा कूचा फसल भी नष्ट हो जाएगा और सरकार किसानों को कोई सहायता नहीं देगा तो किसान जरूर जहर खाकर अपनी जान दे देगा
इस दौरान कॉग्रेसी नेता नारायण हालदार ने कहा कि किसानों का मुख्य फसल मटर लाई और गेहूं है लेकिन बारिश और ओलावृष्टि के कारण पूरी तरह से खराब हो गया है और तहसील स्तर से कोई भी अधिकारी अभी तक जांच करने के लिए नहीं आया और उत्तराखंड सरकार सिर्फ वादों के लिए ही जाना जाता है काम के लिए नहीं आज जो किसानों का हालत हुआ है किसानो को सरकार कोई सहायता नही किया तो किसान आत्महत्या करने की कगार पर खड़े हो जाएगे
तो वही तहसीलदार ने कहा कि
बारिश तो हो रहा है लगातार जिसके चलते हमने हर पटवारी को अपने अपने क्षेत्र में जाकर सर्वे करने का आदेश दे दिया है और उस सर्वे में यह बताया जा रहा है कि क्यों पहले गेहूं बोया गया था उनके लिए यह बारिश तो ठीक है लेकिन जो गेहूं बाद में बोया जाए हैं उनके लिए थोड़ा बहुत नुकसान हुआ है और जलभराव क्षेत्र में जो फसल का नुकसान हुआ है उनका सर्वे किया जा रहा है और मानक के अनुसार बर्बाद हुई फसल का मुआवजा हम सरकार से दिलाने की कोशिश करेंगेConclusion:वाइट - किसान
वाइट - किसान
वाइट - नारायण हालदार कांग्रेसी नेता
वाइट - भुवन चन्द्र तहसीलदार गदरपुर
Last Updated : Jan 28, 2020, 7:48 PM IST
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