काशीपुर: उधमसिंह नगर जिले की काशीपुर पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो निजी वाहनों में कम किराया लेने का लालच देकर पहले सवारियों को बैठा थे. फिर उनके साथ लूटपाट की वारदात को अंजाम देते थे. पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.
अपर पुलिस अधीक्षक काशीपुर प्रमोद कुमार ने मामले का खुलासा किया. उन्होंने बताया कि यूपी के बिजनौर जिले के थाना शेरकोट निवासी नितिन कुमार ने बीते रोज पुलिस को एक तहरीर थी. तहरीर में नितिन कुमार ने बताया था कि मानपुर रोड स्थित निजी अस्पताल में वो वार्ड ब्वॉय का काम करते हैं. दोपहर करीब तीन बजे ड्यूटी खत्म होने के बाद वो घर जाने के लिये मुरादाबाद रोड पर आकांक्षा मार्बल के पास सड़क पर खड़े थे.
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नितिन कुमार के मुताबिक तभी पिकअप गाड़ी उसके पास आकर रुकी. उन्होंने नितिन से चलने लिए पूछा, लेकिन नितिन ने मना कर दिया. इसके बाद पिकअप सवार लोगों ने उन्हें कम किराये का लालच दिया तो नितिन पिकअप में बैठ गये. जैसे ही वो जसपुर रोड पर गोविन्दपुर के पास पहुंचे पिकअप सवार लोगों ने उसके साथ छीना झपटी शुरू कर दी.
पिकअप सवार लोगों ने उनका पर्स व घड़ी भी छीन ली. साथ ही किसी को कुछ बताने पर जान से मारने की धमकी दी और वहीं छोड़कर फरार हो गए. पुलिस ने नितिन की तहरीर पर अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया. सीओ अक्षय प्रह्लाद कोंडे ने मामले का खुलासा करने के लिए पुलिस की दो टीमें गठित की.
पुलिस टीमों ने चेक पोस्ट व बैरियर पर सघन चेकिंग अभियान चलाया. पुलिस ने हल्दुवा शाहू से श्यामनगर-ठाकुरद्वारा रोड पर घटना से मिलती जुलती पिकअप गाड़ी को पकड़ा. उसमें सवार मोहम्मद नासिर, ताहिर, रिंकू, रामरतन को गिरफ्तार किया. आरोपियों के कब्जे से लूटा गया एटीएम कार्ड, आधार कार्ड, पर्स, कलाई घड़ी व लूटी गई 3170 रुपये की रकम में से 2170 रुपए बरामद हुए.
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आरोपियों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने एक हजार रुपए का तेल गाड़ी में डलवाया था. इसके अलावा आरोपी ताहिर के कब्जे से चाकू व नासिर के कब्जे से एक 315 बोर का तमंचा व दो जिंदा कारतूस भी मिले हैं. पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह पिकअप गाड़ी से लगातार घूमते रहते हैं.
बस अड्डों व सार्वजनिक स्थानों पर बसों का इंतजार कर रही सवारियों को कम पैसे का लालच देकर गाड़ी में बैठा थे. फिर उनके साथ लूटपाट की वारदात को अंजाम दिया करते थे. लूटे गए माल को आरोपी आपस में बांट लेते थे. आरोपियों ने बताया कि पकड़े जाने के डर से वे किसी भी सवारी का मोबाइल नहीं लूटते थे.