देहरादून (नवीन उनियाल): उत्तराखंड में साल 2024 रैश ड्राइविंग और ओवरस्पीड से होने वाली दुर्घटनाओं के नाम रहा. इस साल राज्य में अधिकतर दुर्घटनाएं इन्हीं वजह से हुईं और साल भर में 900 से ज्यादा लोग काल के गाल में समा गए. हैरत की बात यह है कि न केवल मैदानी बल्कि पर्वतीय क्षेत्रों में भी ऐसी दुर्घटनाएं कई लोगों के मौत की वजह बन गई.
उत्तराखंड में आए दिन सड़क दुर्घटनाओं से लोगों की जान जा रही है. देश में ऐसी दुर्घटनाओं के चलते साल भर का आंकड़ा हैरत भरा है. बड़ी बात यह है कि जांच के बाद अधिकतर दुर्घटनाओं के पीछे की वजह रैश ड्राइविंग और ओवरस्पीड को माना गया. बात सिर्फ इतनी ही नहीं है, बल्कि ऐसी दुर्घटनाओं का आंकड़ा साल दर साल बढ़ भी रहा है.
पिछले तीन सालों के आंकड़े देखकर यह समझना आसान है कि किस तरह रैश ड्राइविंग और ओवरस्पीड प्रदेश में लोगों की जिंदगियां छीन रही है. उत्तराखंड में सड़क दुर्घटनाओं के लिए जिम्मेदार तमाम कारण जब दस्तावेज के रूप में इकट्ठा किए गए तो जो बातें सामने आई वो परेशान करने वाली थी.
दरअसल, इन आंकड़ों से यह बात साफ हो रही थी कि तमाम दुर्घटनाओं के लिए लोग खुद जिम्मेदार रहे हैं. निए क्या है राज्य में दुर्घटनाओं के आंकड़े.
- साल 2024 में उत्तराखंड के अंदर कुल 1594 सड़क दुर्घटना हुई.
- 1594 सड़क दुर्घटना में 983 लोगों ने अपनी जान गंवाई.
- इसके अलावा 1427 से ज्यादा लोग घायल हुए.
- 1353 दुर्घटनाएं रैश ड्राइविंग और ओवरस्पीड से हुई.
- रैश ड्राइविंग और ओवरस्पीड के कारण 825 लोग की मौत हुई.
- इसके अलावा रैश ड्राइविंग और ओवरस्पीड में 1209 लोग घायल हुए.
साल दर साल बढ़ रहे सड़क हादसे: यह आंकड़ा इसलिए भी सरकारी एजेंसियों को परेशान कर रहा है. क्योंकि प्रदेश में दुर्घटनाओं के मामले साल दर साल बढ़ रहे हैं और इनमें हर साल दुर्घटना की वजह रैश ड्राइविंग और ओवरस्पीड बन रही है. यातायात की जिम्मेदारी संभाल रहे आईजी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि यातायात विभाग बाकी संबंधित विभागों से समन्वय बनाते हुए बड़ी घटनाओं के पीछे के कारणों आधार पर भविष्य की प्लानिंग बना रहा है.
ब्लैक स्पॉट क्षेत्र चिन्हित किए गए: आईजी अरुण मोहन जोशी के मुताबिक पूरे राज्य में ब्लैक स्पॉट क्षेत्र पहले ही चिन्हित किया जा चुके हैं और अब उन बातों पर ध्यान दिया जा रहा है. जिस पर अब तक काम नहीं किया गया था. प्रदेश में 90 प्रतिशत से भी ज्यादा दुर्घटनाएं आम लोगों की लापरवाही के कारण होने की बात हैरान करने वाली है. ऐसा इसलिए क्योंकि प्रदेश में लगातार बड़ी सड़क दुर्घटनाओं की बातें सामने आ रही है और लोगों को इसके लिए लगातार जागरूक भी किया जा रहा है, इसके बावजूद भी यदि दुर्घटनाएं आम लोगों की लापरवाही के कारण हो रही है तो फिर इस पर कैसे नियंत्रण पाया जाए. यह तय कर पाना विभाग के लिए भी मुश्किल हो रहा है.
जानिए राज्य में दुर्घटनाओं को लेकर कुछ और हैरान करने वाले आंकड़े:
- प्रदेश में 90 प्रतिशत दुर्घटनाओं कारण लोगों की लापरवाही है.
- गलत दिशा में वाहन चलाने से इस साल 51 दुर्घटनाओं में 17 लोग मारे गए.
- गलत तरीके से ओवरटेक करने में भी 15 दुर्घटनाएं हुई, जिसमें पांच लोग मारे गए और 14 घायल हुए.
- ओवरलोड के चलते भी राज्य में इस साल 13 दुर्घटनाएं हुई, जिसमें 10 लोगों की जान गई और 6 घायल हुए.
- साल 2023 में भी 1175 दुर्घटनाएं ओवरस्पीड और रेस ड्राइविंग से हुई, जिसमें 706 लोगों की मौत हुई.
- पिछले साल यानी 2023 में कुल 1520 दुर्घटनाएं हुई थी, जिसमें 946 लोगों की मौत और 1369 लोग घायल हुए थे.
- इससे पहले साल 2022 में कुल 1516 दुर्घटनाएं हुई, जिसमें 958 लोगों की मौत और 1493 लोग घायल हुए थे.
- साल 2022 में ओवर स्पीड और रेस ड्राइविंग के कारण 1153 दुर्घटनाएं हुई, जिसमें 692 लोगों की मौत और 1034 लोग घायल हुए.
- ड्रिंक एंड ड्राइव राज्य में नौ घटनाएं सामने आई. जिसमें सात लोगों की मौत 14 लोग घायल हो गए.
राज्य में सड़क दुर्घटनाओं को लेकर जांच के बाद जो बात सामने आई उसके चलते अब यातायात विभाग और दूसरे संबंधित विभाग इसका समाधान निकालने में जुट गए हैं, लेकिन परेशानी केवल इतनी ही नहीं हैं, क्योंकि मैदानी जिलों के अलावा पर्वतीय जिलों में भी यही कारण दुर्घटना की वजह बन रहा है.
जिलों के लिहाज से जानिए दुर्घटनाओं के आंकड़े:
- प्रदेश में इस साल सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं देहरादून में हुई.
- यहां कुल 470 दुर्घटनाओं में 185 लोगों की मौत हुई और 406 लोग घायल हुए.
- दूसरे नंबर पर हरिद्वार जिले में इस साल 400 दुर्घटनाएं हुई, जिसमें 256 लोगों की मौत और 324 लोग घायल हुए.
- तीसरे नंबर पर उधम सिंह नगर जिला रहा, जहां 384 दुर्घटनाएं में 243 लोगों की मौत और 299 लोग घायल हुए.
- पर्वतीय जनपदों में पौड़ी और टिहरी जिला सबसे ऊपर रहा. टिहरी जिले में 50 दुर्घटनाएं में 34 लोगों की मौत और 65 लोग घायल हुए.
- पौड़ी जिले में कुल 28 दुर्घटनाएं हुई, जिसमें 26 लोगों की जान गई और 28 लोग घायल हो गए.
ट्रैफिक पुलिस की चुनौती: प्रदेश में पुलिस विभाग और यातायात विभाग के लिए इस वक्त सबसे बड़ी चुनौती शीतकालीन यात्रा और नए साल पर प्रदेश में आने वाले पर्यटकों को सुरक्षित यात्रा के लिया व्यवस्था करना है. यातायात में आईजी अरुण मोहन जोशी बताते हैं कि प्रदेश में नए साल पर आने वाले पर्यटकों को लेकर विशेष प्लान बनाया जा रहा है, यात्रा सुरक्षित हो इसके लिए तैयारी की जा रही है साथ ही पार्किंग की व्यवस्था जैसी बातों पर भी ध्यान दिया जा रहा है.
साल 2024 के बड़े सड़क हादसे
- 25 दिसंबर को नैनीताल जिले में रोडवेज बस खाई में गिरी. इस हादसे में 5 लोगों की मौत हुई, जबकि 24 घायल.
- 11 नवंबर रात को देहरादून में इनोवा कार दुर्घटनाग्रस्त हुई थी. इस हादसे में 6 छात्रों की मौत हुई. एक घायल
- चार नवंबर को अल्मोड़ा जिले में प्राइवेट बस खाई में गिरने से 38 लोगों की मौत हुई थी. वहीं 25 लोग घायल हुए थे.
- 15 नवंबर को हरिद्वार जिले के रुड़की में भीषण सड़क हादसा हुआ था. इस हादसे में 5 बारातियों की मौत हुई थी.
- 15 जून को रुद्रप्रयाग जिले में टेंपो ट्रैवलर नदी में गिर गया था. इस हादसे में 15 की मौत हुई थी, जबकि 11 लोग घायल हुए थे.
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