रुद्रपुर: 15 वर्षीय नाबालिग छात्रा को स्कूल ले जाने के बहाने अपहरण कर उसके साथ जंगल में चाकू की नोक पर दुष्कर्म करने का प्रयास (Punishment for attempted rape in Rudrapur) करने के मामले में पॉक्सो कोर्ट ने सजा सुनाई है. पॉक्सो न्यायाधीश रीना नेगी ने आरोपी को 4 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही मामले में 21 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. जुर्माने की राशि में से 90 फीसदी राशि पीड़िता को दी जाएगी.
सितारगंज थाना क्षेत्र की रहने वाली एक 15 वर्षीय छात्रा 19 अगस्त 2017 की सुबह 7 बजे स्कूल जा रही थी. तभी रास्ते में उसे कलीनगर माधोटाडां थाना सितारगंज निवासी 33 वर्षीय कययूम अहमद पुत्र मोहम्मद उमर मिला. उसने उसे स्कूल छोड़ने की बात कही. उसकी बात पर विश्वास कर छात्रा उसके साथ मोटरसाइकिल पर बैठ गयी. जिसके बाद वह नाबालिग छात्रा को स्कूल न ले जाकर मैनाकोट जंगल में ले गया. जहां उसने चाकू की नोक पर दुष्कर्म करने का प्रयास करने का प्रयास किया. जिसका छात्रा ने विरोध किया तो उसने उसे जान से मारने की धमकी देते हुए उसके कपड़े फाड़ दिये. जिसके बाद छात्रा ने शोर मचाया. उसकी आवाज सुनकर कई लोग वहां आ गए. उन्होंने छात्रा को उसके चंगुल से मुक्त कराया. जिसके बाद दोनों को माधोटांडा थाने में दे दिया गया.
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छात्रा के परिजनों को भी घटना की सूचना दी गई. जिसके बाद छात्रा के पिता ने थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी. जिसके बाद पुलिस ने दोनों का मेडिकल करवाया. बाद में आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया. आरोपी के विरूद्ध पॉक्सो न्यायाधीश रीना नेगी के न्यायालय में मुकदमा चला. जिसमें एडीजीसी विकास गुप्ता ने 10 गवाह पेश कर आरोप सिद्ध किये. जिसके बाद न्यायाधीश ने कय्यूम अहमद को दोषी करार देते हुए 4 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई.