काशीपुर: बीती 2 अप्रैल से काशीपुर में शुरू हुए चैती मेले को लेकर स्थानीय प्रशासन जहां पूरी तरह से मेला निर्विघ्न रूप से संपन्न कराने के लिए प्रतिबद्ध है वहीं, अग्निशमन विभाग ने भी मेला में किसी भी तरह की आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से कमर कस ली है. अग्निशमन विभाग ने चैती मेले में आए दुकानदारों से पेट्रोमैक्स वाले सिलेंडरों का उपयोग न करने की सलाह दी है. विभाग ने बताया आग लगने की स्थिति में सबसे पहले छोटे सिलेंडर फटते हैं.
काशीपुर के अग्निशमन अधिकारी वंश नारायण यादव ने बताया कि चैती मेले को देखते हुए एक फायर टेंडर मय स्टाफ के चैती मेले में तैनात कर दिया गया है. ये स्टाफ 24 घंटे किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहेगा. गेहूं की कटाई के सीजन को देखते हुए उन्होंने किसान भाइयों से अपील करते हुए कहा कि वह गेहूं की कटाई पर सावधानी बरतें. अपने गेहूं की कटाई के बाद गेहूं के बचे अवशेष में आग ना लगाएं क्योंकि ऐसा करने से आसपास की फसल में तुरंत आग पकड़ जाती है. उन्होंने बताया वर्तमान में स्टाफ में काफी कमी है. फायरमैन के 26 पदों में से सिर्फ 15 पद ही भरे हुए हैं, जबकि 11 पद अभी भी खाली हैं लेकिन फिर भी हम अपने इन संसाधनों के दम पर जनता की आग से सुरक्षा करेंगे.
उन्होंने बताया आग लगने की आपात स्थिति में फिलहाल विभाग के पास पर्याप्त गाड़ियां मौजूद हैं. कभी विषम परिस्थिति में अगर जरूरत पड़ जाती है तो उनके द्वारा निजी फैक्ट्रियों से दमकल की गाड़ियों की मदद ले ली जाती है. उन्होंने चैती मेले में आए दुकानदारों से पेट्रोमैक्स वाले सिलेंडरों का उपयोग न करने की सलाह दी है. उन्होंने कहा आग लगने की स्थिति में सबसे पहले छोटे सिलेंडर फटते हैं.
पढ़ें- राजस्थान में नाबालिग रेप पीड़िता बनी मां, DNA जांच से पकड़ा गया दुष्कर्मी
बताते चलें हर साल काशीपुर में पहले नवरात्रि पर ध्वजारोहण के साथ चैती मेले के उद्घाटन के साथ ही धीरे-धीरे मेला अपना परवान चढ़ने लगता है. सप्तमी तथा अष्टमी तिथि की मध्यरात्रि में मां बाल सुंदरी देवी का डोला काशीपुर नगर से चैती मंदिर में पहुंचने के साथ ही मेला अपने शबाब पर पहुंचता है. इस दौरान 1 माह तक चलने वाले चैती मेले में झूले, खेल तमाशे, खेल खिलौने की दुकानों इत्यादि से लेकर घरेलू उपयोग के साथ-साथ खाने पीने के चीजों की दुकानें लगती हैं. सभी दुकानों में बिजली आदि की व्यवस्था रहती है. ऐसे में मेले में आग लगने की आशंका बढ़ जाती है.