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काशीपुर में किसानों ने राइस मिल पर लगाए आरोप, संयुक्त मजिस्ट्रेट से की कार्रवाई की मांग

काशीपुर में किसानों ने संयुक्त मजिस्ट्रेट से मिलकर राइस मिलर्स पर धांधली का आरोप लगाया है. किसानों की शिकायत है कि मिलर्स उनसे मात्र 12-13 सौ रुपये में धान खरीद रहे हैं, जबकि सरकार ने 1888 रुपए मूल्य निर्धारित किए हैं.

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राइस मिलर्स की शिकायत को लेकर संयुक्त मजिस्ट्रेट के पास पहुंचे किसान
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Published : Oct 19, 2020, 10:43 AM IST

Updated : Nov 18, 2020, 3:23 PM IST

काशीपुर: चिह्नित राइस मिल द्वारा समर्थन मूल्य पर धान खरीद बंद करने से आक्रोशित किसानों ने मिलों पर धांधली का आरोप लगाया है. साथ ही संयुक्त मजिस्ट्रेट से मुलाकात कर समस्या से अवगत कराया. इस दौरान किसानों ने संयुक्त मजिस्ट्रेट से जल्द मामले पर कार्रवाई की मांग की. किसानों का आरोप है कि राइस मिल 12-13 सौ रुपये में धान खरीद रहे हैं, जबकि सरकार ने समर्थन मूल्य तय किया हुआ है.

बता दें कि बीते दिनों क्षेत्र के चिह्नित राइस मिल ने अचानक किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदना बंद कर दिया था. इससे किसानों में हड़कंप मच गया. राइस मिल पर धान खरीद बंद होने से आक्रोशित किसानों ने संयुक्त मजिस्ट्रेट गौरव सिंघल का घेराव कर धान न खरीदने वाले मिल पर कार्रवाई की मांग की. बीते दिन किसानों ने मंडी समिति में राइस मिल पर धांधली का आरोप लगाते हुए धान तोल रुकवा दी थी.

राइस मिलर्स की शिकायत को लेकर संयुक्त मजिस्ट्रेट के पास पहुंचे किसान

पढ़ें- गदरपुर पहुंचे पीसीसी चीफ प्रीतम सिंह, कृषि कानून को बताया किसान विरोध

किसानों ने नियमानुसार धान तौलने की मांग की थी. तब विधायक हरभजन सिंह चीमा, मंडी समिति अध्यक्ष गुरबख्श सिंह बग्गा, संयुक्त मजिस्ट्रेट गौरव सिंघल ने राइस मिल से धान तोल को लेकर वार्ता की थी. आक्रोशित किसानों का आरोप था कि संयुक्त मजिस्ट्रेट के निर्देशों के बावजूद राइस मिलर्स धांधली से बाज नहीं आ रहे हैं. राइस मिलर्स ने किसानों को बताए बिना ही धान खरीदना बंद कर दिया. वहीं, मिल प्रबंधक पीछे के रास्ते से 12 से 13 सौ रुपये में धान खरीद रहे हैं और सरकार द्वारा जो समर्थन 1888 रुपये निर्धारित है उतने में धान नहीं खरीदा जा रहा है.

उधर विधायक हरभजन सिंह चीमा ने बताया कि किसानों और राइस मिलर्स की कुछ समस्याओं का निस्तारण हो गया है, वहीं, जो शासन स्तर की है उनके निस्तारण के लिए शीघ्र समाधान का प्रयास किया जाएगा. किसानों की मांग थी कि कांटे बढ़ाए जाएं, इसके लिए एक और कांटे की व्यवस्था अनाज मंडी के बराबर में स्थित सब्जी मंडी में कर दी गई है. उन्होंने कहा कि यदि और कांटे की जरूरत पड़ेगी तो एक-दो कांटे और हायर किए जाएंगे. वहीं कुछ मांग शासन स्तर की है जिसके समाधान के प्रयास किए जा रहे हैं.

काशीपुर: चिह्नित राइस मिल द्वारा समर्थन मूल्य पर धान खरीद बंद करने से आक्रोशित किसानों ने मिलों पर धांधली का आरोप लगाया है. साथ ही संयुक्त मजिस्ट्रेट से मुलाकात कर समस्या से अवगत कराया. इस दौरान किसानों ने संयुक्त मजिस्ट्रेट से जल्द मामले पर कार्रवाई की मांग की. किसानों का आरोप है कि राइस मिल 12-13 सौ रुपये में धान खरीद रहे हैं, जबकि सरकार ने समर्थन मूल्य तय किया हुआ है.

बता दें कि बीते दिनों क्षेत्र के चिह्नित राइस मिल ने अचानक किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदना बंद कर दिया था. इससे किसानों में हड़कंप मच गया. राइस मिल पर धान खरीद बंद होने से आक्रोशित किसानों ने संयुक्त मजिस्ट्रेट गौरव सिंघल का घेराव कर धान न खरीदने वाले मिल पर कार्रवाई की मांग की. बीते दिन किसानों ने मंडी समिति में राइस मिल पर धांधली का आरोप लगाते हुए धान तोल रुकवा दी थी.

राइस मिलर्स की शिकायत को लेकर संयुक्त मजिस्ट्रेट के पास पहुंचे किसान

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किसानों ने नियमानुसार धान तौलने की मांग की थी. तब विधायक हरभजन सिंह चीमा, मंडी समिति अध्यक्ष गुरबख्श सिंह बग्गा, संयुक्त मजिस्ट्रेट गौरव सिंघल ने राइस मिल से धान तोल को लेकर वार्ता की थी. आक्रोशित किसानों का आरोप था कि संयुक्त मजिस्ट्रेट के निर्देशों के बावजूद राइस मिलर्स धांधली से बाज नहीं आ रहे हैं. राइस मिलर्स ने किसानों को बताए बिना ही धान खरीदना बंद कर दिया. वहीं, मिल प्रबंधक पीछे के रास्ते से 12 से 13 सौ रुपये में धान खरीद रहे हैं और सरकार द्वारा जो समर्थन 1888 रुपये निर्धारित है उतने में धान नहीं खरीदा जा रहा है.

उधर विधायक हरभजन सिंह चीमा ने बताया कि किसानों और राइस मिलर्स की कुछ समस्याओं का निस्तारण हो गया है, वहीं, जो शासन स्तर की है उनके निस्तारण के लिए शीघ्र समाधान का प्रयास किया जाएगा. किसानों की मांग थी कि कांटे बढ़ाए जाएं, इसके लिए एक और कांटे की व्यवस्था अनाज मंडी के बराबर में स्थित सब्जी मंडी में कर दी गई है. उन्होंने कहा कि यदि और कांटे की जरूरत पड़ेगी तो एक-दो कांटे और हायर किए जाएंगे. वहीं कुछ मांग शासन स्तर की है जिसके समाधान के प्रयास किए जा रहे हैं.

Last Updated : Nov 18, 2020, 3:23 PM IST
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