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आंदोलन से लौटे उत्तराखंड के अन्नदाता, काशीपुर पहुंचने पर फतेह मार्च का हुआ भव्य स्वागत

तीन कृषि कानूनों की वापसी और एमएसपी गारंटी कानून पर सरकार से बनी सहमति के बाद किसानों ने आंदोलन खत्म कर दिया. वहीं, आंदोलन खत्म होने किसानों ने गाजीपुर बॉर्डर से फतेह मार्च निकाला और काशीपुर पहुंचे.

farmers Fateh March starts from Ghazipur
किसान आंदोलन खत्म होने पर जश्न
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Published : Dec 12, 2021, 10:16 PM IST

काशीपुर: मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले सवा साल से किसान आंदोलनरत थे. जो तीन कृषि कानूनों की वापसी और एमएसपी गांरटी लाने पर सरकार के आश्वासन के बाद किसानों ने आंदोलन समाप्त कर दिया. जिसके जश्न में किसानों ने गाजीपुर बॉर्डर से फतेह मार्च निकाला और आज काशीपुर पहुंचे.

आज सुबह गाजीपुर बॉर्डर से किसान फतेह मार्च निकला. जो मुरादाबाद होते हुए दोपहर यूपी के अलीगंज बॉर्डर पहुंचा. जहां से सैकड़ों की संख्या में अपने वाहनों से पहुंचे किसान फतेह मार्च में शामिल हुए. यह मार्च अलीगंज रोड, टांडा तिराहा, एमपी चौक, चीमा चौराहा, रामनगर रोड, मानपुर रोड होते हुए बड़े गुरुद्वारा पहुंचकर संपन्न हुआ.

जहां किसानों ने शुकराना अरदास किया. इस दौरान भारतीय किसान यूनियन युवा विंग के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र सिंह जीतू ने कहा कि सवा साल चलने वाला यह देश के इतिहास का पहला आंदोलन है. इस आंदोलन ने यह दिखाया है कि सरकार कितनी भी ताकतवर हो, लेकिन उसे जनता के आगे झुकना ही पड़ता है. इस दौरान उन्होंने सभी किसान भाइयों के साथ साथ मीडिया का भी शुक्रिया अदा किया.

ये भी पढ़ें: विस चुनाव: राजनीतिक सत्ता के लिए 'धर्म' का सहारा, संतों के आशीर्वाद से मिलेगी जीत!

उन्होंने कहा इस आंदोलन के दौरान जिन किसानों ने अपनी जान दी है, वह भले ही हमारे साथ नहीं हैं, लेकिन हमारे दिलों में हमेशा बसे रहेंगे. जब भी किसान आंदोलन की बात होगी तो उनका नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा. उन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर इस आंदोलन की नींव रखी. जनता और किसानों के दबाव में सरकार ने तीनों कृषि कानून वापस लिए.

काशीपुर: मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले सवा साल से किसान आंदोलनरत थे. जो तीन कृषि कानूनों की वापसी और एमएसपी गांरटी लाने पर सरकार के आश्वासन के बाद किसानों ने आंदोलन समाप्त कर दिया. जिसके जश्न में किसानों ने गाजीपुर बॉर्डर से फतेह मार्च निकाला और आज काशीपुर पहुंचे.

आज सुबह गाजीपुर बॉर्डर से किसान फतेह मार्च निकला. जो मुरादाबाद होते हुए दोपहर यूपी के अलीगंज बॉर्डर पहुंचा. जहां से सैकड़ों की संख्या में अपने वाहनों से पहुंचे किसान फतेह मार्च में शामिल हुए. यह मार्च अलीगंज रोड, टांडा तिराहा, एमपी चौक, चीमा चौराहा, रामनगर रोड, मानपुर रोड होते हुए बड़े गुरुद्वारा पहुंचकर संपन्न हुआ.

जहां किसानों ने शुकराना अरदास किया. इस दौरान भारतीय किसान यूनियन युवा विंग के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र सिंह जीतू ने कहा कि सवा साल चलने वाला यह देश के इतिहास का पहला आंदोलन है. इस आंदोलन ने यह दिखाया है कि सरकार कितनी भी ताकतवर हो, लेकिन उसे जनता के आगे झुकना ही पड़ता है. इस दौरान उन्होंने सभी किसान भाइयों के साथ साथ मीडिया का भी शुक्रिया अदा किया.

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उन्होंने कहा इस आंदोलन के दौरान जिन किसानों ने अपनी जान दी है, वह भले ही हमारे साथ नहीं हैं, लेकिन हमारे दिलों में हमेशा बसे रहेंगे. जब भी किसान आंदोलन की बात होगी तो उनका नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा. उन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर इस आंदोलन की नींव रखी. जनता और किसानों के दबाव में सरकार ने तीनों कृषि कानून वापस लिए.

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