रुद्रपुर: पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित चार दिवसीय किसान मेले का समापन हो गया है. चार दिनों में इस मेले में किसानों द्वारा 18 लाख के बीज, पेड़-पौधे एवं कृषि साहित्यों को खरीदा गया है. 113वें अखिल भारतीय किसान मेले का समापन एवं पुरस्कार वितरण समारोह पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के गांधी हाल में आयोजित किया गया. समारोह के मुख्य अतिथि विवि के कुलपति डॉ मनमोहन सिंह चौहान द्वारा अखिल भारतीय किसान मेले का समापन किया गया.
चार दिन के मेले में आए 9 हजार से ज्यादा किसान: चार दिनों तक चले इस मेले में कई राज्यों के किसानों सहित पड़ोसी देश नेपाल से 9 हजार से अधिक किसानों ने प्रतिभाग किया था. इस दौरान मेले में 370 स्टॉल लगाए गए थे. चार दिन चले मेले में 18 लाख से अधिक के बीज, पौधे एवं कृषि साहित्यों की बिक्री की गई. मेले में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं तथा प्रदर्शित किए गए चयनित स्टालों को पुरस्कृत किया गया.
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किसान मेले में ये लोग हुए सम्मानित: सर्वोत्तम स्टाल के लिए मैसर्स किसान फर्टिलाइर्जस एजेंसी, काशीपुर एवं तथा सर्वोत्तम प्रदर्शन के लिए मैसर्स सरस्वती एग्रो लाइफ साइंस, पंजाब को पुरस्कृत किया गया है. इसके अतिरिक्त इस अवसर पर किसान मेले में आयोजित पुष्प प्रदर्शनी एवं अन्य प्रतियोगिता में विभिन्न स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को भी पुरस्कार प्रदान किए गए हैं. इसके साथ ही मेले में लगाए गए विभिन्न वर्गों के स्टालों को भी उनके प्रदर्शन एवं बिक्री के आधार पर पुरस्कृत किया गया. बता दें कि पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय में 25 से 28 फरवरी तक अखिल भारतीय किसान मेले का आयोजन किया गया था.
हरित क्रांति का अग्रदूत रहा पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय: गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय भारत का पहला कृषि विश्वविद्यालय है. इस विश्वविद्यालय का उद्घाटन भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 17 नवंबर, 1960 को उत्तर प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय के नाम से किया था. सन् 1972 में इसका नाम महान स्वतंत्रता सेनानी पंडित गोविंद बल्लभ पंत के नाम पर गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कर दिया गया. यह विश्वविद्यालय पंतनगर नामक कस्बे में है जो उत्तराखंड के उधमसिंहनगर जिले में स्थित है. यह विश्वविद्यालय भारत में हरित क्रांति का अग्रदूत माना जाता है.