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रुद्रपुर: अधीनस्थ कर्मचारियों ने उच्चाधिकारियों पर लगाया उत्पीड़न का आरोप

अधीनस्थ कर्मचारी गुरुवार को डीएम ऑफिस के बाहर अधिकारियों के खिलाफ धरने पर बैठ गए. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि राजस्व और मिनिस्ट्रियल कर्मचारी उन्हें लगातार परेशान कर रहे हैं.

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Published : Dec 12, 2019, 6:35 PM IST

Updated : Dec 12, 2019, 8:38 PM IST

Union employees protest
अधिकारियों के खिलाफ धरने पर बैठे कर्मचारी संघ

रुद्रपुर: जिलाधिकारी कार्यालय में तैनात राजस्व और मिनिस्ट्रियल कर्मचारियों के खिलाफ अधीनस्थ कर्मचारियों ने मोर्चा खोल दिया है. ऐसे में गुरुवार को अधीनस्थ कर्मचारियों ने जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर अधिकारियों के खिलाफ जोरदार धरना प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि उच्चाधिकारियों द्वारा उनका उत्पीड़न किया जा रहा है.

अधीनस्थ कर्मचारियों का आरोप है कि राजस्व और मिनिस्ट्रियल कर्मचारियों द्वारा लगातार उनका उत्पीड़न किया जा रहा है. उनका कहना है कि बिना कारण के उच्चाधिकारियों द्वारा उनका वेतन रोका जाता है. साथ ही मुख्य प्रशासनिक अधिकारी से जबरन पेशकार का कार्य कराया जा रहा है. इतना ही नहीं मनमाने ढंग से कलेक्ट्रेट का पुर्नगठन कर जूनियर कर्मचारियों से सीनियरों का कार्य कराया जाता है.

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ऐसे में गुरुवार को पीड़ित कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार कर अपना विरोध जताया. साथ ही कलेक्ट्रेट मिनिस्ट्रियल राजस्व कर्मचारियों के उत्पीड़न से तंग आकर अधीनस्थ कर्मचारियों ने उच्चाधिकारियों को सामूहिक त्याग-पत्र भी प्रेषित किया गया. उनकी मांग है कि जबतक आरोपी अधिकारियों का जिले से ट्रांसफर नहीं हो जाता उनका विरोध जारी रहेगा.

रुद्रपुर: जिलाधिकारी कार्यालय में तैनात राजस्व और मिनिस्ट्रियल कर्मचारियों के खिलाफ अधीनस्थ कर्मचारियों ने मोर्चा खोल दिया है. ऐसे में गुरुवार को अधीनस्थ कर्मचारियों ने जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर अधिकारियों के खिलाफ जोरदार धरना प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि उच्चाधिकारियों द्वारा उनका उत्पीड़न किया जा रहा है.

अधीनस्थ कर्मचारियों का आरोप है कि राजस्व और मिनिस्ट्रियल कर्मचारियों द्वारा लगातार उनका उत्पीड़न किया जा रहा है. उनका कहना है कि बिना कारण के उच्चाधिकारियों द्वारा उनका वेतन रोका जाता है. साथ ही मुख्य प्रशासनिक अधिकारी से जबरन पेशकार का कार्य कराया जा रहा है. इतना ही नहीं मनमाने ढंग से कलेक्ट्रेट का पुर्नगठन कर जूनियर कर्मचारियों से सीनियरों का कार्य कराया जाता है.

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ऐसे में गुरुवार को पीड़ित कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार कर अपना विरोध जताया. साथ ही कलेक्ट्रेट मिनिस्ट्रियल राजस्व कर्मचारियों के उत्पीड़न से तंग आकर अधीनस्थ कर्मचारियों ने उच्चाधिकारियों को सामूहिक त्याग-पत्र भी प्रेषित किया गया. उनकी मांग है कि जबतक आरोपी अधिकारियों का जिले से ट्रांसफर नहीं हो जाता उनका विरोध जारी रहेगा.

Intro:Summry - लम्बे वक्त से जिले के राजस्व ओर मिनिस्ट्रियल कर्मचारियों के उत्पीड़न के खिलाफ आज कर्मचारी संघ द्वारा अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। जिले के तमाम कर्मचारी डीएम दफ्तर के बाहर धरने पर बैठ गए है।

एंकर - राजस्व ओर मिनिस्ट्रियल कर्मचारियों ने जिले के अधिकारियों पर मानशिक उत्पीड़न व मनमानी का आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी के दफ्तर के बाहर धरने पर बैठे गए है। उन्होंने अधिकारियों पर कर्मचारियों संघ मज़दूरों जैसा बर्ताव करने के आरोप लगाए है। जिसकारण जिले के तमाम राजस्व ओर मिनिस्ट्रियल कर्मचारी धरने पर बैठे हुए है।

Body:वीओ - अधिकारियों के खिलाफ जिले के तमाम मिनिस्ट्रियल कर्मचारी व राजस्व विभाग के कर्मचारी जिला अधिकारी के दफ्तर के बाहर धरने पर बैठ गए है। कर्मचारियों ने आरोप लगाते हुए कहा कि जिले के अधिकारियों द्वारा लगातार उनका उत्पीड़न किया जा रहा है। जिसकारण कर्मचारियों में भारी रोष है। कलेक्ट्रेट दफ्तर के बाहर कर्मचारियों ने जम कर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। कर्मचारियों का कहना है कि अधिकारी कर्मचारियों से मज़दूरों की तरह काम करा रहे है इसके बावजूद भी उनका उत्पीड़न किया जा रहा है। अधिकारियों द्वारा बिना कारण के कर्मचारियों का वेतन रोकना और उनके विरूद्ध कार्यवाही करना तथा मुख्य प्रशासनिक अधिकारी को रीडर / पेशकार के पद पर कार्य कराया जा रहा है साथ ही अपने ढंग से कलेक्ट्रेट का पुर्नगठन कर जूनियर कर्मचारियों को सीनियर पद पर कार्य कराया जा रहा है तथा सीनियर कर्मचारी को जुनियर पदो पर तहसील एवं परगनो में कार्य कराया जा रहा है , जिससे कलेक्ट्रेट कर्मचारी क्षुब्ध है तथा जब तक उक्त अधिकारी का स्थानान्तरण जनपद से बाहर नही होता है , तब तक समस्त राजस्व कर्मचारी कार्य बहिष्कार पर रहेंगे । इसके अतिरिक्त हम समस्त कलेक्ट्रेट मिनिस्ट्रीयल राजस्व कर्मचारी ( जिसमें मुख्य प्रशासनिक अधिकारी , वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी भी सम्मिलित है ) उक्त अधिकारी के उत्पीड़न से तंग आकर सामूहिक त्याग पत्र प्रेषित भी किया गया। हालांकि कर्मचारियों को मनाने के लिए तमाम अधिकारी भी पहुचे लेकिन कर्मचारियों द्वारा डीएम से वार्ता करने के बाद ही निर्णय लेने का फैसला किया है।
कर्मचारियों का कहना की कर्मचारियों को बेवजह प्रताड़ित किया जा रहा है। जिसकारण कर्मचारियों का पूरा परिवार परेशान है। ऐसा नही की कभी कर्मचारी इनकी प्रताड़ना से आत्म हत्या के कदम ना उठा ले।

बाइट - हरीश रौतेला, कर्मचारी।
बाइट - धर्मानन्द छिमवाल, अध्यक्ष कलेक्ट्रेट कर्मचारी संघ
Conclusion:
Last Updated : Dec 12, 2019, 8:38 PM IST
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