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मां बाल सुंदरी का डोला पहुंचा चैती मंदिर, श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़

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Published : Mar 31, 2023, 10:19 PM IST

Updated : Mar 31, 2023, 10:34 PM IST

मां बाल सुंदरी देवी का डोला नगर मंदिर से चैती मंदिर पहुंचने के बाद से ही दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुट रही है. चैती मंदिर और खोखरा मंदिर में भक्तों का तांता लगा हुआ है. त्रयोदशी और चतुर्दशी की आधी रात में मां का डोला वापसी तक लाखों श्रद्धालुओं की पहुंचने की उम्मीद है.

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मां बाल सुंदरी का डोला पहुंचा चैती मंदिर
मां बाल सुंदरी का डोला पहुंचा चैती मंदिर

काशीपुर: दो दिन पहले मां बाल सुंदरी देवी का डोला नगर मंदिर से चैती मंदिर पहुंचा. जिसके बाद से ही दर्शन के लिए श्रद्धालुओं भारी भीड़ चैती मंदिर और खोखरा मंदिर में उमड़ रही है. उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश सहित अन्य दूरदराज के क्षेत्रों से हजारों की संख्या में श्रद्धालु खोखरा देवी मंदिर और मां बाल सुंदरी देवी मंदिर पहुंच रहे हैं. वहीं, भारी बारिश के बीच भी श्रद्धालुओं की आस्था में कमी नहीं नजर आ रही है.

बता दें कि मां बाल सुंदरी देवी मंदिर के प्रांगण में चैती मेला का आयोजन होता है, जो उत्तर भारत के प्रसिद्ध मेलों में शुमार है. मेले की तैयारियों को लेकर प्रशासन एक माह पूर्व से ही सतर्क हो जाता है. चैती मेले में उत्तराखंड और यूपी सहित अन्य राज्यों से श्रद्धालु मां के दरबार में प्रसाद चढ़ाने आते हैं. इस बार खोखरा मंदिर और मां बाल सुंदरी देवी मंदिर में बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ देखने को मिल रही है.

मां बाल सुंदरी देवी का डोला मंदिर में पहुंचने के बाद से श्रद्धालु प्रसाद चढ़ाने के लिए उमड़ रहे हैं. वहीं, मौसम खराब होने पर भी श्रद्धालुओं की मां के प्रति आस्था कम नहीं हो रही है. भक्त लाइनों में मां का जयकारा लगाते हुए खड़े हैं. त्रयोदशी और चतुर्दशी की मध्य रात्रि में मां का डोला वापस आने तक यह संख्या लाखों में पहुंचने की संभावना है.
ये भी पढ़ें: दिल्ली में पीएम मोदी से मिले महेंद्र भट्ट, चारधाम यात्रा पर आने का दिया न्योता, बाइब्रेंट विलेज परियोजना पर हुई चर्चा

मां खोखरा देवी मंदिर में श्रद्धालु सबसे पहले माथा टेकने के बाद प्रसाद चढ़ाते हैं. उसके बाद श्रद्धालु मां बाल सुंदरी देवी मंदिर में प्रसाद चढ़ाते हैं. इससे जुड़ी मान्यता मां बाल सुंदरी देवी मंदिर के सहायक प्रधान पंडा मनोज कुमार अग्निहोत्री बताते हैं. उनका कहना है कि यह क्षेत्रीय मान्यता है, जिस वजह से पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के जिला बिजनौर, रामपुर और मुरादाबाद के श्रद्धालु मां बाल सुंदरी देवी से पहले उनकी छोटी बहन मां खोखरा देवी के मंदिर पर प्रसाद चढ़ाते हैं. क्योंकि इन क्षेत्रों के लोगों की अपनी अलग क्षेत्रीय मान्यता है.

वहीं इससे इतर बुक्सा समाज के श्रद्धालु खोखरा देवी मंदिर पर न जाकर सीधे अपने कुलदेवी मां बाल सुंदरी देवी के मंदिर पर आकर प्रसाद चढ़ाते हैं. उन्होंने कहा शास्त्रों का नियम है कि देवताओं से पहले उनके गणों की पूजा होती है. गणों के अध्यक्ष गणेश भगवान हैं. इसलिए जिस प्रकार कहीं भी किसी भी पूजा में पहले पूजा गणेश भगवान की होती है. उसी प्रकार श्रद्धालु मां की शक्ति के रूप में खोखरा देवी मंदिर जाता है.

मां बाल सुंदरी का डोला पहुंचा चैती मंदिर

काशीपुर: दो दिन पहले मां बाल सुंदरी देवी का डोला नगर मंदिर से चैती मंदिर पहुंचा. जिसके बाद से ही दर्शन के लिए श्रद्धालुओं भारी भीड़ चैती मंदिर और खोखरा मंदिर में उमड़ रही है. उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश सहित अन्य दूरदराज के क्षेत्रों से हजारों की संख्या में श्रद्धालु खोखरा देवी मंदिर और मां बाल सुंदरी देवी मंदिर पहुंच रहे हैं. वहीं, भारी बारिश के बीच भी श्रद्धालुओं की आस्था में कमी नहीं नजर आ रही है.

बता दें कि मां बाल सुंदरी देवी मंदिर के प्रांगण में चैती मेला का आयोजन होता है, जो उत्तर भारत के प्रसिद्ध मेलों में शुमार है. मेले की तैयारियों को लेकर प्रशासन एक माह पूर्व से ही सतर्क हो जाता है. चैती मेले में उत्तराखंड और यूपी सहित अन्य राज्यों से श्रद्धालु मां के दरबार में प्रसाद चढ़ाने आते हैं. इस बार खोखरा मंदिर और मां बाल सुंदरी देवी मंदिर में बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ देखने को मिल रही है.

मां बाल सुंदरी देवी का डोला मंदिर में पहुंचने के बाद से श्रद्धालु प्रसाद चढ़ाने के लिए उमड़ रहे हैं. वहीं, मौसम खराब होने पर भी श्रद्धालुओं की मां के प्रति आस्था कम नहीं हो रही है. भक्त लाइनों में मां का जयकारा लगाते हुए खड़े हैं. त्रयोदशी और चतुर्दशी की मध्य रात्रि में मां का डोला वापस आने तक यह संख्या लाखों में पहुंचने की संभावना है.
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मां खोखरा देवी मंदिर में श्रद्धालु सबसे पहले माथा टेकने के बाद प्रसाद चढ़ाते हैं. उसके बाद श्रद्धालु मां बाल सुंदरी देवी मंदिर में प्रसाद चढ़ाते हैं. इससे जुड़ी मान्यता मां बाल सुंदरी देवी मंदिर के सहायक प्रधान पंडा मनोज कुमार अग्निहोत्री बताते हैं. उनका कहना है कि यह क्षेत्रीय मान्यता है, जिस वजह से पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के जिला बिजनौर, रामपुर और मुरादाबाद के श्रद्धालु मां बाल सुंदरी देवी से पहले उनकी छोटी बहन मां खोखरा देवी के मंदिर पर प्रसाद चढ़ाते हैं. क्योंकि इन क्षेत्रों के लोगों की अपनी अलग क्षेत्रीय मान्यता है.

वहीं इससे इतर बुक्सा समाज के श्रद्धालु खोखरा देवी मंदिर पर न जाकर सीधे अपने कुलदेवी मां बाल सुंदरी देवी के मंदिर पर आकर प्रसाद चढ़ाते हैं. उन्होंने कहा शास्त्रों का नियम है कि देवताओं से पहले उनके गणों की पूजा होती है. गणों के अध्यक्ष गणेश भगवान हैं. इसलिए जिस प्रकार कहीं भी किसी भी पूजा में पहले पूजा गणेश भगवान की होती है. उसी प्रकार श्रद्धालु मां की शक्ति के रूप में खोखरा देवी मंदिर जाता है.

Last Updated : Mar 31, 2023, 10:34 PM IST

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