ETV Bharat / state

खटीमा: नदी में गाद भर जाने से किसान परेशान, फसल हो रही बर्बाद

खटीमा के जमौर-प्रतापपुर और नोसर गांव से होकर जाने वाली परवीन नदी में मिट्टी और बालू भर जाने से किसानों की फसल बर्बाद हो रही है.

khatima ळा
दी में गाद भर जाने से किसान परेशान
author img

By

Published : Apr 26, 2022, 2:55 PM IST

खटीमा: उधम सिंह नगर की सीमांत तहसील खटीमा के जमौर-प्रतापपुर और नोसर गांव से होकर जाने वाली परवीन नदी में मिट्टी और बालू भर जाने से किसानों की फसल खराब हो रही है. दरअसल, नदी का पानी किसानों के खेतों में भर जाता है, जिससे फसल खराब होती है. वहीं, किसानों ने नदी की जल्द सफाई किए जाने की नानकमत्ता विधायक गोपाल सिंह राणा एवं स्थानीय प्रशासन से मांग की है. किसानों ने जल्द से जल्द परवीन नदी की सफाई कराए जाने की मांग की है.

किसानों का कहना है 2 साल पूर्व नदी की सफाई की गई थी. नदी से निकाली गई सिल्ट को खेतों के किनारों पर इकट्ठा किया गया था. नदी में ज्यादा पानी आने के कारण नदी के भू-कटाव के चलते सिल्ट और मिट्टी फिर से नदी में मिल गई, जिसकी वजह से पुरानी स्थिति हो गई है.

पढ़ें: रिहायशी इलाकों तक पहुंची जंगल की आग, लपटों से धधक उठी गौशालाएं

जिस कारण नदी का पानी किसानों के खेतों में भर जाने से इस बार भी किसानों की गेहूं की फसल भारी मात्रा में खराब हो गई है. नदी के आसपास के क्षेत्रों में गेहूं की फसल का एवरेज प्रति एकड़ में प्रति 8 से 9 क्विंटल आया है. जबकि पहले यह एवरेज की दर प्रति एकड़ 18 क्विंटल था. ऐसे में किसान अपनी बदहाली का रोना रो रहे हैं. वहीं प्रशासन और स्थानीय विधायक से नदी की जल्द से जल्द सफाई किए जाने की मांग कर रहे हैं.

खटीमा: उधम सिंह नगर की सीमांत तहसील खटीमा के जमौर-प्रतापपुर और नोसर गांव से होकर जाने वाली परवीन नदी में मिट्टी और बालू भर जाने से किसानों की फसल खराब हो रही है. दरअसल, नदी का पानी किसानों के खेतों में भर जाता है, जिससे फसल खराब होती है. वहीं, किसानों ने नदी की जल्द सफाई किए जाने की नानकमत्ता विधायक गोपाल सिंह राणा एवं स्थानीय प्रशासन से मांग की है. किसानों ने जल्द से जल्द परवीन नदी की सफाई कराए जाने की मांग की है.

किसानों का कहना है 2 साल पूर्व नदी की सफाई की गई थी. नदी से निकाली गई सिल्ट को खेतों के किनारों पर इकट्ठा किया गया था. नदी में ज्यादा पानी आने के कारण नदी के भू-कटाव के चलते सिल्ट और मिट्टी फिर से नदी में मिल गई, जिसकी वजह से पुरानी स्थिति हो गई है.

पढ़ें: रिहायशी इलाकों तक पहुंची जंगल की आग, लपटों से धधक उठी गौशालाएं

जिस कारण नदी का पानी किसानों के खेतों में भर जाने से इस बार भी किसानों की गेहूं की फसल भारी मात्रा में खराब हो गई है. नदी के आसपास के क्षेत्रों में गेहूं की फसल का एवरेज प्रति एकड़ में प्रति 8 से 9 क्विंटल आया है. जबकि पहले यह एवरेज की दर प्रति एकड़ 18 क्विंटल था. ऐसे में किसान अपनी बदहाली का रोना रो रहे हैं. वहीं प्रशासन और स्थानीय विधायक से नदी की जल्द से जल्द सफाई किए जाने की मांग कर रहे हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.