रुद्रपुर: प्रेमी संग मिलकर पति की हत्या करने के मामले में जिला एवं सत्र न्यायालय की तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मीना देउपा ने दोनों दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने दोषियों पर एक लाख 20 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है. इस दौरान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता ने 11 गवाह पेश किए गए.
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता लक्ष्मी नारायण पटवा ने बताया कि आसित मंडल निवासी ग्राम राजपुरा किच्छा द्वारा एक रिपोर्ट दर्ज करवाई गई थी कि उसके मौसेरे भाई की पत्नी के एक व्यक्ति के साथ अवैध संबंध थे. वह दोनों दो माह पूर्व घर से भाग गए थे और कुछ समय बाद लौट आए थे. उनके अवैध संबंधों को लेकर जब पति ने विरोध किया तो पत्नी के प्रेमी ने उसके साथ मारपीट की. 2 अक्टूबर 2016 को मौसेरे भाई अपनी पत्नी के साथ दवा लेने गया था, लेकिन वापस लौट कर नहीं आया. अगले दिन सुबह पत्नी स्वयं को बचाने के लिए आस पड़ोस में लोगों से चर्चा कर रही थी कि उसका पति रात को घर लौट कर नहीं आया. पुलिस ने तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज तलाश शुरू कर दी.
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पुलिस की खोजबीन के दौरान उसका शव तीसरे मील के पास रेलवे क्रॉसिंग पर पड़ा मिला था. मृतक की धारदार हथियार से हत्या की गई थी. शव मिलने के बाद मृतका की पत्नी अचानक लापता हो गई. जिससे पुलिस का शक पक्का हो गया. पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर पत्नी को उसके प्रेमी के साथ गिरफ्तार कर लिया था. आरोपियों की निशानदेही पर झाड़ियों में छिपाया गया धारदार हथियार बरामद कर लिया था. तब से लेकर मामला तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मीना देउपा की कोर्ट में चल रहा था. इस दौरान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता लक्ष्मी नारायण पटवा ने 11 गवाह पेश कर आरोप सिद्ध कर दिया, जिसके बाद न्यायाधीश मीना देउपा ने दोनों आरोपियों को आजीवन कारावास और एक लाख 20 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है.