काशीपुरः कोतवाली में देर रात आए एक अजीबो-गरीब मामले ने काशीपुर पुलिस की नींद उड़ा दी है. लेकिन इस मामले को सुलझाने को लेकर बैठी काशीपुर पुलिस कई घंटे बाद भी इसका कोई समाधान नहीं निकाल पाई है. अब आज दिन में इस मामले के समाधान का फार्मूला तय किया जाएगा. बहरहाल दो पक्षों के विवाद बेजुबान को रात हवालात में काटनी पड़ी. 'खाकी' के पहरे में रहा लेब्राडोर का यह मामला काफी सुर्खियों में है.
दरअसल, काशीपुर के मोहल्ला शिवनगर के रहने वाले निर्मल सिंह वर्मा का पालतू लेब्राडोर नस्ल का कुत्ता टाइगर बीते 26 दिसंबर को अचानक लापता हो गया. परिजनों द्वारा इसे ढूंढ़ने का प्रयास किया गया, परन्तु नहीं मिल पाया जिसके बाद निर्मल सिंह ने कटोराताल चौकी में उसके खो जाने की तहरीर दी.
अभी कुत्ते को खोये हुए कुछ दिन ही हुए थे कि 12 जनवरी को काशीपुर के पंत पार्क के निकट के रहने वाले अमित ने अपने फेसबुक पर एक कुत्ते की फोटो शेयर करते हुए बताया कि उसको यह कुत्ता रेलवे क्रॉसिंग के पास मिला है, जिस किसी का हो सम्पर्क करें.
उसी दिन अमित द्वारा शेयर की गई फोटो को निर्मल सिंह के पुत्र आनंद वर्मा ने देखा तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा, क्योंकि वो तस्वीर उनके टाइगर की थी. वह तुरंत ही अपने भाई को साथ लेकर अमित की दुकान पर पहुंचा और उसकी पुरानी एक फोटो पहचान के रूप में दिखाकर उसे अपने घर ले गए.
इस बीच नया मोड़ तब आया जब काशीपुर के ही आवास विकास के शुभ विहार के रहने वाले डॉक्टर अनुराग चौहान भी अमित के पास पहुंच गए और बताया कि जिस कुत्ते की फोटो शेयर की है, वह उनके पालतू कुत्ते ब्रूनी की है, जो आज सुबह ही घर से कहीं गायब हो गया है.
इस दौरान डॉक्टर अनुराग ने अमित को ब्रूनी की पुरानी फोटो भी दिखाई. फोटो देखने के बाद अमित का माथा ठनक गया, क्योंकि अनुराग द्वारा दिखाई गई यह फोटो भी हूबहू उस कुत्ते जैसी ही थी.
अमित ने डॉ. अनुराग को बताया कि वह कुत्ता तो आनंद वर्मा के पास है. यह सुनकर डॉ. अनुराग शिवनगर स्थित निर्मल सिंह के घर पहुंच गए और उनका कुत्ता वापस करने की मांग करने लगे. दोनों ही पक्षों द्वारा अपना-अपना मालिकाना हक जताने से विवाद पैदा हो गया. जिसके बाद पहले मामला अपर पुलिस अधीक्षक राजेश भट्ट के संज्ञान में आने के बाद कोतवाली जा पहुंचा.
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कोतवाली में दोनों ही पक्ष कुत्ते के साथ पहुंच गए करीब दो घंटे की मेहनत के बाद जब वरिष्ठ उपनिरीक्षक एस के कापड़ी मामले का समाधान नहीं निकाल पाए तो मामला कटोराताल चौकी इंचार्ज के पास पहुंच गया.
जिसके बाद दोनों पक्षों की मौजूदगी में यह तय किया गया कि आज दिन में कुत्ते को दोनों ही पक्षों के घरों के मध्य स्थान पर छोड़ा जाएगा कुत्ता जिस पक्ष की तरफ जाएगा उसी का मालिकाना हक माना जायेगा. इस बात पर दोनों पक्षों की सहमति के बाद कुत्ते को कोतवाली में ही रखा गया. काशीपुर पुलिस कुत्ते की परीक्षा लेकर यह तय कर लेगी कि उसका असली स्वामी कौन है.