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गदरपुर: शिक्षा मंत्री के बयान पर भड़का विपक्ष, पलटवार करते हुए दी सलाह

शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने अभिभावकों द्वारा स्कूल की फीस न पाने पर बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाने की बात कही है. जिस पर कांग्रेस प्रदेश महासचिव शिल्पी अरोड़ा ने शिक्षा मंत्री के इस बयान पर पलटवार किया है.

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कांग्रेस महासचिव ने शिक्षा मंत्री के बयान पर जताया विरोध.
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Published : Jun 13, 2020, 5:16 PM IST

गदरपुर: कोरोना के चलते हुए लॉकडाउन के चलते बच्चों की शिक्षा प्रभावित हुई है. ऐसे में गदरपुर विधायक एवं शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने अभिभावक द्वारा बच्चों की फीस न दे पाने पर उन्हें सरकारी स्कूल में पढ़ाने की बात कही. वहीं कांग्रेस प्रदेश महासचिव शिल्पी अरोड़ा ने क्षेत्रीय विधायक एवं शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे के इस बयान पर विरोध जताया है.

कांग्रेस महासचिव ने शिक्षा मंत्री के बयान पर जताई आपत्ति.

उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी की प्रदेश महासचिव शिल्पी अरोड़ा ने शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे द्वारा बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाने वाले बयान पर विरोध जताया है. दरअसल, शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने कहा है कि अगर किसी अभिभावक को प्राइवेट स्कूल में फीस देने में दिक्कत आ रही हो तो वह अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ने के लिए भेज सकते हैं. वहीं शिल्पी अरोड़ा ने इस बात पर विरोध जताते हुए कहा कि शिक्षा मंत्री ने पद पर रहने के दौरान प्राथमिक शिक्षा को किस कदर हाशिए पर धकेल दिया है. उसकी बानगी जिले में देखने को मिल रही है. उन्होंने कहा कि उधम सिंह नगर जनपद में प्राथमिक विद्यालयों के विलीनीकरण से शिक्षा व्यवस्था पटरी से उतर चुकी है. जिसको प्रभावी बनाने के लिए विभाग द्वारा महज आंकड़ों के दम पर वाहवाही लूटी जा रही है.

यह भी पढें: प्रदेश में कोरोना के 32 नए मरीज, 1724 पहुंची संक्रमितों की संख्या, 947 स्वस्थ

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्व में प्राथमिक स्कूलों के विलीनीकरण और अब कोरोना वायरस के प्रकोप से तमाम अभिभावक अपने बच्चों के बेहतर शैक्षिक भविष्य को लेकर चिंतित हैं. ऐसे में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे का यह बयान घोर निराशाजनक है. उन्होंने कहा कि राजकीय विद्यालयों में एनसीईआरटी की पुस्तकों की अनिवार्यता को लागू करने मात्र से बच्चोंं का भविष्य बेहतर नहीं बनेगा. इसके लिए कोरोना काल में सरकार को फीस वृद्धि और फीस माफी को लेकर भी प्रभावी कदम उठाए जाने की आवश्यकता है.

गदरपुर: कोरोना के चलते हुए लॉकडाउन के चलते बच्चों की शिक्षा प्रभावित हुई है. ऐसे में गदरपुर विधायक एवं शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने अभिभावक द्वारा बच्चों की फीस न दे पाने पर उन्हें सरकारी स्कूल में पढ़ाने की बात कही. वहीं कांग्रेस प्रदेश महासचिव शिल्पी अरोड़ा ने क्षेत्रीय विधायक एवं शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे के इस बयान पर विरोध जताया है.

कांग्रेस महासचिव ने शिक्षा मंत्री के बयान पर जताई आपत्ति.

उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी की प्रदेश महासचिव शिल्पी अरोड़ा ने शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे द्वारा बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाने वाले बयान पर विरोध जताया है. दरअसल, शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने कहा है कि अगर किसी अभिभावक को प्राइवेट स्कूल में फीस देने में दिक्कत आ रही हो तो वह अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ने के लिए भेज सकते हैं. वहीं शिल्पी अरोड़ा ने इस बात पर विरोध जताते हुए कहा कि शिक्षा मंत्री ने पद पर रहने के दौरान प्राथमिक शिक्षा को किस कदर हाशिए पर धकेल दिया है. उसकी बानगी जिले में देखने को मिल रही है. उन्होंने कहा कि उधम सिंह नगर जनपद में प्राथमिक विद्यालयों के विलीनीकरण से शिक्षा व्यवस्था पटरी से उतर चुकी है. जिसको प्रभावी बनाने के लिए विभाग द्वारा महज आंकड़ों के दम पर वाहवाही लूटी जा रही है.

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उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्व में प्राथमिक स्कूलों के विलीनीकरण और अब कोरोना वायरस के प्रकोप से तमाम अभिभावक अपने बच्चों के बेहतर शैक्षिक भविष्य को लेकर चिंतित हैं. ऐसे में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे का यह बयान घोर निराशाजनक है. उन्होंने कहा कि राजकीय विद्यालयों में एनसीईआरटी की पुस्तकों की अनिवार्यता को लागू करने मात्र से बच्चोंं का भविष्य बेहतर नहीं बनेगा. इसके लिए कोरोना काल में सरकार को फीस वृद्धि और फीस माफी को लेकर भी प्रभावी कदम उठाए जाने की आवश्यकता है.

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