नैनीताल/उधमसिंह नगर: कृषि कानून को लेकर चौतरफा विरोध जारी है. ऐसे में विपक्ष लगातार मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए है. वहीं, किसान भी इन बिलों के विरोध में मुखर होकर सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी कड़ी में आज भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं और किसानों ने कृषि विधेयक के खिलाफ आवाज बुलंद कर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों की मांग है कि जब तक यह काला कानून वापस नहीं लिया जाता तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा.
रामनगर में कांग्रेस ने किया प्रदर्शन
बुधवार को रामनगर में कांग्रेस उपाध्यक्ष व पूर्व विधायक रणजीत सिंह रावत के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने ग्राम मालधन चौड़ से ट्रैक्टर रैली निकालकर कृषि विधेयक के खिलाफ जमकर हल्ला बोला है. यह रैली पीरुमदारा के अलावा कई ग्रामीण क्षेत्रों से होती हुई रामनगर पहुंची. जहां रानीखेत रोड पर हुई जनसभा में रणजीत सिंह रावत ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा पारित यह बिल किसान विरोधी है. ऐसे में राज्यसभा में बहुमत न होने के बाद भी सरकार ने आनन-फानन में इस काले कानून को किसानों के ऊपर थोपा है.
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गदरपुर तहसील में कांग्रेस ने किया प्रदर्शन
पूरे देश में किसान सड़क पर उतकर कृषि विधेयक का पुरजोर विरोध कर रहे हैं. वहीं, किसानों को इस प्रदर्शन में कांग्रेस का समर्थन भी मिल रहा है. ऐसे में आज गदरपुर तहसील में कांग्रेसियों व किसानों ने काली पट्टी बांधकर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए महामहिम के नाम ज्ञापन तहसीलदार को सौंपा.
इस दौरान कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री शिल्पी अरोड़ा ने कहा कि इस बिल के खिलाफ जिस तरह का माहौल देश में देखने को मिल रहा है. उससे उम्मीद है कि सरकार को मजबूर होकर इस काले कानून को वापस लेना ही होगा. केंद्र सरकार की तानाशाही अन्नदाता बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेंगे.
बाजपुर में किसानों ने निकाली ट्रैक्टर रैली
भले ही किसान बिल पास हो गया हो लेकिन किसानों का गुस्सा अभी भी सातवें आसमान पर है. ऐसे में इन बिलों के खिलाफ किसान भारी संख्या में सड़क पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी कड़ी में बाजपुर में भारतीय किसान यूनियन ने कृषि बिल के विरोध में ट्रैक्टर रैली निकाली और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया.
इस मौके पर भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष कर्म सिंह पड्डा ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार रावण के रूप में किसानों के साथ अत्याचार कर रही है. जिसे किसानों की जरा भी परवाह नहीं है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को किसानों का दर्द दिखाई नहीं दे रहा है. यही कारण है कि कृषि बिल को लेकर किसानों की सरकार सुध नहीं ले रही है.