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रजिस्ट्री को लेकर भिड़े अधिवक्ता और नायब तहसीलदार, एक-दूसरे पर लगाए गंभीर आरोप

दाखिल खारिज से पहले रजिस्ट्री को लेकर अधिवक्ता और नायब तहसीलदार के बीच हाथापाई की नौबत आ गई. वहीं, दोनों ने एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाते पुलिस में इस मामले की तहरीर दर्ज करवाई है.

controversy.
पंजीकरण को लेकर अधिवक्ता और नायब तहसीलदार में विवाद.
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Published : Nov 27, 2019, 10:49 PM IST

काशीपुर: शहर की तहसील में बुधवार शाम जमीन के दाखिल खारिज होने से पहले वसीयत के पंजीकरण को लेकर अधिवक्ता और नायब तहसीलदार के बीच विवाद हो गया. विवाद इतना बढ़ गया कि बात हाथापाई तक जा पहुंची. वहीं, मौके पर मौजूद लोगों ने किसी तरह इस मामले को शांत कराया. जिसके बाद दोनों पक्षों ने कोतवाली पहुंचकर एक-दूसरे के खिलाफ तहरीर दी. ऐसे में अब पुलिस इस पूरे मामले की जांच में जुट गई है.

अधिवक्ता और नायब तहसीलदार आपस में भिड़े.

ये है पूरा मामला
दरअसल, क्षेत्र के रहने वाले नवदीप कौर सहोता और हरदीप कौर सहोता के नाम से दो अलग-अलग फाइल दाखिल खारिज होने के लिए अधिवक्ता यामीन सिद्दीकी के जरिए तहसीलदार के पास भेजी गई. इसके बाद तहसीलदार ने फाइल को नायब तहसीलदार मोहन लाल यादव के न्यायालय में भेज दिया था. जिसके बाद अधिवक्ता यामीन सिद्दीकी और नायब तहसीलदार मोहन लाल यादव के बीच विवाद हो गया. विवाद इतना बढ़ गया कि नौबत हाथापाई तक जा पहुंची. वहां मौजूद लोगों ने दोनों के बीच किसी तरह इस मामले को शांत कराया. जिसके बाद दोनों पक्षों ने कोतवाली में पहुंचकर एक दूसरे के खिलाफ तहरीर दे दी है.

नायब तहसीलदार मोहन लाल यादव के मुताबिक, आगामी 30 नवंबर को उनका रिटायरमेंट है, इसलिए अधिवक्ता यामीन सिद्धकी के द्वारा पंजीकृत वसीयत से दाखिल खारिज कराने के लिए तहसीलदार के न्यायालय से उनके न्यायालय में ट्रांसफर करवा दी गई थी. इस पर उनके द्वारा आपत्ति लगा दी गई. इसको लेकर अधिवक्ता यामीन सिद्दीकी उनके कार्यालय में आए और उनको दबाव में लेने की कोशिश करने लगे. मना करने पर उन्होंने उनके साथ अभद्रता की और सरकारी कागजात फाड़ने की कोशिश की. उनका आरोप है कि अधिवक्ता यामीन सिद्दकी ने आगामी 30 नवंबर को उनके रिटायरमेंट के बाद जान से मारने की धमकी भी दी है.

ये भी पढ़ें: THDC निजीकरण के विरोध में उतरी कांग्रेस, जगह-जगह फूंका सरकार का पुतला

वहीं, अधिवक्ता यामीन सिद्दीकी ने अपने ऊपर लगाए सभी आरोपों को नकार दिया. पुलिस को दी तहरीर में उन्होंने बताया कि मामले में समस्त विधिक कार्रवाई पूरी होने के बाद पत्रावली नायब तहसीलदार मोहन लाल यादव के न्यायालय में आदेश के लिए गई थी. लेकिन, 15 से 20 दिन बीत जाने के बाद भी उन्होंने आदेश नहीं किए. साथ ही दो लाख रुपये की रिश्वत का दबाव बनाया. इस दौरान तहसील में सभी अधिवक्ता एकत्र हो गए. उन्होंने नायब तहसीलदार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.

काशीपुर: शहर की तहसील में बुधवार शाम जमीन के दाखिल खारिज होने से पहले वसीयत के पंजीकरण को लेकर अधिवक्ता और नायब तहसीलदार के बीच विवाद हो गया. विवाद इतना बढ़ गया कि बात हाथापाई तक जा पहुंची. वहीं, मौके पर मौजूद लोगों ने किसी तरह इस मामले को शांत कराया. जिसके बाद दोनों पक्षों ने कोतवाली पहुंचकर एक-दूसरे के खिलाफ तहरीर दी. ऐसे में अब पुलिस इस पूरे मामले की जांच में जुट गई है.

अधिवक्ता और नायब तहसीलदार आपस में भिड़े.

ये है पूरा मामला
दरअसल, क्षेत्र के रहने वाले नवदीप कौर सहोता और हरदीप कौर सहोता के नाम से दो अलग-अलग फाइल दाखिल खारिज होने के लिए अधिवक्ता यामीन सिद्दीकी के जरिए तहसीलदार के पास भेजी गई. इसके बाद तहसीलदार ने फाइल को नायब तहसीलदार मोहन लाल यादव के न्यायालय में भेज दिया था. जिसके बाद अधिवक्ता यामीन सिद्दीकी और नायब तहसीलदार मोहन लाल यादव के बीच विवाद हो गया. विवाद इतना बढ़ गया कि नौबत हाथापाई तक जा पहुंची. वहां मौजूद लोगों ने दोनों के बीच किसी तरह इस मामले को शांत कराया. जिसके बाद दोनों पक्षों ने कोतवाली में पहुंचकर एक दूसरे के खिलाफ तहरीर दे दी है.

नायब तहसीलदार मोहन लाल यादव के मुताबिक, आगामी 30 नवंबर को उनका रिटायरमेंट है, इसलिए अधिवक्ता यामीन सिद्धकी के द्वारा पंजीकृत वसीयत से दाखिल खारिज कराने के लिए तहसीलदार के न्यायालय से उनके न्यायालय में ट्रांसफर करवा दी गई थी. इस पर उनके द्वारा आपत्ति लगा दी गई. इसको लेकर अधिवक्ता यामीन सिद्दीकी उनके कार्यालय में आए और उनको दबाव में लेने की कोशिश करने लगे. मना करने पर उन्होंने उनके साथ अभद्रता की और सरकारी कागजात फाड़ने की कोशिश की. उनका आरोप है कि अधिवक्ता यामीन सिद्दकी ने आगामी 30 नवंबर को उनके रिटायरमेंट के बाद जान से मारने की धमकी भी दी है.

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वहीं, अधिवक्ता यामीन सिद्दीकी ने अपने ऊपर लगाए सभी आरोपों को नकार दिया. पुलिस को दी तहरीर में उन्होंने बताया कि मामले में समस्त विधिक कार्रवाई पूरी होने के बाद पत्रावली नायब तहसीलदार मोहन लाल यादव के न्यायालय में आदेश के लिए गई थी. लेकिन, 15 से 20 दिन बीत जाने के बाद भी उन्होंने आदेश नहीं किए. साथ ही दो लाख रुपये की रिश्वत का दबाव बनाया. इस दौरान तहसील में सभी अधिवक्ता एकत्र हो गए. उन्होंने नायब तहसीलदार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.

Intro:Summary- काशीपुर तहसील में आज शाम यह जमीन के दाखिल खारिज होने से पहले वसीयत के पंजीकृत तथा पंजीकृत को लेकर अधिवक्ता और नायब तहसीलदार के बीच विवाद हो गया। विवाद इतना बढ़ गया की नौबत हाथापाई तक जा पहुंची। मौके पर मौजूद लोगों ने किसी तरह मामले को शांत कराया। सूचना मिलने पर कोतवाली पुलिस भी तहसील पहुंच गई। दोनों पक्षों ने कोतवाली पहुंचकर एक-दूसरे के खिलाफ तहरीर दी है। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।

एंकर- काशीपुर तहसील में आज शाम यह जमीन के दाखिल खारिज होने से पहले वसीयत के पंजीकृत तथा पंजीकृत को लेकर अधिवक्ता और नायब तहसीलदार के बीच विवाद हो गया। विवाद इतना बढ़ गया की नौबत हाथापाई तक जा पहुंची। मौके पर मौजूद लोगों ने किसी तरह मामले को शांत कराया। सूचना मिलने पर कोतवाली पुलिस भी तहसील पहुंच गई। दोनों पक्षों ने कोतवाली पहुंचकर एक-दूसरे के खिलाफ तहरीर दी है। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।
Body:वीओ- दरअसल क्षेत्र के रहने वाले नवदीप कौर सहोता और हरदीप कौर सहोता के नाम से दो अलग अलग फाइल दाखिल खारिज होने के लिए अधिवक्ता यामीन सिद्दीकी के जरिए तहसीलदार के पास भेजी गई थी जिसको कि तहसीलदार ने नायब तहसीलदार मोहन लाल यादव के न्यायालय भेज दिया था। आज अधिवक्ता यामीन सिद्दीकी औऱ नायब तहसीलदार मोहन लाल यादव के बीच विवाद हो गया विवाद इतना बढ़ गया कि नौबत हाथापाई तक जा पहुंची। वहां मौजूद लोगों ने दोनों के बीच किसी तरह मामला शांत कराया। दोनों पक्षों ने कोतवाली में पहुंचकर एक दूसरे के खिलाफ तहरीर दे दी है। नायब तहसीलदार मोहन लाल यादव के मुताबिक आगामी 30 नवंबर को उनका रिटायरमेंट है। इसलिए अधिवक्ता यामीन सिद्धिकी के द्वारा पंजीकृत वसीयत से दाखिल खारिज कराने के लिए तहसीलदार के न्यायालय से उनके न्यायालय में ट्रांसफर करवा दी गई थी। जिस पर उनके द्वारा आपत्ति लगा दी गयी थी। जिसको लेकर आज अधिवक्ता यामीन सिद्दीकी उनके कार्यालय में आए तथा उनके दबाव में लेने की कोशिश की। मना करने पर उन्होंने उनके साथ अभद्रता की तथा उनके सरकारी कागजात फाड़ने की कोशिश करते हुए सरकारी कार्य में बाधा डाली। साथ ही उन्होंने कहा कि अधिवक्ता यामीन सिद्दकी ने आगामी 30 नवंबर को उनके रिटायरमेंट के बाद जान से मारने की धमकी भी दी। वही अधिवक्ता यामीन सिद्दीकी ने अपने ऊपर नाग तहसीलदार के द्वारा लगाए गए सारे आरोपों को एक सिरे से नकार दिया। पुलिस को दी तहरीर में उन्होंने कहा कि मामले में समस्त विधिक कार्यवाही पूर्ण होने के पश्चात वाह प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद पत्रावली नायब तहसीलदार मोहन लाल यादव के न्यायालय में आदेश हेतु उनके पास थी। मगर 15 से 20 दिन बीत जाने के बाद भी उन्होंने आदेश नहीं किए। साथ ही दो लाख रुपये की रिश्वत हेतु दबाव बनाया। इस दौरान तहसील में सभी अधिवक्ता एकत्र हो गए तथा उन्होंने नायब तहसीलदार तहसीलदार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। पुलिस पूरे मामले की जांच में जुट गई है।
बाइट- यामीन सिद्दकी, अधिवक्ता
बाइट- मोहन लाल यादव, नायाब तहसीलदारConclusion:
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