खटीमा: अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद भारत सरकार वहां से अपनों को निकालने के प्रयास में जुटी है. तीन दिन पहले एयर इंडिया की फ्लाइट से 129 लोग भारत पहुंचे थे. वहीं, अफगानिस्तान में फंसे उत्तराखंडवासियों को सकुशल प्रदेश वापस लाने की मुहिम में जुटे सीएम पुष्कर सिंह धामी ने रक्षा मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से फोन पर वार्ता की. सीएम धामी ने सभी उत्तराखंडवासियों को वापस लाने का आग्रह किया है.
उधम सिंह नगर जनपद की विधानसभा सीट खटीमा पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अफगानिस्तान में फंसे लगभग 160 उत्तराखंड वासियों की सकुशल वापसी के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं. सीएम ने बताया कि उत्तराखंड के जितने भी लोग वहां फंसे हैं उनकी सूची भारत सरकार को दी गई है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार और भारत सरकार अफगानिस्तान में फंसे सभी भारतीयों को निकालने के लगातार प्रयास कर रही हैं.
ऐसे प्रशासन को दें सूचना: अफगानिस्तान में फंसे उत्तराखंड के लोगों को वापस लाने के लिए राज्य सरकार पूरी कोशिश कर रही है. ऐसे में वहां फंसे लोगों के परिजन संबंधित व्यक्ति का नाम, पासपोर्ट और अन्य जानकारी अपने जिले के जिलाधिकारी या एसएसपी को दे सकते हैं. इसके साथ ही हेल्पलाइन नंबर 112 पर भी इसकी सूचना दी जा सकती है. इसके साथ ही अभिसूचना इकाई पुलिस कार्यालय देहरादून के टेलीफोन नंबर 0135-2710108 पर भी सूचना दी जा सकती है. इन नंबरों पर कोई भी अपने परिजन या परिचित के नाम, पते, मोबाइल नंबर और पासपोर्ट नंबर साझा कर सकते हैं.
बता दें, अफगानिस्तान की राजधानी काबुल समेत अधिकांश अफगानिस्तान पर पर तालिबानियों ने कब्जा कर लिया है. वहीं अफगानिस्तान में फंसे अन्य देशों के लोग वहां से निकलने की जुगत में लगे हुए हैं. सैकड़ों भारतीय भी अफगानिस्तान में फंसे हैं, उनमें कई उत्तराखंड के हैं, जिन्होंने एक वीडियो बनाकर 17 अगस्त को राज्य सरकार से मदद की गुहार लगाई थी.
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ये खबर ईटीवी भारत ने 17 अगस्त को प्रमुखता से प्रकाशित की थी. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ईटीवी भारत की इसी खबर का संज्ञान लिया. ईटीवी भारत से जानकारी लेने के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय ने काबुल में फंसे लोगों के परिजनों से संपर्क किया और हर संभव मदद का भरोसा दिया है. काबुल में फंसे लोगों के परिजनों ने मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों से कहा कि वो उनका संपर्क विदेश मंत्रालय के अधिकारियों से कर दें. ताकि वे दिल्ली में स्थित अफगान दूतावास को अपने परिजनों के बारे में जानकारी दे सकें.