काशीपुर: उत्तर भारत के प्रसिद्ध मेलों में शुमार काशीपुर में लगने वाले चैती मेले का आगाज 25 मार्च से किया जाएगा, जिसके तहत उपजिलाधिकारी ने अपने कार्यालय पर एक बैठक की, जिसमें टेंडर पास किए जाने पर चर्चा की गई. वहीं, पिछले साल की तुलना में इस बार राजस्व में बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद जताई जा रही है.
उधर दुकानदार भी इस बार आमदनी अच्छी होने की बात कह रहे हैं, जिससे वे अपने टेंडर में डाले गए पैसों की भरपाई कर सकेंगे. शुक्रवार को काशीपुर के उपजिलाधिकारी कार्यालय में मेले में लगने वाले झूले, तमाशे, सर्कस, बिजली व साउंड व्यवस्था, पार्किंग व्यवस्था और दुकानों की स्थापना व तहबाजारी की निविदाएं खोली गईं. वहीं, तहबाजारी के ठेके के लिए पीकेवी ने सबसे अधिक की बोली लगाई, इसके बाद दुकानों की स्थापना के लिए बोलियां लगाई गईं, जिसमें हिमाचल प्रदेश के रवींद्र सिंह ने सबसे अधिक की बोली लगाई.
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उधर पार्किंग व्यवस्था के लिए खुली निविदाओं में पंकज कुमार द्वारा सर्वाधिक बोली लगाई गई जो कि सात लाख 35 हजार रुपए की थी. साथ ही बिजली और साउंड व्यवस्था के लिए खुली निविदाओं में सर्वाधिक बोली गुप्ता इलेक्ट्रिकल ने लगाई जोकि 9 लाख एक हजार रुपए की रही. इसके बाद निविदाओं में सबसे आखिरी निविदाएं झूले, तमाशे और सर्कस की खुलीं, जिसमें सर्वाधिक बोली विजय कुमार मल्होत्रा द्वारा 85 लाख दस हजार एक सौ रुपए की लगाई गई.
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वहीं, उपजिलाधिकारी और मेलाधिकारी सुंदर लाल तोमर के साथ ही तहसीलदार विपिन चन्द्र पंत, सीओ चकबंदी संजय आर्य, कोषाधिकारी बाल कृष्ण उप्रेती, अपर सहायक अभियंता लोनिवि राजेंद्र प्रसाद टम्टा भी मौजूद रहे. बताया जा रहा है कि इस साल की निविदाओं में पिछले साल की अपेक्षा लगभग 80 लाख रुपए से अधिक राजस्व की प्राप्ति हुई है.