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चैती मेले में छाए पहाड़ी उत्पाद, लोग जमकर कर रहे खरीददारी

चैती मेला कुमाऊं का प्रसिद्ध मेला हैं. जिसमें दूर-दूर से व्यापारी पहुंचते हैं. वहीं, इस बार चैती मेले में स्थानीय उत्पाद छाए हुए हैं. लोग इन उत्पादों की जमकर खरीददारी कर रहे हैं.

चैती मेले में छाए स्थानीय उत्पाद.
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Published : Apr 30, 2019, 1:58 PM IST

Updated : Apr 30, 2019, 2:40 PM IST

काशीपुर: कुमाऊं का सुप्रसिद्ध चैती मेला अपने शबाब पर है. जहां एक ओर स्थानीय हस्तशिल्प लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं. वहीं, पहाड़ी उत्पाद भी लोगों को खूब पसंद आ रहे है. जिसके चलते लोग इन उत्पादों की जमकर खरीददारी कर रहे हैं. ऐसे में इस मेले में स्टॉल लगाने वाले व्यवसायियों के चेहरे खिले हुए हैं.

चैती मेले में छाए कुमाऊं और गढ़वाल के स्थानीय उत्पाद.

बता दें कि काशीपुर में चल रहे चैती मेले में इन दिनों पड़ोसी राज्य उत्तर- प्रदेश के साथ ही दिल्ली, राजस्थान और पंजाब के खाद्य पदार्थों की दुकानें लगी हुई हैं. इस साथ ही मेले में हथकरघा उद्योग की प्रदर्शनी के साथ ही पर्वतीय खाद्य उत्पादों की भी दुकानें लगी है. जिसमें काफी वैरायटी मिल रही है. ऐसे में पहाड़ी दालों से लेकर स्थानीय मसाले और जूस लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रहे है. कुमाऊं मंडल से आई देवकी देवी बताती है कि उनका परिवार मेले में पिछले 25 वर्षों से दुकान लगा रहा है.

पिथौरागढ़ से व्यवसाय के लिए आई देवकी देवी की दुकान में सोयाबीन से बनी नमकीन, चिप्स, भुजिया लोगों को काफी पसंद आ रही है. कुमाऊं नमकीन में मंडुआ स्टिक, मंडुआ चिप्स, मंडुआ भुजिया, मंडुवा, सोया प्लेन, सोया स्पाइसी, सोया स्टिक, मेथी सेव, सोया चिप्स, गहथ स्पाइसी, काले भट्ट की नमकीन, खट्टा- मीठा, नवरत्न वैरायटी उपलब्ध है.

जबकि, पौड़ी गढ़वाल के द्वारीखाल से आए विजय के प्रतिष्ठान में बुरांश का जूस, लीची का जूस, पहाड़ी चावल, दालें, राजमा, लोबिया जैसे अन्य पर्वतीय खाद्य पदार्थ उपलब्ध हैं, जो मेले में आए लोगों को काफी भा रहे हैं. चैती मेले में घूमने आने वाले आसपास तथा दूर- दराज के लोग इन पर्वतीय खाद्य पदार्थों को काफी पसंद कर रहे हैं.

काशीपुर: कुमाऊं का सुप्रसिद्ध चैती मेला अपने शबाब पर है. जहां एक ओर स्थानीय हस्तशिल्प लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं. वहीं, पहाड़ी उत्पाद भी लोगों को खूब पसंद आ रहे है. जिसके चलते लोग इन उत्पादों की जमकर खरीददारी कर रहे हैं. ऐसे में इस मेले में स्टॉल लगाने वाले व्यवसायियों के चेहरे खिले हुए हैं.

चैती मेले में छाए कुमाऊं और गढ़वाल के स्थानीय उत्पाद.

बता दें कि काशीपुर में चल रहे चैती मेले में इन दिनों पड़ोसी राज्य उत्तर- प्रदेश के साथ ही दिल्ली, राजस्थान और पंजाब के खाद्य पदार्थों की दुकानें लगी हुई हैं. इस साथ ही मेले में हथकरघा उद्योग की प्रदर्शनी के साथ ही पर्वतीय खाद्य उत्पादों की भी दुकानें लगी है. जिसमें काफी वैरायटी मिल रही है. ऐसे में पहाड़ी दालों से लेकर स्थानीय मसाले और जूस लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रहे है. कुमाऊं मंडल से आई देवकी देवी बताती है कि उनका परिवार मेले में पिछले 25 वर्षों से दुकान लगा रहा है.

पिथौरागढ़ से व्यवसाय के लिए आई देवकी देवी की दुकान में सोयाबीन से बनी नमकीन, चिप्स, भुजिया लोगों को काफी पसंद आ रही है. कुमाऊं नमकीन में मंडुआ स्टिक, मंडुआ चिप्स, मंडुआ भुजिया, मंडुवा, सोया प्लेन, सोया स्पाइसी, सोया स्टिक, मेथी सेव, सोया चिप्स, गहथ स्पाइसी, काले भट्ट की नमकीन, खट्टा- मीठा, नवरत्न वैरायटी उपलब्ध है.

जबकि, पौड़ी गढ़वाल के द्वारीखाल से आए विजय के प्रतिष्ठान में बुरांश का जूस, लीची का जूस, पहाड़ी चावल, दालें, राजमा, लोबिया जैसे अन्य पर्वतीय खाद्य पदार्थ उपलब्ध हैं, जो मेले में आए लोगों को काफी भा रहे हैं. चैती मेले में घूमने आने वाले आसपास तथा दूर- दराज के लोग इन पर्वतीय खाद्य पदार्थों को काफी पसंद कर रहे हैं.

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उत्तर भारत के सुप्रसिद्ध मेलों में शुमार कुमाऊ का प्रसिद्ध चैती मेला अपने चरम पर है। चैती मेले में जहां देश के विभिन्न राज्यों से विभिन्न उत्पादों की दुकान दुकानदार लेकर आए हुए हैं तो वही इस मेले में उत्तराखंड की कुमाऊं तथा गढ़वाल के प्रोडक्ट की अनुपम छटा बिखेरती दो दुकाने हथकरघा प्रदर्शनी में तराई के लोगों को अपनी ओर खासा आकर्षित कर रही हैं। इन दोनों दुकानों में जहां एक दुकान कुमाऊं के पिथौरागढ़ की है तो वहीं दूसरी गढ़वाल के द्वारीखाल पौड़ी गढ़वाल की है दोनों ही दुकानों पर पहाड़ी उत्पाद देखने को मिल रहे हैं तो वहीं ग्राहक भी इसकी तरफ खासे आकर्षित हो रहे हैं।


Body:वीओ- काशीपुर में इस समय चल रहे चैती मेले में जहां पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के साथ-साथ दिल्ली राजस्थान और पंजाब के खाद्य पदार्थों की दुकानें तथा अन्य खेल तमाशा, बच्चों के खेलकूद के सामान तथा अन्य घरेलू उपयोग में आने वाले सामानों की दुकान है जहां लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं तो वही इस चैती मेले में लगी हथकरघा प्रदर्शनी में कुमाऊं तथा गढ़वाल की दो दुकानों के जरिए पर्वतीय खाद्य उत्पादों की काफी संख्या में वैरायटी मिल रही हैं जिसमें पहाड़ी दालों से लेकर पहाड़ी चावल जूस आदि मुख्य रूप से शामिल है।

वीओ- जहां कुमाऊं की दुकान का नेतृत्व पिथौरागढ़ से पिछले 25 वर्षों से लगातार दुकान लगा रहे देवकी जोशी तथा उनका परिवार कर रहा है तो वही इस मेले में पौड़ी गढ़वाल से आए विजय सिंह अपनी दुकान के जरिए गढ़वाली खाद्य पदार्थ का नेतृत्व इस चैती मेले में कर रहे हैं। पिथौरागढ़ से आई देवकी जोशी बताती हैं कि इसके पहले उनके चारो बेटे इस दुकान को यहां पर लगाते थे लेकिन आप सभी नौकरी पेशा होने के कारण इस दुकान को आग में है और उनके पति लगाते हैं। कुमाऊं नमकीन के नाम से लगे इस दुकान में पहाड़ पर पैदा होने वाले अनाज तथा डालो तथा सोयाबीन का उपयोग नमकीन चिप्स भुजिया आदि के रूप में बनाकर अपने उत्पादों को दूर-दूर तक वह पहुंचा रहे हैं तो वहीं पर्वतीय खाद्यान्नों को देश में दूर-दूर तक पहुंचा रहे हैं। कुमाऊं नमकीन के लगे प्रतिष्ठान में मडुआ स्टिक, मडुआ चिप्स, मडुआ भुजिया, मडुवा लहसुन सेव, सोया प्लेन, सोया स्पाइसी, सोया स्टिक, मेथी सेव, सोया चिप्स गहत स्पाइसी, काले भट्ट की नमकीन, खट्टा मीठा, नवरत्न और कुमाऊं मिक्स आदि पहाड़ी उत्पादों की नमकीन है उपलब्ध है।

वीओ- देवकी जोशी का मानना है कि पहाड़ के पलायन को रोकने के लिए पहाड़ में लघु व्यवसाय तथा इस तरह के व्यवसाई होने काफी जरूरी है जिससे कि पहाड़ का युवा बेरोजगार ना हो तथा साथ ही साथ पहाड़ी उत्पादों को तथा पहाड़ी दालों को प्रोडक्ट के रूप में निखारा जा सके। उनके मुताबिक पहाड़ के जिस मडुवा, भट्ट, गहत और सोयाबीन को लोग गाय भैंसों को खिलाते थे उनका मूल्य संवर्धन कर इन सब को नमकीन के रूप में प्रयोग कर किया है।

वीओ- इसी तरह पौड़ी गढ़वाल के द्वारीखाल से आए विजय के प्रतिष्ठान में बुरांश का जूस, लीची का जूस, पहाड़ी चावल के साथ साथ पहाड़ी दालें, पहाड़ी राजमा, पहाड़ी लोबिया जैसे अन्य पर्वतीय खाद्य पदार्थ उपलब्ध है जो अपनी तरफ चैती मेले में आए लोगों को अपनी तरफ आकर्षित कर रहे हैं। चैती मेले में घूमने आने वाले काशीपुर तथा आसपास तथा दूर दराज के क्षेत्र के लोग इन पर्वतीय खाद्य पदार्थ एवं जूस आदि तथा नमकीन आदि को खूब पसंद कर रहे हैं तथा इसको जमकर खरीद रहे हैं।

बाइट- देवकी जोशी, पिथौरागढ़ से आई दुकानदार
बाइट- विजय, पौड़ी गढ़वाल से आए दुकानदार
बाइट- विजयपाल, ग्राहक
बाइट- आनंदी, ग्राहक



Conclusion:विजय और देवकी जोशी की यह छोटी-सी पहल उन लोगों के लिए एक संदेश का काम करेगी जो कि यह समझते हैं कि पहाड़ पर रोजगार बिल्कुल नहीं है ऐसे में इन उत्पादों को जरूरत है विजय जैसे नवयुवकों की जो कि पहाड़ के अनाज और दालों का प्रचार करके यहां के उत्पादों को दूर-दूर तक पहुंचा सके।
Last Updated : Apr 30, 2019, 2:40 PM IST
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