काशीपुर: पुलिस और आबकारी विभाग कच्ची और अवैध शराब के काले कारोबार पर लगाम लगाने में नाकाम साबित हो रहा है. जिस वजह से शहर में अवैध शराब का कारोबार खूब फल-फूल रहा है. वहीं कच्ची शराब की वजह से कई लोगों की जान भी जा चुकी है. ऐसे में टांडा उज्जैन की कुछ महिलाओं ने अवैध शराब के खिलाफ अभियान शुरू किया. 'कच्ची गैंग' के नाम से बने महिलाओं के ग्रुप ने शहर से शराब के अवैध व्यापार को खत्म करने का निर्णय लिया है.
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कच्ची और अवैध शराब के खिलाफ कच्ची गैंग ने जो अभियान चलाया है उसका असर भी दिखने लगा है. इस गैंग के खौफ से लोगों ने या तो अवैध शराब का काम छोड़ दिया है या फिर वो भाग खड़े हुए हैं. इनता ही नहीं कच्ची गैंग की महिलाएं नशे के प्रति लोगों को जागरूक भी कर रही हैं. इनकी वजह से क्षेत्र के दर्जनों युवा नशीले पदार्थों का त्याग करके मुख्य धारा में जुड़ गए हैं.
कुछ महीने पहले तक काशीपुर के टांडा उज्जैन क्षेत्र में कच्ची शराब का काला कारोबार चरम पर था. इससे न सिर्फ इलाके के युवाओं का जीवन बर्बाद हो रहा था, बल्कि गांव की महिलाओं और लड़कियों का भी घर से निकलना मुश्किल हो गया था.
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कच्ची गैंग की लीडर गीता रावल ने बताया कि जब बात बर्दाश्त से बाहर हो गई तो यहां की महिलाओं ने इसके खिलाफ जंग लड़ने की ठानी. इसके लिए उन्होंने कच्ची गैंग के नाम से ग्रुप बनाया. गीता रावल के मुताबिक शाम होते ही कच्ची गैंग की महिलाएं हाथों में लाठी-डंडे लेकर निकल पड़ती हैं. इस दौरान जहां भी कच्ची शराब का काला कारोबार चलता है उनकी तलाश करके नष्ट करती हैं. इस दौरान यदि कोई नशे में मिल जाता है तो उसकी भी तब तक जमकर क्लास ली जाती है जब तक उसका नशा काफूर नहीं हो जाता.
ये साहसी महिलाएं सिर्फ एक डंडे के ज़ोर पर कच्ची शराब बेचने वालों से भिड़ जाती हैं. इस गैंग ने न कच्ची शराब के कारोबार की कमर तोड़ दी, बल्कि कई लोगों को नशीले पदार्थों का त्याग कराके उन्हें मुख्यधारा से भी जोड़ा. ये गैंग अब तक हजारों लीटर शराब के साथ ही इस व्यवसाय को अंजाम देने वालों को कई बार पुलिस के हवाले कर चुकी है. इस गैंग से जुड़ी महिलाएं बताती है उनके इस अभियान को पुलिस का सहयोग नहीं मिलता है.