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लॉकडाउन में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ईंट-भट्ठे शुरू करने की अनुमति - खटीमा न्यूज

उत्तराखंड सरकार की कोशिश लॉकडाउन में पटरी से उतर चुकी अर्थव्यवस्था को गति देने की है. ताकि लोगों के लिए रोजगार के अवसर खुल सकें.

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Published : May 8, 2020, 2:50 PM IST

Updated : May 24, 2020, 2:33 PM IST

खटीमा: लॉकडाउन के बीच सरकार ने ईंट-भट्ठों के संचालन को भी अनुमति दे दी है. उत्तराखंड के तराई क्षेत्र में कई ईंट-भट्ठे हैं. इसी के साथ प्रशासन ने भी नई ईटों के निर्माण के लिए मिट्टी खनन की परमिशन देनी शुरू कर दी है. तराई क्षेत्र में ईंट-भट्ठों के संचालन से मजदूर वर्ग को काम मिलना शुरू हो जाएगा. कुछ लोगों को फिर रोजगार मिलने लगेगा.

लॉकडाउन थ्री में फिर से अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए राज्य सरकार काफी प्रयास कर रही है. यही कारण है कि छोटे-मोटे उघोग-धंधों को संचालन की अनुमति दी जा रही है. इसी में से हैं ईंट-भट्ठे. हालांकि ईंट-भट्ठों के संचालन से पहले मालिक को प्रशासन से अनुमति लेनी पड़ेगी.

पढ़ें- नंदादेवी राष्ट्रीय पार्क में छिपे हो सकते हैं शिकारी, बढ़ाई गश्त

नियम अनुसार लेबर के रहने का इंतजाम ईंट-भट्ठे पर करना होगा. साथ ही प्रशासन को भी इसकी सूचना देनी पड़ेगी, ताकि समय-समय पर लेवर के स्वास्थ्य का परीक्षण होता रहे. साथ ही अपनी पुरानी ईंटों को बेचने के लिए वाहनों के पास भी लेने होंगे.

खटीमा उपजिलाधिकारी के मुताबिक ईंट-भट्ठे को शुरू करने के लिए और नयी ईंटों के निर्माण हेतु स्थानीय प्रशासन मानकों के अनुसार परमिशन दे रहा है.

खटीमा: लॉकडाउन के बीच सरकार ने ईंट-भट्ठों के संचालन को भी अनुमति दे दी है. उत्तराखंड के तराई क्षेत्र में कई ईंट-भट्ठे हैं. इसी के साथ प्रशासन ने भी नई ईटों के निर्माण के लिए मिट्टी खनन की परमिशन देनी शुरू कर दी है. तराई क्षेत्र में ईंट-भट्ठों के संचालन से मजदूर वर्ग को काम मिलना शुरू हो जाएगा. कुछ लोगों को फिर रोजगार मिलने लगेगा.

लॉकडाउन थ्री में फिर से अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए राज्य सरकार काफी प्रयास कर रही है. यही कारण है कि छोटे-मोटे उघोग-धंधों को संचालन की अनुमति दी जा रही है. इसी में से हैं ईंट-भट्ठे. हालांकि ईंट-भट्ठों के संचालन से पहले मालिक को प्रशासन से अनुमति लेनी पड़ेगी.

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नियम अनुसार लेबर के रहने का इंतजाम ईंट-भट्ठे पर करना होगा. साथ ही प्रशासन को भी इसकी सूचना देनी पड़ेगी, ताकि समय-समय पर लेवर के स्वास्थ्य का परीक्षण होता रहे. साथ ही अपनी पुरानी ईंटों को बेचने के लिए वाहनों के पास भी लेने होंगे.

खटीमा उपजिलाधिकारी के मुताबिक ईंट-भट्ठे को शुरू करने के लिए और नयी ईंटों के निर्माण हेतु स्थानीय प्रशासन मानकों के अनुसार परमिशन दे रहा है.

Last Updated : May 24, 2020, 2:33 PM IST
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